Extra Question Answer for Chapter 7 Class 6 Hindi
Important Questions1
(ii) विद्युत के बिना जलने वाले दीयों से मार्ग नहीं मिल सकता।
(iii) कवि ने तिमिर की सरित पार करने के लिए दीप की नाव तैयार की थी।
(iv) अनगिनत दीयों को हवा ने बुझाया है।
(v) कविता में अमावस की रात की सुंदरता का वर्णन किया गया है।
Answer
(i) गलत(ii) सही
(iii) सही
(iv) सही
(v) गलत
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(क) अमवस
(ख) अमावस्या
(ग) अमवास
(घ) आमावस
Answer
(ख) अमावस्या3
(क) मिट्टी के
(ख) सोने के
(ग) स्नेह भरे
(घ) चाँदी के
Answer
(ग) स्नेह भरे4
(क) बिजली चमकने से
(ख) बिजली के बल्बों के जलने के कारण
(ग) बल्ब लगाने के कारण
(घ) बादल छाने के कारण
Answer
(ख) बिजली के बल्बों के जलने के कारण5
(क) शक्ति
(ख) अँधेरा
(ग) धरा
(घ) दिवस
Answer
(क) शक्ति6
(क) रूपक
(ख) श्लेष
(ग) उपमा
(घ) अनुप्रास
Answer
(ग) उपमा7
(क) चुनाव
(ख) चुनना
(ग) चुनकर
(घ) ललकार
Answer
(घ) ललकार8
(क) सोम
(ख) वसुंधरा
(ग) वाटिका
(घ) श्यामा
Answer
(ख) वसुंधरा9
(ii) कविता में _____ के दीयों को जलाने की बात की गई है।
(iii) विज्ञान में इतनी _____ है कि वह अमावस की रात को पूर्णिमा की रात में बदल सकता है।
(iv) कविता में _____ की चुनौती को स्वीकार करने की बात की गई है।
(v) जब तक धरा पर ___________ भी दिया जलता रहेगा, किसी दिन निशा को सवेरा अवश्य मिलेगा।
Answer
(i) द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी(ii) स्नेह
(iii) शक्ति
(v) तिमिर (अंधकार)
(v) एक
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(ii) किसके दीयों को जलाने की बात की गई है?
(iii) अंधकार को पार करने के लिए किसकी नाव बनाई गई थी?
(iv) कविता में किसके बिना मार्ग नहीं मिल सकता?
(v) कविता में किस समय को सवेरा मिलने की उम्मीद की गई है?
Answer
(i) द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी(ii) स्नेह
(iii) दीप
(iv) स्नेह
(v) निशा
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Answer
युगों से तिमिर की शिला पर अनगिनत दीये जलते रहे हैं।12
Answer
कवि ने विज्ञान की शक्ति की तुलना स्नेह और प्रेम से की है।13
Answer
वर्तमान समय कवि ने में विद्युत से जलने वाले दियों की बात कही है।14
Answer
कविता में कहा गया है कि जो ज्योति स्वयं बुझ गई है, उसी से तिमिर को उजाला मिलेगा।15
Answer
अनगिनत दीप तिमिर की शिला पर जलाए जा रहे हैं।16
Answer
कवि दुनिया में ‘स्नेह के दिये’ जलाने की बात करते हैं।17
Answer
यदि हर व्यक्ति अपना कर्त्तव्य समझ ले और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करे तो पूरी दुनिया सुंदर बन जाएगी।18
Answer
कविता हमें निराश न होने चुनौतियों का सामना करने और सबके कल्याण के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।19
Answer
दीये और तूफ़ान की कहानी चली आ रही है और चलती रहेगी।20
Answer
कविता में स्नेह और प्रेम के दीयों को जलाने की बात की गई है ताकि अंधकार मिट सके।21
Answer
कवि ने तिमिर की चुनौती को दीप जलाकर और तिमिर की सरित पार करने के लिए दीप की नाव बनाकर स्वीकार किया था।22
Answer
पूर्णिमा की रात चंद्रमा पूरा दिखने लगता है। इसके बाद कला धीरे-धीरे घटती रहती है। चंद्रमा की कलाओं के बढ़ने के दिनों को; ‘शुक्ल पक्ष’ कहते हैं।23
Answer
मनुष्य दीप की नाव तैयार करे। लगातार दीप नाव बहेगी तो अंधकार का किनारा ज़रूर मिलेगा।24
Answer
धरा पर अँधकार को मिटाने के लिए हम प्रेम व सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें। विद्युत – दिए न जलाकर प्रेम से भरे तेल रूपी दीप जलाने चाहिए।25
”भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह
कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा–सी
पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए ।
Answer
कवि विज्ञान की शक्ति और उसकी अच्छाइयों से अनभिज्ञ नहीं है। विज्ञान के आविष्कार मानव के सतत प्रयास के ही फल हैं। आज हमारे पास सुख-सुविधा के जितने साधन हैं, वे मनुष्य के अथक परिश्रम के ही फल हैं। अपनी कुशलता, समझदारी, बुद्धि के बल पर ही मानव सुखों से भरा ऐश्वर्यपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा है। विज्ञान का उपयोग मानव की भलाई के लिए ही हो, विनाश के लिए नहीं । आज प्रत्येक देश एक-से-एक खतरनाक हथियार बनाने की होड़ में लगा है। हमने अपना प्रेमभरा जीवन छोड़कर मशीनी जीवन अपना लिया है। बिजली के बल्व रोशनी तो दे रहे हैं, उजाला कर रहे हैं, किंतु आवश्यकता है स्नेह के तेल से बने दिये जलाने की अर्थात् प्रेमभाव बढ़ाने की ।26
‘कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा,
इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
Answer
आज मानव मशीनी जीवन जी रहा है। मशीन को भी आराम और मरम्मत की आवश्यकता होती है। लोगों का मिलकर बैठना समाप्त होता जा रहा है। उत्सवों में मिलना भी क्षणिक हो गया है। हर व्यक्ति और अधिक अमीर बनने की होड़ में रिश्तों को समाप्त करता जा रहा है। प्रेम का केवल दिखावा मात्र फोन के माध्यम से रह गया है। जब हम केवल नाम के मशीनी रिश्ते निभा कर इतिश्री समझ लेते हैं तो दूसरी ओर लोग इस प्रयास में सतत लगे हुए हैं कि हमारा आपसी मेल- जोल दुबारा वापिस आ जाए। जब कोई कार्य निःस्वार्थ भाव से किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है और इस प्रयासरत समूह को भी कभी तो इस तिमिर का अंत करने का उपाय मिल जाएगा।27
‘मगर बुझ स्वयं ज्योति जो दे गए वे
उसी से तिमिर को उजाला मिलेगा’
पंक्तियों से क्या अभिप्राय है?
Answer
विश्व में अनेक ऐसे महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन मानव-कल्याण में लगा दिया। उन्होंने अपने लिए न सोचकर मानव-कल्याण की भावना को सर्वोपरि स्थान दिया। उन्होंने समाज कल्याण के लिए अपना तन-मन-धन अर्पित कर दिया। वर्तमान काल में भी ऐसे अनेक संस्थाएँ एवं मनुष्य हैं जो समाज – कल्याण के कार्यों में निरंतर संलग्न हैं। उनके द्वारा ज्ञान और प्रेम का प्रकाश दिया गया है और दिया जा रहा है। उसी से बुराइयों का अंत होगा और प्रेम का प्रकाश फैलेगा।28
जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर
कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा ।
भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह
कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा – सी,
मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में
घिरी आ रही है अमावस निशा-सी ।
बिना स्नेह विद्युत – दिये जल रहे जो
बुझाओ इन्हें यों न पथ मिल सकेगा ।। (पृष्ठ 60)
(क) कवि क्या जलाने की बात कर रहे हैं?
(i) बिजली
(ii) बल्ब
(iii) स्नेह के दिये
(iv) मिट्टी के दिये
(ख) कवि दीपक में क्या भरकर जलाने की प्रेरणा दे रहे हैं?
(i) स्नेह रूपी तेल डालकर
(ii) घी भरकर
(iii) बिजली
(iv) शक्ति डालकर
(ग) अमावस किसका प्रतीक है?
(i) अंधकार
(ii) निशा
(iii) निराशा
(iv) सारे विकल्प सही हैं।
(घ) आज कैसे दीपक जल रहे हैं?
(i) रंग-बिरंगे
(ii) विद्युत
(iii) विज्ञान
(iv) कोई नहीं
Answer
(क) (iii) स्नेह के दिये(ख) (i) स्नेह रूपी तेल डालकर
(ग) (iv) सारे विकल्प सही हैं।
(घ) (ii) विद्युत
29
जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी,
तिमिर की सरित पार करने तुम्हीं ने
बना दीप की नाव तैयार की थी।
बहाते चलो नाव तुम वह निरंतर
कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा। (पृष्ठ 60)
(क) अंधकार की सरिता पार करने के लिए मनुष्य ने क्या तैयार किया था ?
(i) दीप की नाव तैयार की
(ii) सारे दीपक जला दिये
(iii) कृत्रिम दिये बनाए
(iv) मनुष्य चलता रहा
(ख) हमें जीवन के अंधकार में किससे उजाला मिलेगा?
(i) प्रेम रूपी दीपक से
(ii) धन-दौलत से
(iii) संपन्नता से
(iv) शांत बैठ जाने से
(ग) कवि ने दीये की नाव को कैसे बहाने के लिए कहा है?
(i) थोड़ा विश्राम कर
(ii) लगातार
(iii) अकेले
(iv) नदी को रोककर
(घ) तिमिर किसका प्रतीक है?
(i) अज्ञान
(ii) मुसीबतों
(iii) बुराई
(iv) सभी
Answer
(क) (i) दीप की नाव तैयार की(ख) (i) प्रेम रूपी दीपक से
(ग) (ii) लगातार
(घ) (iv) सभी
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युगों से तुम्हीं ने तिमिर की शिला पर
दिये अनगिनत है निरंतर जलाए,
समय साक्षी है कि जलते हुए दीप
अनगिन तुम्हारे पवन ने बुझाए ।
मगर बुझ स्वयं ज्योति जो दे गए वे
उसी से तिमिर को उजेला मिलेगा। (पृष्ठ 60-61)
(क) समय किसका साक्षी है?
(i) जलते दीप पवन ने बुझाए हैं।
(ii) मनुष्य के अनवरत प्रयासों का
(iii) हार न मानने की इच्छाशक्ति
(iv) उपर्युक्त सभी
(ख) अनगिनत दीप कहाँ जलाए गए ?
(i) दीवाली की रात
(ii) घर के आँगन में
(iii) अंधकार रूपी शिला पर
(iv) कहीं नहीं
(ग) तिमिर को उजाले में कैसे परिवर्तित करें? काव्यांश के आधार पर उत्तर छाँटे।
(i) शहीदों के जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर
(ii) मोमबत्ती जलाकर
(iii) विद्युत – दिये की सहायता से
(iv) सुबह की इंतजार कर
(घ) अनगिनत शब्द का अर्थ है-
(i) जिसे गिना जा सके
(ii) विशेष दिये का नाम है।
(iii) जिसकी गिनती न हो
(iv) संख्या
Answer
(क) (iv) उपर्युक्त सभी(ख) (iii) अंधकार रूपी शिला पर
(ग) (i) शहीदों के जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर
(घ) (iii) जिसकी गिनती न हो
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दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।
रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा। (पृष्ठ 61)
(क) स्वर्ण-सी जल रही में कौन-सा अलंकार है?
(i) रूपक
(ii) पुनरुक्ति
(iii) उपमा
(iv) उत्प्रेक्षा
(ख) निशा के पर्याय हैं-
(i) रात और रजनी
(ii) यामा और निशामति
(iii) निशाचर और क्षण
(iv) विधु और शशि
(ग) निशा को सवेरा कब मिलेगा ?
(i) जल्द से जल्द
(ii) जब तक धरती पर एक भी दिया जल रहा है।
(iii) जब तक एक भी मनुष्य विघ्न-बाधाओं से जूझ रहा है।
(iv) (ii) और (iii) दोनों सही हैं।
(घ) “जली जो प्रथम बार लौ दीप की … रहेगी।”दी गई पंक्ति को सही विकल्प चुनकर पूर्ण कीजिए।
(i) स्वर्ण जल रही और जलती रहेगी।
(ii) स्वर्ण-सी रही और जली।
(iii) सोने के समान जलकर रहेगी।
(iv) स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।
Answer
(क) (iii) उपमा(ख) (i) रात और रजनी
(ग) (iv) (ii) और (iii) दोनों सही हैं।
(घ) (iv) स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।