दुःख का अधिकार

NCERT Solutions for Chapter 1 दुःख का अधिकार Class 9 Sparsh

Book Solutions

1

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
किसी व्यक्ति की पोशाक को देखकर हमें क्या पता चलता है?

Answer

किसी की पोशाक को देखकर हमें समाज में उसके अधिकार और दर्जे का पता चलता है।
मौखिक Page Number 10

2

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
खरबूजे बेचने वाली स्त्री से कोई ख़रबूज़े क्यों नही खरीद रहा था?

Answer

ख़रबूज़े बेचने वाली स्त्री से कोई ख़रबूज़े इसलिए नही खरीद रहा था क्योंकि वह मुँह छिपाए सिर को घुटनो पर रख फफक-फफककर रो रही थी। 
मौखिक Page Number 10

3

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
उस स्त्री को देखकर लेखक को कैसा लगा?

Answer

उस स्त्री को देखकर लेखक लेखक के मन में एक व्यथा सी उठी और वो उसके रोने का कारण जानने का उपाय सोचने लगा। 
मौखिक Page Number 10

4

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था?

Answer

उस स्त्री के लड़के की मृत्यु खेत में पके खरबूज चुनते समय साँप के काटने से हुई ।
मौखिक Page Number 10

5

निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
बुढ़िया को कोई भी क्यों उधार नही देता?

Answer

बुढ़िया के परिवार में एकमात्र कमाने वाला बेटा मर गया था। ऐसे में पैसे वापस न मिलने के डर के कारण कोई उसे उधार नही देता। 
मौखिक Page Number 10

(क)1

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
मनुष्य के जीवन में पोशाक का क्या महत्व है?

Answer

मनुष्य के जीवन में पोशाक मात्र एक शरीर ढकने का साधन नही है बल्कि समाज में उसका दर्जा निश्चित करती है। पोशाक से मनुष्य की हैसियत, पद तथा समाज में उसके स्थान का पता चलता है। पोशाक मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारती है। जब हम किसी से मिलते हैं, तो पहले उसकी पोशाक से प्रभावित होते हैं तथा उसके व्यक्तित्व का अंदाज़ा लगाते हैं। पोशाक जितनी प्रभावशाली होगी, उतने अधिक लोग प्रभावित होगें।
लिखित Page Number 10

(क)2

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
पोशाक हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है?

Answer

पोशाक हमारे लिए बंधन और अड़चन तब बन जाती है जब हम अपने से कम दर्ज़े या कम पैसे वाले व्यक्ति के साथ उसके दुख बाँटने की इच्छा रखते हैं। लेकिन उसे छोटा समझकर उससे बात करने में संकोच करते हैं और उसके साथ सहानुभूति तक प्रकट नहीं कर पाते हैं।
लिखित Page Number 10

(क)3

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नही जान पाया?

Answer

लेखक की पोशाक रोने का कारण जान पाने की बीच अड़चन थी। वह फुटपाथ पर बैठकर उससे पूछ नही सकता था। इससे उसके प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती। इस वजह से वह उस स्त्री के रोने का कारण नही जान पाया।
लिखित Page Number 10

(क)4

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था?

Answer

भगवाना शहर के पास डेढ़ बीघा ज़मीन में कछियारी करके परिवार का निर्वाह करता था।
लिखित Page Number 10

(क)5

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लड़के के मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूजे बेचने क्यों चल पड़ी?

Answer

बुढ़िया बहुत गरीब थी। लड़के की मृत्यु पर घर में जो कुछ था सब कुछ खर्च हो गया। लड़के के छोटे-छोटे बच्चे भूख से परेशान थे, बहू को तेज़ बुखार था। ईलाज के लिए भी पैसा नहीं था। इन्हीं सब कारणों से वह दूसरे ही दिन खरबूज़े बेचने चल दी।
लिखित Page Number 10

(क)6

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
बुढ़िया के दुःख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला की याद क्यों आई?

Answer

लेखक को बुढ़िया के दुःख को देखकर अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला की याद इसलिए आई क्योंकि उसके बेटे का भी देहांत हुआ था। वह दोनों के दुखों के तुलना करना चाहता था। दोनों के शोक मानाने का ढंग अलग था। धनी परिवार के होने की वजह से वह उसके पास शोक मनाने को असीमित समय था और बुढ़िया के पास शोक का अधिकार नही था।
लिखित Page Number 10

(ख)1

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
बाजार के लोग खरबूजे बेचने वाली स्त्री के बारे में क्या-क्या कह रहे थे? अपने शब्दों में लिखिए।

Answer

बाज़ार के लोग खरबूज़ेबेचने वाली स्त्री के बारे में तरह-तरह की बातें कह रहे थे। कोई घृणा से थूककर बेहया कह रहा था, कोई उसकी नीयत को दोष दे रहा था, कोई कमीनी, कोई रोटी के टुकड़े पर जान देने वाली कहता, कोई कहता इसके लिए रिश्तों का कोई मतलब नहीं है, परचून वाला लाला कह रहा था, इनके लिए अगर मरने-जीने का कोई मतलब नही है तो दुसरो का धर्म ईमान क्यों ख़राब कर रही है।
लिखित Page Number 10

(ख)2

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
पास पड़ोस की दूकान से पूछने पर लेखक को क्या पता चला?

Answer

पास पड़ोस की दूकान से पूछने पर लेखक को पता चला कि बुढ़िया का जवान बेटा सांप के काटने से मर गया है। वह परिवार में एकमात्र कमाने वाला था। उसके घर का सारा सामान बेटे को बचाने में खर्च हो गया। घर में दो पोते भूख से बिलख रहे थे। इसलिए वो खरबूजे बेचने बाजार आई है।
लिखित Page Number 10

(ख)3

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लड़के को बचाने के लिए बुढ़िया ने क्या- क्या उपाय किए ?

Answer

लड़के के मृत्यु होने पर बुढ़िया पागल सी हो गयी। वह जो कर सकती थी उसने किया। वह ओझा को बुला लायी झाड़ना-फूंकना हुआ। नागदेवता की पूजा भी हुई। घर में जितना अनाज था दान दक्षिणा में समाप्त हो गया। परन्तु उसका बेटा बच न सका।
लिखित Page Number 10

(ख)4

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाजा कैसे लगाया?

Answer

लेखक उस पुत्र-वियोगिनी के दु:ख का अंदाज़ा लगाने के लिए पिछले साल अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दु:खी माता की बात सोचने लगा जिसके पास दु:ख प्रकट करने का अधिकार तथा अवसर दोनों था परन्तु यह बुढ़िया तो इतनी असहाय थी कि वह ठीक से अपने पुत्र की मृत्यु का शोक भी नहीं मना सकती थी।
लिखित Page Number 10

(ख)5

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
इस पाठ का शीर्षक 'दु:ख का अधिकार' कहाँ तक सार्थक है? स्पष्ट कीजिए।

Answer

इस पाठ का शीर्षक 'दु:ख का अधिकार' पूरी तरह से सार्थक सिद्ध होता है क्योंकि यह अभिव्यक्त करता है कि दु:ख प्रकट करने का अधिकार व्यक्ति की परिस्थिति के अनुसार होता है। यद्यपि दु:ख का अधिकार सभी को है। गरीब बुढ़िया और संभ्रांत महिला दोनों का दुख एक समान ही था। दोनों के पुत्रों की मृत्यु हो गई थी परन्तु संभ्रांत महिला के पास सहूलियतें थीं, समय था। इसलिए वह दु:ख मना सकी परन्तु बुढ़िया गरीब थी, भूख से बिलखते बच्चों के लिए पैसा कमाने के लिए निकलना था। उसके पास न सहूलियतें थीं न समय। वह दु:ख न मना सकी। उसे दु:ख मनाने का अधिकार नहीं था। इसलिए शीर्षक पूरी तरह सार्थक प्रतीत होता है।
लिखित Page Number 10

(ग)1

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए -
जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतंग को सहसा भूमि पर नहीं गिर जाने देतीं उसी तरह खास परिस्थितियों में हमारी पोशाक हमें झुक सकने से रोके रहती है।

Answer

यहाँ लेखक ने पोशाक की तुलना वायु की लहरों से की है। जिस प्रकार पतंग के कट जाने पर वायु की लहरें उसे कुछ समय के लिए उड़ाती रहती हैं, एकाएक धरती से टकराने नही देतीं ठीक उसी प्रकार किन्हीं ख़ास परिस्थतियों में पोशाक हमें नीचे झुकने से रोकती हैं।
लिखित Page Number 11

(ग)2

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए -
इनके लिए बेटा-बेटी, खसम-लुगाई,धर्म-ईमान सब रोटी का टुकड़ा है।

Answer

इस वाक्य में गरीबी पर चोट की गयी है। गरीबों को कमाने के लिए रोज घर से निकलना पड़ता है । परन्तु लोग कहते हैं उनके लिए रिश्ते-नाते कोई मायने नही रखते हैं। वे सिर्फ पैसों के गुलाम होते हैं। रोटी कमाना उनके लिए सबसे बड़ी बात होती है।
लिखित Page Number 11

(ग)3

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए -
शोक करने, गम मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और… दुखी होने का भी एक अधिकार होता है।

Answer

शोक करने, गम मनाने के लिए सहूलियत चाहिए। यह व्यंग्य अमीरी पर है क्योंकि अमीर लोगों के पास दुख मनाने का समय और सुविधा दोनों होती हैं। इसके लिए वह दु:ख मनाने का दिखावा भी कर पाता है और उसे अपना अधिकार समझता है। जबकि गरीब विवश होता है। वह रोज़ी रोटी कमाने की उलझन में ही लगा रहता है। उसके पास दु:ख मनाने का न तो समय होता है और न ही सुविधा होती है। इसलिए उसे दु:ख का अधिकार भी नहीं होता है।
लिखित Page Number 11

2

निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए−

ईमान

बदन

अंदाज़ा

बेचैनी

गम

दर्ज़ा

ज़मीन

ज़माना

बरकत

Answer

ईमान

ज़मीर, विवेक

बदन

शरीर, तन, देह

अंदाज़ा

अनुमान

बेचैनी

व्याकुलता, अधीरता

गम

दुख, कष्ट, तकलीफ

दर्ज़ा

स्तर, कक्षा

ज़मीन

धरती, भूमि, धरा

ज़माना

संसार, जग, दुनिया

बरकत

वृद्धि, बढ़ना

भाषा अध्ययन Page Number 11

3

निम्नलिखित उदाहरण के अनुसार पाठ में आए शब्द-युग्मों को छाँटकर लिखिए-

Answer

फफक

फफककर

दुअन्नी

चवन्नी

ईमान

धर्म

आते

जाते

छन्नी

ककना

पास

पड़ोस

झाड़ना

फूँकना

पोता

पोती

दान

दक्षिणा

मुँह

अँधेरे

भाषा अध्ययन Page Number 12

4

पाठ के संदर्भ के अनुसार निम्नलिखित वाक्यांशों की व्याख्या कीजिए −
बंद दरवाज़े खोल देना, निर्वाह करना, भूख से बिलबिलाना, कोई चारा न होना, शोक से द्रवित हो जाना।

Answer

1. बंद दरवाज़े खोल देना − प्रगति में बाधक तत्व हटने से बंद दरवाज़े खुल जाते हैं।
2. निर्वाह करना − परिवार का भरण-पोषण करना
3. भूख से बिलबिलाना − बहुत तेज भूख लगना (व्याकुल होना)
4. कोई चारा न होना − कोई और उपाय न होना
5. शोक से द्रवित हो जाना − दूसरों का दु:ख देखकर भावुक हो जाना।
भाषा अध्ययन Page Number 12

5

निम्नलिखित शब्द-युग्मों और शब्द-समूहों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए−

(क)

छन्नी-ककना

अढ़ाई-मास 

पास-पड़ोस

दुअन्नी-चवन्नी 

मुँह-अँधेरे

झाड़ना-फूँकना

(ख)

फफक-फफककर 

बिलख-बिलखकर

तड़प-तड़पकर

लिपट-लिपटकर

Answer

(क)
1. छन्नी-ककना − मकान बनाने में उसका छन्नी-ककना तक बिक गया।
2. अढ़ाई-मास − वह विदेश में अढ़ाई-मास ही रहा।
3. पास-पड़ोस − पास-पड़ोस अच्छा हो तो समय अच्छा कटता है।
4. दुअन्नी-चवन्नी − आजकल दुअन्नी-चवन्नी को कौन पूछता है।
5. मुँह-अँधेरे − वह मुँह-अँधेरे उठ कर चला गया।
6. झाड़-फूँकना − गाँवों में आजकल भी लोग झाँड़ने-फूँकने पर विश्वास करते हैं।
(ख)
1. फफक-फफककर − बच्चे फफक-फफककर रो रहे थे।
2. तड़प-तड़पकर − आंतकियों के लोगों पर गोली चलाने से वे तड़प-तड़पकर मर रहे थे।
3. बिलख-बिलखकर − बेटे की मृत्यु पर वह बिलख-बिलखकर रो रही थी।
4. लिपट-लिपटकर − बहुत दिनों बाद मिलने पर वह लिपट-लिपटकर मिली।
भाषा अध्ययन Page Number 12

6

निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और इस प्रकार के कुछ और वाक्य बनाइए:
(क)1. लड़के सुबह उठते ही भूख से बिलबिलाने लगे।
      2. उसके लिए तो बजाज की दुकान से कपड़ा लाना ही होगा।
      3. चाहे उसके लिए माँ के हाथों के छन्नी-ककना ही क्यों न बिक जाएँ।
(ख) 1. अरे जैसी नीयत होती है, अल्ला भी वैसी ही बरकत देता है।
       2. भगवाना जो एक दफे चुप हुआ तो फिर न बोला।

Answer

(क)
1
लड़के सुबह उठते ही भूख से बिलबिलाने लगे।
बुढ़िया के पोता-पोती भूख से बिलबिला रहे थे।
2
उसके लिए तो बजाज की दुकान से कपड़ा लाना ही होगा।
बच्चों के लिए खिलौने लाने ही होंगे।
3
चाहे उसके लिए माँ के हाथों के छन्नी-ककना ही क्यों न बिक जाएँ।
उसने बेटी की शादी के लिए खर्चा करने का इरादा किया चाहे इसके लिए उसका सब कुछ ही क्यों न बिक जाए।
(ख)
1
अरे जैसी नीयत होती है, अल्ला भी वैसी ही बरकत देता है।
जैसा दूसरों के लिए करोगे वैसा ही फल पाओगे।
2
भगवाना जो एक दफे चुप हुआ तो फिर न बोला।
जो समय निकल गया तो फिर मौका नहीं मिलेगा।
भाषा अध्ययन Page Number 12