जो देखकर भी नहीं देखते

Revision Notes for Chapter 11 जो देखकर भी नहीं देखते Class 6 Vasant

CBSE NCERT Revision Notes

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सार 1

Answer

यह पाठ हेलेन केलेर द्वार लिखा एक निबंध है जो दृष्टिहीन एवं बधिर थी। उनकी सहेली कुछ समय पहले जंगल की सैर करके आई थीं परन्तु पूछने पर उसने कहा उसने कुछ खास नहीं देखा। चूँकि ऐसा सुनने की लेखिका को आदत पड़ चुकी थी इसलिए उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ| साथ ही उन्हें यह भी लगता था की कोई इतना घूमकर भी विशेष चीज़ कैसे नहीं देख सकता, जबकि वे अंधी होते हुए भी सब कुछ देख लेती है।

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सार 2

Answer

वे रोज़ाना सैकड़ों चीज़ों को छूकर और महसूस कर पहचान लेती हैं जैसे भोजपत्र की चिकनी छाल, चीड़ की खुरदरी छाल, वसंत में खिली कलियाँ तथा फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह आदि| इन सबको स्पर्श करने से उन्हें आनंद प्राप्त होता है| अपनी अँगुलियों के बीच बहते पानी को महसूस करने से उन्हें आनंद मिलता है| बदलता हुआ मौसम उनके जीवन में खुशियाँ भर देता है| लेखिका को लगता है जब इन सब चीजों को छूने मात्र से ही इतनी खुशी मिलती है अगर वे इन सबको देखतीं तो उन में खो जातीं।

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सार 3

Answer

उनके अनुसार जिनकी आँखें होती हैं वे लोग बहुत ही कम देखते हैं। वे प्रकृति को लेकर असंवेदनशील होते हैं| मनुष्य के पास जिस चीज़ की कमी होती है, वह उसे प्राप्त करने के लिए लालायित रहता है। ईश्वर से मिली दृष्टि को मानव एक साधारण-सी चीज़ समझकर उसका उचित प्रयोग नहीं । करता है, जबकि इसके उचित प्रयोग से जीवन में खुशियों के इंद्रधनुषी रंग भरे जा सकते हैं।

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कठिन शब्दों के अर्थ-

Answer

• परखने - जाँचने
• अचरज - आश्चर्य, हैरानी
• रोचक - अच्छी लगने वाली
• समाँ - वातावरण
• मुग्ध - मोहित
• क्षमता - ताकत
• कदर - पहचानना
• आस - उम्मीद
• नियामत - ईश्वर की देन
• इंद्रधनुषी रंग - अनेक प्रकार के रंग