गोल (संस्मरण)

Extra Question Answer for Chapter 2 Class 6 Hindi

Important Questions

1

(i) खेल के मैदान में धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक की घटनाएँ नहीं होतीं।
(ii) 
ध्यानचंद ने अपना बदला गुस्से से लिया।
(iii) 
ध्यानचंद का जन्म 1904 में प्रयाग में हुआ था।
(iv) 
ध्यानचंद ने 1936 के बर्लिन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता।
(v) 
ध्यानचंद को 'हॉकी का जादूगर' कहा जाता था।

Answer

(i) गलत
(ii) गलत
(iii) सही
(iv) सही
(v) सही
सही या गलत

2

ध्यानचंद का जन्म किस वर्ष हुआ था?
(a) 1904
(b) 1905
(c) 1906
(d) 1907

Answer

(a) 1904
बहुविकल्पीय प्रश्न

3

'माइनस टीम' के खिलाड़ी ने ध्यानचंद के सिर पर क्या मारा था?
(a) फुटबॉल
(b) क्रिकेट बैट
(c) हॉकी स्टिक
(d) बास्केटबॉल

Answer

(c) हॉकी स्टिक
बहुविकल्पीय प्रश्न

4

ध्यानचंद को किस उपाधि से नवाज़ा गया था?
(a) खेल रत्न
(b) हॉकी का जादूगर
(c) ओलंपिक विजेता
(d) राष्ट्रीय खिलाड़ी

Answer

(b) हॉकी का जादूगर
बहुविकल्पीय प्रश्न

5

ध्यानचंद की आत्मकथा का नाम क्या है?
(a) खेल
(b) गोल
(c) हॉकी
(d) खिलाड़ी

Answer

(b) गोल
बहुविकल्पीय प्रश्न

6

ध्यानचंद ने 1936 के ओलंपिक में कितने गोल किए थे?
(a) चार
(b) पांच
(c) छह
(d) सात

Answer

(c) छह
बहुविकल्पीय प्रश्न

7

(i) ध्यानचंद का जन्म __________ में हुआ था।
(ii) '
माइनस टीम' के खिलाड़ी ने ध्यानचंद के __________ पर हॉकी स्टिक मारी।
(iii) 1936
के बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद ने __________ गोल किए।सन् 1933 में ध्यानचंद ‘पंजाब रेजीमेंट’ की ओर से खेलते थे।
(iv) 
ध्यानचंद ने अपनी आत्मकथा का नाम __________ रखा।
(v) भारत ध्यानचंद के जन्मदिन को __________ के रूप में मनाता है।

Answer

(i) 1904
(ii) सिर
(iii) छह
(iv) गोल
(v) राष्ट्रीय खेल दिवस
रिक्त स्थान भरें

8

गोल’ पाठ रचना की कौन-सी विधा है?

Answer

‘गोल’ पाठ रचना की विधा संस्मरण है।
अति लघुउत्तरीय

9

सन् 1933 में ध्यानचंद किस रेजीमेंट की ओर से खेलते थे?

Answer

सन् 1933 में ध्यानचंद ‘पंजाब रेजीमेंट’ की ओर से खेलते थे।
अति लघुउत्तरीय

10

ध्यानचंद को किस टीम के खिलाड़ी ने हॉकी स्टिक मारी थी ?

Answer

ध्यानचंद को ‘सैंपर्स एंड माइनर्स’ टीम के खिलाड़ी ने हॉकी स्टिक मारी थी।
अति लघुउत्तरीय

11

ध्यानचंद ने उससे अपना बदला कैसे लिया?

Answer

ध्यानचंद ने उससे अपना बदला लगातार छह गोल बना कर लिया।
अति लघुउत्तरीय

12

ध्यानचंद जी सफलता का मूलमंत्र क्या था ?

Answer

ध्यानचंद की सफलता का मूलमंत्र लगन, साधना और खेल भावना था ।
अति लघुउत्तरीय

13

नौसिखिया’ शब्द से आप क्या समझते हैं?

Answer

‘नौसिखिया’ शब्द का अर्थ नया सीखने वाला है।
अति लघुउत्तरीय

14

बर्लिन ओलंपिक में जब ध्यानचंद कप्तान बने तो वे सेना के किस पद पर थे ?

Answer

बर्लिन ओलंपिक में जब ध्यानचंद कप्तान बने तो वे ‘लांस नायक’ के पद पर थे।
अति लघुउत्तरीय

15

बर्लिन ओलंपिक’ में ध्यानचंद की टीम को कौन सा पदक प्राप्त हुआ?

Answer

‘बर्लिन ओलंपिक’ में ध्यानचंद की टीम को ‘स्वर्ण पदक’ प्राप्त हुआ।
अति लघुउत्तरीय

16

ध्यानचंद का जन्मदिन किस रूप में मनाया जाता है?

Answer

ध्यानचंद का जन्मदिन ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
अति लघुउत्तरीय

17

भारत का सर्वोच्च ‘खेल रत्न’ पुरस्कार किसके नाम पर दिया जाता है?

Answer

भारत का सर्वोच्च ‘खेल रत्न’ पुरस्कार ध्यानचंद के नाम पर दिया जाता है।
अति लघुउत्तरीय

18

गोल’ शीर्षक पाठ में किस खेल के बारे में बताया गया है।

Answer

‘गोल’ शीर्षक पाठ में हॉकी खेल के बारे में बताया गया है।
अति लघुउत्तरीय

19

यह पाठ किस शैली में रचित है ?

Answer

यह पाठ ‘आत्मकथा’ शैली में रचित है। इस संस्मरण भी कहा जाता है।
अति लघुउत्तरीय

20

माइनर्स टीम के खिलाड़ी ने ध्यानचंद के सिर पर स्टिक क्यों मारी ?

Answer

ध्यानचंद ‘पंजाब रेजीमेंट’ की ओर से खेल रहे थे। ‘माइनर्स टीम के खिलाड़ी उनसे गेंद छीनने का प्रयास करने में विफल हो रहे थे। इतने में एक खिलाड़ी को गुस्सा आ गया उसने हॉकी स्टिक ही ध्यानचंद के सिर पर मार दी।
लघु उत्तरीय प्रश्न

21

ध्यानचंद ने अपनी चोट का बदला लेने के लिए क्या किया?

Answer

ध्यानचंद पट्टी बाँधकर फिर से मैदान में आ गए। उन्होंने लगातार छह गोल करके अपनी प्रतिद्वंदी टीम को बुरी तरह हराकर बदला लिया।
लघु उत्तरीय प्रश्न

22

ध्यानचंद की सफलता का राज क्या था?

Answer

ध्यानचंद का अपनी सफलता हेतु कोई गुरुमंत्र न था। वे यह मानते थे कि यदि हम खेल को लगन, साधना और खेल भावना से खेलें तो अवश्य सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न

23

ध्यानचंद ने कब और कैसे ‘हॉकी’ खेलना शुरू किया?

Answer

अपनी 16 वर्ष की आयु में ध्यानचंद ‘फर्स्ट ब्राह्मण रेजिमेंट’ में सिपाही के रूप में भर्ती हुए। टीम के सूबेदार मेजर तिवारी थे, उन्होंने ध्यानचंद को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। पहले तो वे नौसिखिए की भाँति खेलते थे लेकिन धीरे-धीरे उनके खेल में निखार आता गया ।
लघु उत्तरीय प्रश्न

24

ध्यानचंद को ‘हॉकी के जादूगर’ की उपाधि क्यों मिली?

Answer

सन् 1936 में बर्लिन ओलंपिक में जब उन्हें कप्तान बनाया गया तो वे सेना में ‘लांस नायक’ के पद पर थे। लोग उनके खेलने के ढंग से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ कहना शुरू कर दिया ।
लघु उत्तरीय प्रश्न

25

ध्यानचंद में अच्छे खिलाड़ी होने के कौन-से विशेष गुण थे?

Answer

ध्यानचंद में अच्छे खिलाड़ी होने के निम्नलिखित गुण थे-
(क) वे लगन, साधना और पूर्ण खेल भावना से खेलते थे।
(ख) वे जीतने का श्रेय स्वयं न लेकर पूरी टीम को देते थे।
(ग) वे अपना नहीं बल्कि अपने देश का नाम करना चाहते थे।
लघु उत्तरीय प्रश्न

26

लेखक ने 1933 की किस घटना का उल्लेख किया है ?

Answer

लेखक बताता है कि 1933 की एक घटना है। तब लेखक पंजाब रेजिमेंट की टीम के एक खिलाड़ी के रूप में हॉकी खेलता था। एक बार उनकी टीम का मुकाबला सैपर्स एंड माइनर्स टीम के साथ हॉकी मैच था। उसी मैच के दौरान विपक्षी टीम के एक खिलाड़ी ने गुस्से में आकर लेखक के सिर में स्टिक दे मारी थी। उससे लेखक घायल हो गया था।
लघु उत्तरीय प्रश्न

27

खेल जगत में ध्यानचंद का नाम विस्मरणीय है- कैसे?

Answer

खेल जगत में ध्यानचंद का नाम अविस्मरणीय रहेगा। उनकी उपाधि ‘हॉकी का जादूगर’ कोई और शायद कभी न प्राप्त कर पाएगा। ओलंपिक खेलों में भारत को प्रथम स्वर्ण पदक ध्यानचंद के प्रयासों से ही प्राप्त हुआ। वे अपनी नहीं बल्कि देश की जीत को सर्वोपरि मानते थे।
यही कारण है कि उनका जन्मदिन ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार ‘खेल रत्न’ उनके नाम पर दिया जाता है ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

28

ध्यानचंद ने अपने जीवन में खेल भावना को किस प्रकार बनाए रखा? (छोटे अनुच्छेद में उत्तर दें)

Answer

ध्यानचंद ने अपने जीवन में खेल भावना को उच्च स्थान दिया। उन्होंने कभी भी प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास नहीं किया और हमेशा खेल को एक सकारात्मक दृष्टिकोण से खेला। उन्होंने अपनी जीत को देश की जीत समझा और खेल को अपने लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए खेला।
रचनात्मक प्रश्न

29

ध्यानचंद की आत्मकथा 'गोल' का नाम क्यों रखा गया? (संक्षेप में उत्तर दें)

Answer

ध्यानचंद की आत्मकथा का नाम 'गोल' इसलिए रखा गया क्योंकि वह एक महान हॉकी खिलाड़ी थे और गोल करना उनके खेल का मुख्य उद्देश्य था। यह नाम उनके खेल और जीवन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
रचनात्मक प्रश्न

30

ध्यानचंद की खेल भावना ने उन्हें 'हॉकी का जादूगर' कैसे बनाया? (संक्षेप में उत्तर दें)

Answer

ध्यानचंद की खेल भावना, निस्वार्थ खेल और साथी खिलाड़ियों को समर्थन देने की आदत ने उन्हें 'हॉकी का जादूगर' बनाया। उनकी निपुणता और खेल के प्रति उनका समर्पण उन्हें इस उपाधि के योग्य बनाता है।
रचनात्मक प्रश्न

31

ध्यानचंद ने बर्लिन ओलंपिक में अपनी टीम का नेतृत्व कैसे किया? (संक्षेप में उत्तर दें)

Answer

ध्यानचंद ने बर्लिन ओलंपिक में अपनी टीम का नेतृत्व उत्कृष्टता और खेल भावना से किया। उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया, स्वयं उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, और भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रचनात्मक प्रश्न

32

'खेल में गुस्सा' पर अपने विचार व्यक्त करें।

Answer

खेल में गुस्सा करना अनुचित है क्योंकि यह खेल भावना के विपरीत है। गुस्से से खिलाड़ी का प्रदर्शन बिगड़ता है और वह खेल का आनंद नहीं ले पाता। खेल में संयम और धैर्य से खेलना चाहिए ताकि खेल का असली मजा और उद्देश्य प्राप्त हो सके।
रचनात्मक प्रश्न