Important Questions for Chapter 1 साखी Class 10 Sparsh
Important Questions1
मीठी वाणी बोलने से क्या होता है?
Answer
कबीर का मानना है कि मीठी वाणी बोलने से लोगों को सुख और आनंद की अनुभूति होती है। साथ ही खुद के तन और अपने हृदय को भी शीतलता मिलता है।
SAQ
2
हमें निंदक को अपने पास क्यों रखना चाहिए?
Answer
कबीरदास जी यह कहते हैं कि निंदक यानी आलोचक को सदा अपने समीप (पास) रखना चाहिए, क्योंकि निंदक (आलोचक) बिना साबुन-पानी के हमारे स्वभाव को साफ कर देता है अर्थात वह हमारी बुराइयाँ बता कर उन्हें सुधारने का मौका देता है।
SAQ
3
कौन सा दीपक दिखाई देने पर कैसा अंधकार मिट गया?
Answer
कबीरदासजी कहते हैं कि जब मैंने ज्ञान रूपी दीपक के दर्शन कर लिए, तब अज्ञान रूपी अंधकार मिट गया अर्थात् अहं भाव को त्याग कर ही मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। जब तक अहंकार विद्यमान होता है तब तक अज्ञान नहीं मिटता।
SAQ
4
कबीर के अनुसार ईश्वर कहाँ निवास करता है?
Answer
कबीर के अनुसार ईश्वर का निवास घट-घट में है यानी वह हर कण-कण में बसा है। ईश्वर प्रत्येक मनुष्य के हृदय में निवास करता है परन्तु अज्ञानता के कारण मनुष्य उसे देख नहीं पाता इसलिए मनुष्य ईश्वर को मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे और तीर्थ स्थलों में जाकर ढूँढता है।
SAQ
5
कबीरदास जी ने सच्चा ज्ञान किसे कहा है?
Answer
कबीरदास जी के अनुसार ईश्वर को जानना ही सच्चा ज्ञान है| पुस्तकों से सच्चा ज्ञान प्राप्त नहीं होता क्योंकि पुस्तकें पढ़-पढ़ कर लोग जीवन को व्यर्थ ही गँवा देते हैं। ईश्वर ही एक मात्र सत्य है, उसे जानने वाला और उससे प्रेम करने वाला ही सच्चा ज्ञानी है।
SAQ
6
‘एकै आषिर पीव का’ पढ़ै सु पंडित होइ’ पंक्ति के द्वारा कवि क्या कहना चाहता है ?
Answer
‘एकै आषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होइ।’ पंक्ति के द्वारा कवि यह कहना चाहता है ईश्वर-भक्ति का एक अक्षर भी पढ़ लिया होता तो वह पंडित बन जाता यानी ईश्वर ही एकमात्र सत्य है, इसे जाननेवाला ही वास्तविक ज्ञानी है|
SAQ
7
'जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि है मैं नाँहिं' का क्या आशय है? लिखिए।
Answer
कबीर कहते हैं कि जब तक मनुष्य के मन में अहंकार होता है तब तक उसे ईश्वर की प्राप्ति नही होती। जब उसके अंदर का अंहकार मिट जाता है यानी अज्ञान रूपी अंधकार मिटता है तब उसे ईश्वर रूपी ज्ञान का आलोक मिलता है।
SAQ
8
अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने क्या उपाय सुझाया है?
Answer
अपने स्वभाव को निर्मल बनाने के लिए कबीर ने निंदक को अपने पास रखने के लिये कहा। निन्दक अपनी आलोचनाओं से हमें हमारी बुराइयों का ज्ञान कराता है और हम उन्हें दूर कर लेते हैं। ऐसा करने से हमारा स्वभाव अपने आप ही निर्मल हो जाएगा|
SAQ
9
कबीरदास की साखियों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Answer
कबीरदास जी की साखियाँ मनुष्य को नीति संबंधी शिक्षा देती हैं। यह मनुष्य को जीवन जीने का तरीका सिखाती हैं| इन्हें पढ़कर मनुष्य बाह्यांडबरों से दूर रहने, आपसी ईर्ष्या और द्वेष भुलाकर ईश्वर प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहने की प्रेरणा देती हैं| जनमानस में व्याप्त बुराइयों को दूर करना कबीरदास जी की साखियों का प्रमुख उद्देश्य है।
SAQ