जो देखकर भी नहीं देखते

NCERT Solutions for Jo Dekhkar Bhi Nahi Dekhte Class 6 Vasant Hindi

Book Solutions

1

'जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं ' हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था?

Answer

जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं ' हेलेन केलर को ऐसा इसलिए लगता था क्योंकि जब कोई चीज़ हमारे पास बहुत समय के लिए होती है तो हमें उसकी कदर नहीं होती | तथा हम प्रकृति को अनेक बार आँखों से देख चुके होते हैं इसलिए हमें उनकी कद्र नहीं होती |
निबंध से 

2

'प्रकृति का जादू' किसे कहा गया है?

Answer

प्रकृति में होने वाले दिन प्रतिदिन के परिवर्तनों को प्रकृति का जादू कहा गया है | प्रकृति में विभिन्न प्रकार के पेड़- पौधें, फल - फूल, नदी - झरना, पशु - पक्षी आदि प्रकृति के जादू हैं ।
निबंध से 

3

'कुछ खास तो नहीं' - हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ?

Answer

प्रकृति के बहुत सारे आकर्षक नज़ारे होने के बावजूद भी हेलेन कि मित्र कहती है कि उन्हें कुछ खास नहीं दिख रहा | हेलेन को यह सुनकर आश्चर्य इसलिए नहीं हुआ क्योंकि वह जानती है कि जब कोई चीज़ हमारे पास बहुत समय के लिए होती है तो हमें उसकी कदर नहीं होती |
निबंध से 

4

हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ो को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ के आधार पर इसका उत्तर लिखो ।

Answer

हेलेन भोजपत्र पेड़ की चिकनी छाल, चीड़ कि खुरदरी छाल, टहनियों कि नवीन कलियों, फूलो की पंखुडियों को छूकर या सूंघकर पहचान लेती थी |
निबंध से 

5

'जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुष रंगों से हरा - भरा किया जा सकता हैं' - तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?

Answer

हेलेन कहना चाहती है कि प्रकृति के मन-मोहक दृश्यों को देखकर हम अपना जीवन को खुशियों से भर सकते हैं ।
निबंध से 

1

आज तुमने अपने घर से आते हुए बारीकी से क्या-क्या देखा-सुना? मितरों के साथ सामूहिक चर्चा करो |

Answer

आज मैंने विद्यालय से आते हुए देखा कि एक अंधा बुजुर्ग व्यक्ति अकेले ही सड़क पार कर रहे थे, तब मैंने उन्हें उनका हाथ पकडकर सड़क पार कराया |
निबंध से आगे 

2

कान से न सुन पाने के पर आस-पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और कक्षा में पढ़कर सुनाओ ।

Answer

कान से न सुन पाने के कारण हमें दुनिया अजीब लगेगी क्योंकि हम लोगों की बातें सुन नहीं पाएंगे तथा उन्हें अपनी बात समझा नहीं पाएंगे जिससे विचारों का आदान-प्रदान करने में परेशानी होगी ।
निबंध से आगे 

3

तुम्हें किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने का मौका मिले जिसे दिखाई न देता हो तो तुम उससे सुनकर, सूँघकर, चखकर, छूकर अनुभव की जानेवाली चीज़ों के संसार के विषय में क्या-क्या प्रश्न कर सकते हो? लिखो|

Answer

हम उनसे पूछेंगे कि :

क्या आप लोगों की आवाज़ सुनकर उन्हें पहचान लेते हैं?

आपको किसी व्यंजन की खुशबू से या उसे चखने के बाद व्यंजन के बारे में पता लग जाता है?

क्या आप वस्तुओं को छूकर उन्हें पहचान लेते हैं?

निबंध से आगे 

4

हम अपनी पाँचों इंद्रियों में से आँखों का इस्तेमाल सबसे ज़्यादा करते हैं| ऐसी चीजों के अहसासों की तालिका बनाओ जो तुम बाकी चार इंद्रियों से महसूस करते हों -

सुनकर   चखकर  सूँघकर   छूकर

Answer

सुनकर - संगीत व कोयल की मधुर ध्वनि, शीतल बहती पवन की आवाज़, कौए की कर्कश ध्वनि

सूँघकर - गोलगप्पे व खाने की खुशबू, इत्र व पुष्पों की सुगंध

चखकर - विभिन्न व्जंजन

छुकर - किसी वस्तु का तापमान, वस्त्रों में भिन्नता

निबंध से आगे 

1

पाठ में स्पर्श से संबंधित कई शब्द आए हैं| नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए है | बताओ कि किन चीज़ों का स्पर्श ऐसा होता है -

चिकना

चिपचिपा

मुलायम

खुरदरा

सख्त

भूरभूरा

Answer

चिकना - तेल, घी, क्रीम, दूध की मलाई

चिपचिपा - गोंद

मुलायम - मखमली कपड़ा

खुरदरा - पेड़ का तना, चट्टान

सख्त - लोहा, दीवार, पत्थर

भुरभुरा - रेत, चूरमा

 

भाषा की बात 

2

अगर मुझे इन चीजों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा |

ऊपर रेखांकित संज्ञाएँ क्रमशः किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं | ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञाएँ कहलाती हैं| गुण और भाव के अलावा भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है| भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ़ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। आगे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ो और समझो। इनमें से कुछ शब्द संज्ञा और कुछ क्रिया से बने हैं | उन्हें भी पहचानकर लिखो -

मिठास

भूख

शांति

भोलापन

बुढ़ापा

घबराहट

बहाव

फुर्ती

ताज़गी

क्रोध

मज़दूरी

अहसास

Answer

भाववाचक संज्ञा

मूलशब्द

संज्ञा/विशेषण/क्रिया

मिठास

मीठा 

विशेषण

भूख

भूखा

विशेषण

शांति

शांत

विशेषण

भोलापन

भोला

विशेषण

बुढ़ापा

बूढ़ा

विशेषण

घबराहट

घबराना

क्रिया

बहाव

बहना

क्रिया

फुर्ती

फुर्तीला

विशेषण

ताज़गी

ताज़ा

विशेषण

क्रोध

क्रोध

विशेषण

मज़दूरी

मज़दूर

संज्ञा

अहसास

अहसास

विशेषण

भाषा की बात 

3

मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदि हो चुकी हूँ ।

उस बगीचे में आम, अमलतास, सेमल आदि तरह - तरह के पेड़ थे ।

ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में रेखांकित शब्द देखने में मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ भिन्न-भिन्न हैं । नीचे एसे कुछ और शब्द दिए गए हैं । वाक्य बनाकर उनका अर्थ स्पष्ट करो-

अवधि - अवधी      

ओर - और

में मैं       

दिन- दीन

मेल - मैल    

सिल – शील

Answer

अवधि - समयकाल

हमारे प्रधमंत्री के कार्यकाल की अवधि 5 वर्ष है ।

अवधी - भाषा

अवध क्षेत्र में अवधी बोली जाती है

में - राम ने पत्र में लिखा |

मैं - मैं आज बाजार जाऊंगा |

मेल - हमें रिश्तेदारों से मेल करते रहना चाहिए | मैल - रमेश के कपड़ो के बहुत मैल भरा है।

ओर - अभिलाषा मंदिर की ओर जा रही थी

और - कीर्ति और माधुरी बहुत अच्छे दोस्त हैं।

दिन - मैं सोमवार के दिन व्रत रखता हूँ। दीन = हमें दीन लोगों की सहायता करनी चाहिए |

सिल - घरो में सिल पर मसालें पीसे जाते हैं।

शील - हमें सदैव शील व्यवहार करना चाहिए |

 

भाषा की बात 

1

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1. इस तस्वीर में तुम्हारी पहली नज़र कहाँ जाता है?

2. गली में क्या - क्या चीज़ें हैं?

3. इस गली में हमें कौन - कौन सी आवाज़ें सुनाई देती होंगी?

सुबह के वक़्त     

दोपहर के वक़्त

शाम को वक़्त     

रात के वक़्त

4. अलग - अलग समय में ये गली कैसे बदलती होगी?

5. ये तारें गली को कहाँ - कहाँ से जोड़ती होंगी?

6. साइकिलवाला कहाँ से आकर कहाँ जा रहा होगा?

Answer

1. इस तस्वीर में सबसे पहली नज़र पेड़ों पर पड़ती हैं ।

2. गली में एक स्कूटर वाला तथा साइकिल वाला खड़ा हुआ है । गली के बगल में दुकाने लगी हुई है। घरो की बालकनी से कपड़े लटक रहे हैं । गली के एक तरफ ऑटो रिक्शा तथा साइकिल व मोटरसाइकिल ख़डी है |

3. सुबह के वक़्त - पक्षियों की चहचाहट, फेरी वालों की आवाज़ें।

दोपहर के वक़्त - कार, मोटरसाइकिल की आवाज़ें, दुकानदारों की आवाज़ें।

शाम के वक़्त - बच्चों के खेलने की आवाज़ें, लोगों की बातचीत ।

रात के वक़्त - कुत्तों के भोंकने की आवाज़ें, चौकीदारों की आवाज़ें।

4. अलग - अलग समय में गली की चहल-पहल में बदलाव आता होगा | जैसे सुबह व शाम को रात में लोगो का आना - जाना बढ़ जाता है तथा दिन में व रात को चहल - पहल कम हों जाती है ।

5. इस गली की दूरभाष की तारे इसे दूसरी गलियों तथा शहरों से जोड़ती हैं | टीवी की केबल के माध्यम से दूर क्षेत्रो में प्रसारण किया जाता है।

6. साइकिल एक बच्चा चला रहा है| वह शायद अपने घर से विद्यालय जा रहा होगा |

अनुमान और कल्पना