चिड़िया

NCERT Solutions for Ch 9 चिड़िया Class 7 Hindi

Book Solutions

1

() नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा () बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

(1) कविता के आधार पर बताइए कि इनमें से कौन-सा गुण पक्षियों के जीवन में नहीं पाया जाता है?
• प्रेम-प्रीति
• मिल-जुलकर रहना
• लोभ और पाप
• निर्भय विचरण
(2) "सब मिल-जुलकर रहते हैं ये, सब मिल-जुलकर खाते हैं।" कविता की यह पंक्ति किन भावों की ओर संकेत करती है?
• असमानता और विभाजन
• प्रतिस्पर्धा और संघर्ष
• समानता और एकता
• स्वार्थ और ईर्ष्या
(3) "वे कहते हैं, मानव! सीखो, तुम हमसे जीना जग में" कविता में पक्षी मनुष्य से कैसा जीवन जीने के लिए कहते हैं?
• आकाश में उड़ते रहना
• बंधन में रहना
• स्वच्छंद रहना
• संचय करना

Answer

(1) लोभ और पाप (∗)
विश्लेषण: कविता में कहा गया है कि पक्षियों के मन में लोभ और पाप नहीं होता। वे अपने श्रम से प्राप्त संसाधनों से संतुष्ट रहते हैं और अतिरिक्त संसाधन दूसरों के लिए छोड़ देते हैं। इसलिए सही उत्तर "लोभ और पाप" है।
 (2) समानता और एकता (∗)
विश्लेषण: यह पंक्ति दर्शाती है कि पक्षी एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते और खाते हैं, जो समानता और एकता का प्रतीक है। इसलिए सही उत्तर "समानता और एकता" है।
(3) स्वतंत्र रहना (∗)
विश्लेषण: कविता में पक्षी मनुष्य को स्वतंत्र और निर्भय जीवन जीने की सीख देते हैं। वे कहते हैं कि मनुष्य को बंधनों (जैसे लोभ, स्वार्थ) से मुक्त होकर स्वच्छंद जीवन जीना चाहिए। इसलिए सही उत्तर "स्वतंत्र रहना" है।

2

() अब अपने मित्रों के साथ मिलकर चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने।

Answer

हमने इन उत्तरों को इसलिए चुना क्योंकि वे कविता के मुख्य संदेश—स्वतंत्रता, एकता, और लोभ से मुक्ति—को सबसे अच्छे से व्यक्त करते हैं। कविता पक्षियों के सरल, स्वच्छंद, और सहयोगी जीवन से मनुष्य को प्रेरणा लेने की बात कहती है।
मेरी समझ से

3

कविता में से चुनकर कुछ संदर्भ नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर बातचीत कीजिए और इन्हें इनके सही भावों से मिलाइए। इनके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने परिजनों और शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

Answer

मिलान करें

4

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं, इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।

() "चिड़िया बैठी प्रेम-प्रीति की
रीति हमें सिखलाती है।"

Answer

इस पंक्ति का अर्थ है कि चिड़िया हमें प्रेम और आपसी सहयोग से जीने की सीख देती है। पक्षी एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते हैं और सभी के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करते हैं। यह हमें सिखाता है कि हमें भी अपने जीवन में प्रेम और एकता को अपनाना चाहिए।
पंक्तियों पर चर्चा

5

() "उनके मन में लोभ नहीं है
पाप नहीं, प्रताड़न नहीं।"

Answer

इस पंक्ति का अर्थ है कि पक्षियों का मन शुद्ध और निष्कपट होता है। उनके मन में न तो लोभ होता है, न पाप और न ही दूसरों को कष्ट देने की भावना। यह हमें सिखाता है कि हमें भी लोभ और बुरे विचारों से दूर रहकर साधारण और संतोषी जीवन जीना चाहिए।
पंक्तियों पर चर्चा

6

() "सीमा-हीन गगन में उड़ते
निर्भय विचरण करते हैं।"

Answer

इस पंक्ति का अर्थ है कि पक्षी बिना किसी डर के खुले आकाश में स्वतंत्र रूप से उड़ते हैं। यह उनकी स्वतंत्रता और निर्भयता को दर्शाता है। यह हमें सिखाता है कि हमें भी अपने जीवन में डर और बंधनों से मुक्त होकर स्वतंत्रता का आनंद लेना चाहिए।
पंक्तियों पर चर्चा

7

नीचे कविता की कुछ पंक्तियाँ और उनसे संबंधित प्रश्न दिए गए हैं। कविता पढ़ने के बाद अपनी समझ के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

() "सब मिल-जुलकर रहते हैं वे, सब मिल-जुलकर खाते हैं" पक्षियों के आपसी सहयोग की यह भावना हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है?

Answer

पक्षियों का आपसी सहयोग हमें सिखाता है कि हमें भी समाज में एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए। जब हम सहयोग करते हैं, तो कार्य आसान हो जाते हैं और समाज में शांति बनी रहती है। उदाहरण के लिए, यदि हम अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर काम करें, तो हम बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। यह भावना हमें स्वार्थ और अकेलेपन से बचाती है।
सोच-विचार के लिए

8

() "जो मिलता है, अपने श्रम से उतना भर ले लेते हैं" पक्षी अपनी आवश्यकताओं भर ही संचय करते हैं। मनुष्य का स्वभाव इससे भिन्न कैसे है?

Answer

पक्षी केवल अपनी जरूरत के अनुसार संसाधन लेते हैं और बाकी दूसरों के लिए छोड़ देते हैं। लेकिन मनुष्य का स्वभाव अक्सर लालची होता है। मनुष्य अपनी जरूरत से ज्यादा संचय करने की कोशिश करता है, जैसे अधिक धन, संपत्ति या संसाधन इकट्ठा करना। यह लोभ मनुष्य को स्वार्थी बनाता है और समाज में असमानता को बढ़ाता है।
सोच-विचार के लिए

9

() "हम स्वच्छंद और क्यों तुमने, डाली है बेड़ी पग में?" पक्षी को स्वच्छंद और मनुष्य को बेड़ियों में क्यों बताया गया है?

Answer

पक्षी स्वच्छंद हैं क्योंकि वे बिना किसी लोभ, स्वार्थ या डर के खुले आकाश में उड़ते हैं। उनके जीवन में कोई बंधन नहीं है। लेकिन मनुष्य ने अपने पैरों में बेड़ियाँ डाल ली हैं, जैसे लोभ, स्वार्थ, ईर्ष्या और सामाजिक बंधन। ये बेड़ियाँ मनुष्य को स्वतंत्रता से वंचित करती हैं और उसे मानसिक रूप से बंधन में रखती हैं।
सोच-विचार के लिए

10

अपने समूह में मिलाकर संवाद कीजिए

1 चिड़िया मनुष्य को स्वतंत्रता का संदेश देती है, आपके अनुसार मनुष्य के पास किन कार्यों को करने की स्वतंत्रता है और किन कार्यों को करने की स्वतंत्रता नहीं है?

Answer

स्वतंत्रता है: मनुष्य को अपनी पसंद का भोजन खाने, अपनी शिक्षा प्राप्त करने, अपने विचार व्यक्त करने, और अपनी इच्छाओं को पूरा करने की स्वतंत्रता है। वह अपनी जिंदगी के निर्णय स्वयं ले सकता है और अपनी इच्छाओं के अनुसार जीवन जी सकता है।
स्वतंत्रता नहीं है: मनुष्य को दूसरों को नुकसान पहुँचाने, किसी के अधिकारों का उल्लंघन करने, समाज की नैतिकता और नियमों को तोड़ने, या पर्यावरण को नष्ट करने की स्वतंत्रता नहीं है। समाज और कानून ने कुछ प्रतिबंध लगाए हैं ताकि समाज में शांति और व्यवस्था बनी रहे।
अनुमान और कल्पना से

11

2 चिड़िया और मनुष्य का जीवन एक-दूसरे से कैसे भिन्न है?

Answer

चिड़िया का जीवन: चिड़िया स्वतंत्र और संतोषी होती है। वह अपनी जरूरत के हिसाब से भोजन लेती है और कहीं भी अपना घर बना सकती है। वह बिना किसी चिंता के अपने दिन बिताती है और हमेशा आकाश में उड़ती रहती है। वह किसी तरह के बंधन या लोभ से मुक्त होती है।
मनुष्य का जीवन: मनुष्य का जीवन जटिल और बंधनों से भरा होता है। वह अपने समाज और परिवार के नियमों का पालन करता है। मनुष्य को भविष्य की चिंता, धन और प्रतिष्ठा के लिए संघर्ष, और समाज के दबावों का सामना करना पड़ता है। उसका जीवन अधिक संरचित और जिम्मेदारियों से भरा हुआ होता है।
अनुमान और कल्पना से

12

3 चिड़िया कहीं भी अपना घर बना सकती है, यदि आपके पास चिड़िया जैसी सुविधा हो तो आप अपना घर कहाँ बनाना चाहेंगे और क्यों?

Answer

मैं अपना घर समुद्र के किनारे बनाना चाहूँगा, जहाँ शांति और प्राकृतिक सुंदरता हो। वहाँ हवा ताजगी से भरी होती है और मैं वहाँ एक सरल, खुशहाल जीवन जी सकता हूँ। वहाँ मुझे प्राकृतिक सौंदर्य, ताजगी और शांति का अनुभव होगा, जो मुझे मानसिक शांति दे सकेगा।
अनुमान और कल्पना से

13

4 यदि आप चिड़िया की भाषा समझ सकते तो आप चिड़िया से क्या बातें करते?

Answer

अगर मैं चिड़िया की भाषा समझ सकता, तो मैं उससे पूछता कि वह आकाश में उड़ते समय किस तरह का अनुभव करती है। मैं यह भी जानना चाहता कि वह स्वतंत्र रूप से उड़ते हुए दुनिया को कैसे देखती है और क्या उसे कभी डर लगता है। मैं उससे यह भी पूछता कि वह दुनिया के बारे में क्या सोचती है और क्यों वह इतनी स्वतंत्र और खुश रहती है।
अनुमान और कल्पना से

14

कविता की रचना

"सबमिल-जुलकर रहते हैं वे
सब मिल-जुलकर खाते हैं।"
रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए ये शब्द लिखने-बोलने में एक जैसे हैं। इस तरह की शैली प्रायः कविता में आती है। अब आप सब मिल-जुलकर नीचे दी गई कविता को आगे बढ़ाइए
संकेत— सब मिल-जुलकर हँसते हैं वे 
सब मिल-जुलकर गाते हैं……………
……………………………….
………………………………..

Answer

संकेत— सब मिल-जुलकर हँसते हैं वे
सब मिल-जुलकर गाते हैं
सब मिल-जुलकर उड़ते हैं वे
खुले गगन में नाचते हैं।
सब मिल-जुलकर जीते हैं वे
प्रेम-प्रीति में बंधते हैं।
कविता की रचना

15

पीपल की ऊँची डालि पर
बैठी चिड़ियागाती है!
तुम्हें याद क्या अपनी
बोली में संदेश सुनाती है?
रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। 'गाती' और 'सुनाती' रेखांकित शब्दों से चिड़िया के गाने और सुनाने के कार्य का बोध होता है। वे शब्द जिनसे कार्य करने का होने का बोध होता है, उन्हें क्रिया कहते हैं। कविता में ऐसे क्रिया शब्दों को ढूँढ़कर लिखिए और उनसे नए वाक्य बनाइए।

Answer

कविता से लिए गए क्रिया शब्द:
• बैठी
• गाती
• सुनाती
• सीखो
• रहते
• खाते
• लेते
• उड़ते
• करते

क्रिया शब्दों से बने नए वाक्य:
बैठी: रीमा बगीचे में पेड़ के नीचे बैठी है।
गातीवह रोज़ सुबह मधुर भजन गाती है।
सुनातीदादी रोज़ रात को हमें कहानी सुनाती हैं।
सीखोहमें अपने अनुभवों से कुछ नया सीखो।
रहतेहम सब एक ही कॉलोनी में रहते हैं।
खाते: पक्षी दाने चुगते हैं और खुशी से खाते हैं।
लेतेबच्चे दुकान से टॉफी लेते हैं।
उड़ते: पतंगे आकाश में ऊँचाई तक उड़ते हैं।
करतेहम हर काम पूरे मन से करते।

भाषा की बात

16

() जब आप नीचे दिए गए दृश्य देखते हैं तो आपको कैसा महसूस होता है? अपने उत्तर के कारण भी लिखिए और बताइए। आप नीचे दिए गए भावों में से शब्द चुन सकते हैं। आप किसी भी दृश्य के लिए एक से अधिक शब्द भी चुन सकते हैं।

Answer

भावों की बात

17

() उपर्युक्त भावों में से आप कौन-से भाव कब-कब अनुभव करते हैं? भावों के नाम लिखकर उन स्थितियों के लिए एक-एक वाक्य लिखिए।
(संकेतआत्मविश्वासजब मैं अकेले पड़ोस की दुकान से कुछ खरीदकर ले आता हूँ।)

Answer

आत्मविश्वास: जब मैं अकेले मंच पर कविता सुनाता हूँ।
वाक्यमैं मंच पर निडर होकर कविता सुनाता हूँ, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है।
प्रेम: जब मैं अपने छोटे भाई को कहानी सुनाता हूँ।
वाक्यमैं अपने भाई से बहुत प्रेम करता हूँ, इसलिए हर रात उसे कहानी सुनाता हूँ।
आनंदजब मैं अपने दोस्तों के साथ खेलता हूँ।
वाक्य: दोस्तों के साथ खेलने में मुझे बहुत आनंद आता है।
करुणा: जब मैं घायल जानवर को देखकर उसकी मदद करता हूँ।
वाक्यघायल कुत्ते को देखकर मेरे मन में करुणा जागी और मैंने उसे पानी दिया।
गर्व: जब मेरी चित्रकला स्कूल में प्रदर्शित की जाती है।
वाक्यमेरी पेंटिंग स्कूल की दीवार पर लगी देख मुझे बहुत गर्व हुआ।
शांतिजब मैं पेड़ के नीचे बैठकर किताब पढ़ता हूँ।
वाक्यहरियाली में बैठकर पढ़ाई करने से मन को बहुत शांति मिलती है।
उत्साह: जब हमें स्कूल पिकनिक पर ले जाया जाता है।
वाक्य: स्कूल पिकनिक की खबर सुनते ही मैं उत्साह से भर गया।
दयाजब मैं किसी गरीब को खाना देता हूँ।
वाक्यभूखे बच्चे को खाना देते समय मेरे मन में दया का भाव आया।
चिंता: जब मेरा दोस्त बीमार होता है।
वाक्य: जब राहुल स्कूल नहीं आया, तो मुझे उसकी तबीयत की चिंता हुई।
हँसीजब कोई मजेदार कहानी सुनाता है।
वाक्यदादी की मजेदार कहानी सुनकर मेरी हँसी नहीं रुकी।
भावों की बात

18

कविता में आपने कई पक्षियों के नाम पढ़े। अब आपके सामने पक्षियों से जुड़ी कुछ पहेलियाँ दी गई हैं। पक्षियों को पहचानकर सही चित्रों के साथ रेखा खींचकर जोड़िए-

1 दिखने में हूँ हरा-हरा
कहता हूँ सब खरा-खरा
खाता हूँ मैं मिर्ची लाल
कहते सब मुझे मिडूलाल।

2 सुंदर काले मेरे नैन
श्वेत श्याम है मेरे डैन
उड़ता रहता हूँ दिन-रैन
खेलूँ पानी में तो आए चैन।

3 संदेश पहुँचाना मेरा काम
देता हूँ शांति का पैगाम
करता हूँ मैं गूटर-गूँ
आओगे पास तो हो जाऊँगा छू।

4 पीता हूँ बारिश की बूँदें
रखता हूँ फिर आँखें मूँदे
देखो चकोर है मेरी साथी
बिन उसके घूमें ऊँधें ऊँधें।

5 रहता है घर के आस-पास
रंग है उसका काला खास
जो भी दोगे खाता है वो
झुंड में आ जाता है वो।

6 कुहू कुहू मधुर आवाज सुनाती
घर अपना मैं कहाँ बनाती
काली हूँ पर काक नहीं
बतलाओ मैं क्या कहलाती।

7 तन मेरा सफेद
गर्दन मेरी लंबी
नाम बताओ सच्ची-सच्ची
कहलाता हूँ मैं जलपक्षी।

Answer

1.तोता
2. चकवा
3. कबूतर
4. चातक
5. कौवा
6. कोयल
7. हंस
आज की पहेली

19

इन तीनों चित्रों को ध्यान से देखिए और बताइए
आप पक्षियों को इनमें से कहाँ देखना पसंद करेंगे और क्यों?

Answer

मैं पक्षियों को तीसरे चित्र में यानी हरे-भरे पेड़ों पर बने प्राकृतिक घोंसले में देखना पसंद करूंगा/करूंगी। क्योंकि वहाँ वे स्वतंत्र और सुरक्षित रहते हैं। वे अपनी मर्जी से उड़ सकते हैं, चहचहा सकते हैं और अपने घर खुद बना सकते हैं। यह उनका प्राकृतिक वातावरण है, जहाँ वे खुश रहते हैं। पिंजरे में बंद होना या ऊँची इमारतों के बीच रहना उनके लिए उचित नहीं, क्योंकि वहाँ उन्हें आज़ादी और सुकून नहीं मिलता।
चित्र की बात

20

सीमा-हीन गगन में उड़ते, निर्भय विचरण करते हैं
कविता की इन पंक्तियों को पढ़िए और इन चित्रों को देखिए। इन चित्रों को देखकर आपके मन में क्या विचार रहे हैं?
(
संकेत- जैसे इन चित्रों में कौन निर्भय विचरण कर रहा है?)

Answer

इन चित्रों को देखकर निम्नलिखित विचार मन में आते हैं:
पहला चित्र (सफारी का दृश्य): इस चित्र में एक बस है जिसमें लोग बैठे हुए हैं और बस के चारों ओर जंगल का दृश्य है। बाहर एक शेर और एक भालू निर्भयता से विचरण कर रहे हैं। यहाँ जानवर स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, वे खुले में घूम रहे हैं। यह दृश्य जंगल सफारी का प्रतीक है, जहाँ जानवर स्वाभाविक रूप से निर्भय होकर रहते हैं।
दूसरा चित्र (चिड़ियाघर का दृश्य): इसमें जानवर पिंजरों में बंद हैं और लोग उन्हें देखने आ रहे हैं। शेर और बंदर दोनों पिंजरों में कैद हैं, जबकि लोग स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। यहाँ जानवरों की स्वतंत्रता छिन गई है और वे सीमित दायरे में बंधे हुए हैं।

कविता के संदर्भ में विचारकविता की पंक्तियाँ “सीमा-हीन गगन में उड़ते, निर्भय विचरण करते हैं” हमें स्वतंत्रता का एहसास कराती हैं। पहले चित्र में शेर और भालू की स्वतंत्रता निर्भय विचरण का प्रतीक है, जबकि दूसरे चित्र में उनकी स्वतंत्रता छीन ली गई है।

निर्भय विचरण

21

वन में जितने पंछी हैं, खंजन
कपोत, चातक, कोकिल;
काक, हंस, शुक आदि वास
करते सब आपस में हिलमिल!”

1. वन में सारे पक्षी एक साथ रह रहे हैं, हमारे परिवेश में भी पशु-पक्षी साथ रहते हैं। आप विचार कीजिए कि हमारे परिवेश में उनका रहना क्यों आवश्यक है
2
हम अपने आस-पास रहने वाले पशु-पक्षियों की सहायता कैसे कर सकते हैं?

Answer

1. पशु-पक्षी हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखते हैं। उदाहरण के लिए, पक्षी कीटों को खाकर फसलों की रक्षा करते हैं, और उनके बीज फैलाने से पेड़-पौधे उगते हैं। पशु जैसे गाय और भैंस हमें दूध और खाद प्रदान करते हैं। इनके बिना पर्यावरण असंतुलित हो जाएगा, और हमारी खाद्य श्रृंखला प्रभावित होगी।
2. हम अपने परिवेश में रहने वाले पशु-पक्षियों की सहायता निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं:
• पक्षियों के लिए पानी और दाना रख सकते हैं।
• पेड़-पौधे लगाकर उनके लिए आवास बना सकते हैं।
• कूड़ा-कचरा न फैलाकर उनके पर्यावरण को स्वच्छ रख सकते हैं।
• पशुओं को भोजन और पानी देकर उनकी देखभाल कर सकते हैं।
• जंगलों की कटाई रोकने के लिए जागरूकता फैला सकते हैं।
साथ-साथ

22

उनके मन में लोभ नहीं है”, है”, इस पंक्ति मेंमनका अर्थचित्त’ (बुद्धि) है, किंतुमनशब्द के अन्य अर्थ भी हो सकते हैं। अब नीचे कुछ और पंक्तियों दी गई हैं, उन्हें भी पढ़िए-
(
) आज मेरा मन पहाड़ों पर जाने का कर रहा है।
(
) व्यापारी ने किसान से 10 मन अनाज खरीदा।
उपर्युक्त वाक्यों मेंमनशब्द का प्रयोग अलग-अलग अर्थों/संदर्भों में किया गया है। इस प्रकार हम देखते हैं कि एक ही शब्द दूसरे संदर्भ में अलग-अलग अर्थ दे रहा है। आइए, इससे संबंधित एक और रोचक उदाहरण देखते हैं-
मंगल ने मंगल से कहा कि मंगल को मंगल पर मंगल होगा।
(
संकेतइस वाक्य में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से दिन, ग्रह और शुभ कार्य की चर्चा कर रहा है।)
आगे कुछ और ऐसे ही शब्द दिए गए हैं। दिए गए शब्दों का अलग-अलग अर्थों या संदर्भों में प्रयोग कीजिए-
(
) कर ________________________________________________________
(
) जल ________________________________________________________
(
) अर्थ ________________________________________________________
(
) फल ________________________________________________________
(
) आम ________________________________________________________

Answer

() कर
1. अर्थ (टैक्स): सरकार को हर साल आयकर देना पड़ता है।
2. अर्थ (हाथ): उसने अपने कर से सुंदर चित्र बनाया।

() जल
1. अर्थ (पानी): हमें प्रतिदिन शुद्ध जल पीना चाहिए।
2. अर्थ (चमक): उसका चेहरा खुशी से जल उठा।

() अर्थ
1. अर्थ (मतलब): इस कविता का गहरा अर्थ है।
2. अर्थ (धन): उसने बहुत सारा अर्थ कमाया।

() फल
1. अर्थ (फल): मुझे आम खाना पसंद है।
2. अर्थ (परिणाम): मेहनत का फल मीठा होता है।

() आम
1. अर्थ (फल): आम फलों का राजा है।
2. अर्थ (सामान्य): यह एक आम बात है।

शब्द एक अर्थ अनेक

23

() खुले आसमान में, पेड़ों की टहनियों, छतों और भवनों आदि पर बैठे या उड़ते पक्षी बहुत मनमोहक लगते हैं। अपनी पसंद के ऐसे कुछ दृश्यों का कोलाज बनाकर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।

Answer

रचनात्मकता

24

() 'स्वतंत्रता और प्रेम' का संदेश देने वाला एक पोस्टर बनाइए। इसमें इस कविता की कोई पंक्ति या संदेश भी शामिल कीजिए।

Answer

रचनात्मकता

25

मनुष्य बिना सोचे-समझे जंगलों की लगातार कटाई कर रहा है, जिससे पशु-पक्षियों का जीवन प्रभावित हो रहा है। मनुष्य द्वारा किए जा रहे ऐसे कार्यों की एक सूची बनाइए, जिनसे पर्यावरण हमारे परिवेश के पशु-पक्षियों के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस संकट की स्थिति से बचने के लिए क्या-क्या के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं? लिखिए। आप इस कार्य में शिक्षक, इंटरनेट और पुस्तकालय की सहायता भी ले सकते हैं।
(
संकेत- जैसे ऊँचे भवनों का निर्माण…….)

Answer

पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले कार्य:
1. जंगलों की कटाई।
2. प्लास्टिक और कूड़े का अंधाधुंध उपयोग।
3. प्रदूषण (वायु, जल, ध्वनि)।
4. अवैध शिकार।
5. बड़े-बड़े भवनों और सड़कों का निर्माण।

उपाय:
1. अधिक से अधिक पेड़ लगाना।
2. प्लास्टिक का उपयोग कम करना और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना।
3. प्रदूषण कम करने के लिए साफ ऊर्जा (सौर, पवन) का उपयोग करना।
4. शिकार पर रोक लगाना और वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र बनाना।
5. पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाना।

हमारा पर्यावरण

26

() पर्यावरण संरक्षण के लिए हम अपने स्तर पर कुछ प्रयास कर सकते हैं। आप अपने विद्यालय, आस-पास और घरों में देखिए कि किन-किन कार्यों में प्लास्टिक के थैले का प्रयोग किया जाता है? उन कार्यों की सूची बनाइए। अब इनमें प्रयोग किए जा रहे प्लास्टिक के थैलों के विकल्पों पर विचार कीजिए और लिखिए। 
(
संकेत- जैसे- हम प्लास्टिक के थैले की जगह कागज या कपड़े के थैले का प्रयोग किन-किन कार्यों में कर सकते हैं।)

Answer

पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक थैलों के प्रयोग और उनके विकल्पों की सूची:
प्लास्टिक थैलों के प्रयोग वाले कार्य:
हम अपने विद्यालय, आस-पास और घरों में निम्नलिखित कार्यों में प्लास्टिक के थैलों का प्रयोग होते देखते हैं:
• सब्ज़ी और फल लाने में
• किराने का सामान लाने में
• टिफिन या खाना ले जाने में
• स्कूल के प्रोजेक्ट मटेरियल रखने में
• दूध या ब्रेड जैसी पैक वस्तुएँ लाने में
• गीले कपड़े या जूते रखने में
• कूड़ा फेंकने के लिए

इन कार्यों में प्लास्टिक के थैलों के विकल्प:

निष्कर्षअगर हम इन दैनिक कार्यों में प्लास्टिक थैलों की जगह कागज़, कपड़े या जूट के थैले अपनाएं, तो हम पर्यावरण को बहुत हद तक प्रदूषण से बचा सकते हैं। हमें बार-बार इस्तेमाल किए जा सकने वाले थैले रखने की आदत डालनी चाहिए।

परियोजना कार्य

27

() सभी विद्यार्थीपर्यावरण बचाओविषय पर एक नुक्कड़ नाटक तैयार करें और उसकी प्रस्तुति विद्यालय प्रांगण में करें।

Answer

नुक्कड़ नाटक: "पर्यावरण बचाओ"
स्थान: विद्यालय प्रांगण
समय: 5–7 मिनट
पात्र:
1. सूत्रधार (Narrator)
2. पेड़ (1 या 2 छात्र)
3. जानवर (जैसे गाय, पक्षी, कुत्ता आदि)
4. मनुष्य 1 (प्लास्टिक फेंकने वाला)
5. मनुष्य 2 (सिगरेट पीने वाला)
6. मनुष्य 3 (पर्यावरण रक्षक)
7. बच्चे (जागरूकता फैलाने वाले)
8. सभी पात्र मिलकर गीत या नारा लगाते हैं

नाटक की शुरुआत
सूत्रधार:
(लाउड वॉइस में)
"हमारे चारों ओर का वातावरण यानी पर्यावरण, हमें जीवन देता है – पेड़, पानी, हवा, जानवर – सब कुछ। पर आज इंसान खुद अपने हाथों से इसे नष्ट कर रहा है। देखिए यह दृश्य…"

दृश्य 1: प्रदूषण का प्रभाव
(एक मनुष्य कूड़ा फैला रहा है, पेड़ पर प्लास्टिक लिपटा है, जानवर खाने के लिए कुछ ढूँढ रहा है)
जानवर: (दुखी होकर) "मुझे खाने को कुछ नहीं मिलता, सब जगह कूड़ा और प्लास्टिक है।"
पेड़: "मेरी साँसे घुट रही हैं। धुएं और प्लास्टिक से मैं बीमार हो गया हूँ।"
पक्षी: "मुझे अब उड़ने के लिए साफ आसमान नहीं मिलता।"

दृश्य 2: चेतावनी
सूत्रधार"अगर ऐसे ही चलता रहा, तो एक दिन धरती पर जीवन नहीं बचेगा। अब समय है कुछ करने का!"

दृश्य 3: बदलाव की शुरुआत
मनुष्य 3 (पर्यावरण रक्षक): "हमें अब समझदारी दिखानी होगी – पेड़ लगाओ, प्लास्टिक हटाओ, कचरा डस्टबिन में डालो, और जल बचाओ!"
बच्चे मिलकर:
"हम सब मिलकर करेंगे ये काम,
धरती माँ को देंगे आराम।
प्लास्टिक नहीं – कपड़े के थैले,
पेड़ लगाएँ हर इक गली-मोहल्ले!"

अंत में नारा (सभी मिलकर):
"पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ!"
"प्लास्टिक हटाओ, धरती बचाओ!"
"हर बच्चा अब ये माने,
धरती को स्वच्छ बनाएँ!"
(इच्छानुसार एक छोटा गीत या स्लोगन पर नृत्य भी जोड़ा जा सकता है)

संदेश"अगर हम आज नहीं जागे, तो कल बहुत देर हो जाएगी। पर्यावरण बचाना, हम सबकी जिम्मेदारी है!"

परियोजना कार्य

28

आप इंटरनेट या किसी अन्य माध्यम की सहायता से अन्य प्रवासी पक्षियों के बारे में रोचक जानकारी एकत्रित कीजिए और प्रवासी पक्षियों पर लेख लिखिए।

Answer

प्रवासी पक्षियों पर लेख
प्रवासी पक्षी क्या होते हैं
प्रवासी पक्षी वे पक्षी होते हैं जो एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। यह यात्रा वे भोजन की तलाश में, सर्दी से बचने या प्रजनन के लिए करते हैं। हर साल कुछ पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आते हैं।
भारत में आने वाले कुछ प्रमुख प्रवासी पक्षी
साइबेरियन क्रेनयह पक्षी साइबेरिया से उड़कर राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सर्दियों में आता है।
ग्रेटर फ्लेमिंगोयह पक्षी गुजरात के कच्छ के रण में हर साल बड़ी संख्या में आता है।
अमूर फाल्कनयह पक्षी मणिपुर और ओडिशा से होते हुए चीन तक जाता है और हजारों किलोमीटर की यात्रा करता है।
बार हेडेड गूजयह पक्षी तिब्बत से उड़कर हिमाचल प्रदेश की पोंग झील में आता है। यह बहुत ऊंचाई पर उड़ने वाला पक्षी है।
ब्लू टेल्ड बी ईटरयह गर्मियों में भारत आता है और छोटे कीड़ों को खाता है।

भारत में प्रवासी पक्षियों के प्रमुख स्थल
• चिल्का झील ओडिशा में स्थित है जहां हजारों प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं।
• पोंग झील हिमाचल प्रदेश में स्थित है और बार हेडेड गूज का मुख्य ठिकाना है।
• केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान में स्थित है जहां साइबेरियन क्रेन हर साल आता है।

प्रवासी पक्षियों की समस्याएं
इन पक्षियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे इनके रहने की जगहें नष्ट हो रही हैं। मौसम में बदलाव से इन्हें परेशानी होती है। कुछ जगहों पर इनका शिकार भी किया जाता है।

हम क्या कर सकते हैं
हमें इन पक्षियों के रहने के स्थानों को सुरक्षित रखना चाहिए। लोगों को इनके बारे में जानकारी देनी चाहिए। इनका शिकार रोकने के लिए सख्त कानूनों का पालन करना चाहिए।

निष्कर्षप्रवासी पक्षी हमारे पर्यावरण के लिए बहुत जरूरी हैं। हमें मिलकर इनकी रक्षा करनी चाहिए ताकि ये पक्षी हर साल भारत आते रहें और हमारी प्रकृति को सुंदर बनाते रहें।

साझी समझ