Summary for चिड़िया Class 7 Hindi
Book Solutions1
Answer
आरसी प्रसाद सिंह एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और लेखक हैं, जो अपनी रचनाओं में प्रकृति, मानवता, और जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को चित्रित करते हैं। उनकी कविताएँ सरल और स्पष्ट भाषा में लिखी गई हैं, जिससे बच्चों और युवाओं के लिए उन्हें समझना आसान होता है। उन्होंने अपने साहित्यिक कार्यों के माध्यम से समाज में प्रेम, करुणा, और त्याग की भावना फैलाने का प्रयास किया। "चिड़िया" कविता में उन्होंने छोटे जीवों के माध्यम से मानवता और प्रकृति के बीच संबंध को प्रदर्शित किया है।
2
Answer
कविता का मुख्य विषय चिड़िया के जीवन के माध्यम से मानव कोस्वतंत्रता, सहयोग और सादगीका संदेश देना है। यह कविता प्रकृति से प्रेरणा लेकर मानव जीवन को बेहतर बनाने की सीख देती है। कवि चिड़िया के गुणों जैसे लोभ न करना, मिल-जुलकर रहना और स्वच्छंद जीवन जीना आदि को मानव के लिए प्रेरणादायक बताते हैं। यह कविता हमें अपनी बेड़ियों (बंधनों) को तोड़कर स्वतंत्र और सार्थक जीवन जीने की प्रेरणा देती है।
3
Answer
कवि आरसी प्रसाद सिंह ने चिड़िया कविता में चिड़िया के जीवन को प्रकृति का सुंदरउदाहरण बताया है। चिड़िया पीपल की ऊँची डाली पर बैठकर गाती है और अपनी बोली में प्रेम, एकता और मुक्ति का संदेश देती है। वह वन में अन्य पक्षियों जैसे खंजन, कपोत, चातक, कोकिल, काक, हंस और शुक के साथ मिल-जुलकर रहती है। चिड़िया और अन्य पक्षी आसमान को अपना घरमानते हैं और जहाँ चाहें, वहाँ चले जाते हैं। वे दिन में मेहनत करते हैं और रात को पेड़ों पर सो जाते हैं। उनके मन में लोभ, पाप या चिंता नहीं होती। वे अपने श्रम से जितना मिलता है, उतना ही लेते हैं और बाकी दूसरों के लिए छोड़ देते हैं। वे बिना डर के आकाश में उड़ते हैं और औरों की कमाई से अपना घर नहीं भरते। चिड़िया मानव से कहती है कि वह उनसे सीखे और बंधनों को तोड़कर स्वतंत्र और मानवतापूर्ण जीवन जिए। अंत में, चिड़िया गाकर अपना संदेश देती है और फिर उड़ जाती है।
4
पहला प्रसंग
पीपल की ऊँची डाली पर
बैठी चिड़िया गाती है!
तम्हें ज्ञात क्या अपनी
बोली में संदेश सुनाती है?
Answer
व्याख्या: यह कविता चिड़ीया के बारे में है, जो पीपल के पेड़ की ऊँची डाली पर बैठकर गाती है। चिड़ीया अपनी बोली में हमें एक संदेश देती है, जो हमें जीवन के बारे में कुछ सिखाता है।5
चिड़िया बैठी प्रेम-प्रीति की
रीति हमें सिखलाती है!
वह जग के बंदी मानव को
मुक्ति-मंत्र बतलाती है!
Answer
व्याख्या: चिड़ीया हमें प्रेम और दोस्ती की अहमियत सिखाती है। वह कहती है कि लोग एक-दूसरे के साथ प्रेम से रहें। चिड़ीया यह भी बताती है कि हमें अपने जीवन को स्वतंत्रता से जीना चाहिए।
6
तीसरा प्रसंग
वन में जितने पंछी हैं, खंजन
कपोत, चातक, कोकिल;
काक, हंस, शुक आदि वास
करते सब आपस में हिलमिल!
Answer
व्याख्या: यहां कवि बताते हैं कि जंगल में बहुत से पक्षी रहते हैं जैसे खंजन, कपोत, चातक, कोयल, काक, हंस और शंख। ये सब पक्षी मिलकर रहते हैं और एक-दूसरे से प्यार करते हैं। यह हमें यह सिखाता है कि हम सभी को एक-दूसरे से प्रेम से रहना चाहिए।7
चौथा प्रसंग
सब मिल-जुलकर रहते हैं वे
सब मिल-जुलकर खाते हैं;
आसमान ही उनका घर है;
जहाँ चाहते, जाते हैं!
Answer
व्याख्या: पक्षी मिलकर रहते हैं, मिलकर खाते हैं और उनका घर आसमान होता है। वे जहां चाहें जाते हैं। यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए और जीवन को खुलकर जीना चाहिए।
8
पांचवा प्रसंग
रहते जहाँ, वहाँ वे अपनी
दुनिया एक बसाते हैं;
दिन भर करते काम, रात में
पेड़ों पर सो जाते हैं!
Answer
व्याख्या: पक्षी जहाँ रहते हैं, वहाँ वे अपनी छोटी सी दुनिया बनाते हैं। वे दिन में काम करते हैं और रात में पेड़ों पर सो जाते हैं। यह हमें यह सिखाता है कि हमें मेहनत करनी चाहिए और आराम भी करना चाहिए।9
छठा प्रसंग
उनके मन में लोभ नहीं है,
पाप नहीं, परवाह नहीं;
जग का सारा माल हड़पकर
जाने की भी चाह नहीं।
Answer
व्याख्या: पक्षियों के मन में किसी चीज़ का लालच नहीं होता। वे जो कुछ भी प्राप्त करते हैं, वही लेते हैं और ज्यादा पाने की कोई इच्छा नहीं रखते। वे दूसरों का नुकसान नहीं करते। यह हमें सिखाता है कि हमें भी ज्यादा की इच्छा नहीं रखनी चाहिए और जो मिल जाए, उसी में संतुष्ट रहना चाहिए।
10
सातवां प्रसंग
जो मिलता है अपने श्रम से,
उतना भर ले लेते हैं;
बच जाता जो, औरों के हित,
उसे छोड़ वे देते हैं!
Answer
व्याख्या: पक्षी सिर्फ अपनी मेहनत से जो कुछ भी प्राप्त करते हैं, वही लेते हैं और जो बचता है, उसे दूसरों के लाभ के लिए छोड़ देते हैं। यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी मेहनत का फल तो लेना चाहिए, लेकिन दूसरों के भले के लिए कुछ छोड़ देना चाहिए।11
सीमा-हीन गगन में उड़ते,
निर्भय विचरण करते हैं;
नहीं कमाई से औरों की
अपना घर वे भरते हैं!
Answer
व्याख्या: पक्षी आकाश में उड़ते हैं, उनके पास कोई सीमा नहीं होती। वे स्वतंत्र रहते हैं और बिना किसी पर निर्भर हुए अपने घर को पूरा करते हैं। यह हमें यह सिखाता है कि हमें भी आत्मनिर्भर होना चाहिए और अपनी आज़ादी की कद्र करनी चाहिए।
12
नौवां प्रसंग
वे कहते हैं, मानव! सीखो
तुम हमसे जीना जग में;
हम स्वच्छंद और क्यों तुमने
डाली है बेड़ी पग में?
Answer
व्याख्या: पक्षी मानव से कहते हैं, "हमें देखो, हम स्वतंत्र रूप से जीते हैं, तुम भी हमारे जैसा जीने की कोशिश करो।" वे यह पूछते हैं कि मानव ने अपनी पग में बेड़ी क्यों डाली है, जबकि पक्षी आकाश में स्वतंत्र रूप से उड़ते हैं। यह हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें भी स्वतंत्रता से जीना चाहिए।13
दसवां प्रसंग
तुम देखो हमको, फिर अपनी
सोने की कड़ियाँ तोड़ो;
ओ मानव! तुम मानवता से
द्रोह-भावना को छोड़ो!
Answer
व्याख्या: पक्षी मानव को उनकी आज़ादी देखने और अपने बंधनों को तोड़ने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि मानव को बुरे विचार छोड़कर मानवता को अपनाना चाहिए।
14
ग्यारहवां प्रसंग
पीपल की डाली पर चिड़िया,
यही सुनाने आती है
बैठ घड़ी भर, हमें चिंतित कर,
गा-कर फिर उड़ जाती है।
Answer
व्याख्या: चिड़िया पीपल की डाल पर बैठकर यह संदेश देती है। वह कुछ देर गाकर मानव को सोचने पर मजबूर करती है और फिर उड़ जाती है।15
Answer
इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि हमें प्रकृति और चिड़िया से सादगी, स्वतंत्रता और सहयोग का गुण सीखना चाहिए। हमें लोभ, बुराई और बंधनों से मुक्त होकर प्रेम और एकता के साथ जीवन जीना चाहिए। यह कविता हमें मेहनत, संतोष और दूसरों के लिए त्याग की भावना अपनाने की प्रेरणा देती है। हमें अपनी मानवता को बनाए रखते हुए बुरे विचारों को छोड़ना चाहिए।16
Answer
• चिड़िया: छोटा पक्षी• डाली: पेड़ की टहनी
• प्रेम-प्रीति: प्यार और दोस्ती
• मुक्ति-मंत्र: आज़ादी का उपदेश
• हिलमिल: मिल-जुलकर
• लोभ: लालच
• श्रम: मेहनत
• निर्भय: बिना डर के
• विचरण: घूमना
• स्वच्छंद: आज़ाद
• बेड़ी: बंधन, जंजीर
• मानवता: अच्छाई और करुणा
• द्रोह-भावना: बुरे विचार