बड़े भाई साहब

NCERT Solutions for Chapter 10 बड़े भाई साहब Class 10 Sparsh

Book Solutions

1

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
कथा नायक की रूचि किन कार्यों में थी?

Answer

कथा नायक की रूचि खेल कूद, कँकरियाँ उछालने, गप्पबाजी करने, कागज़ की तितलियाँ बनाने, उड़ाने, उछलकूद करने, चार दीवारी पर चढ़कर नीचे कूदने, फाटक पर सवार होकर उसे मोटर कार बना कर मस्ती करने में थी।
मौखिक Page Number 63

2

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
बड़े भाई छोटे भाई से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे?

Answer

बड़े भाई साहब छोटे भाई से, हर समय यही सावल पूछते "कहाँ थे"?
मौखिक Page Number 63

3

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

Answer

दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई की स्वछन्दता और मनमानी बढ़ गई। उसने ज्यादा समय मौज-मस्ती में व्यतीत करना शुरू कर दिया। उसे लगने लगा की वह पढ़े  ना पढ़े अच्छे नम्बरों से पास हो जाएगा। उसे कनकौए उड़ाने का नया शौक पैदा हो गया।
मौखिक Page Number 63

4

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बड़े थे और वे कौन-सी कक्षा में पढ़ते थे?

Answer

बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में पाँच साल बड़े थे और वे नवीं कक्षा में पढ़ते थे।
मौखिक Page Number 63

5

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?

Answer

बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए कभी किताब के हाशियों पर चिड़ियों, कुत्तों, बिल्लियों आदि की तस्वीर बनाते, कभी एक ही शब्द कई बार लिखते तो कभी एक शेर को बार-बार सुन्दर अक्षरों में नक़ल करते। कई बार ऐसी शब्द रचना करते जिनका कोई अर्थ नही होता था।
मौखिक Page Number 63

(क)1

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?

Answer

छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय  की वह अब मन लगाकर पढाई करेगा और बड़े भाई को कभी शिकायत का मौका नही देगा। रात ग्यारह बजे तक हर विषय का कार्यक्रम बनाया गया परन्तु पढ़ाई करते समय खेल के मैदान, उसकी हरियाली हवा के हलके-हलके झोंके, फुटबॉल की उछलकूद, कबड्डी बालीबॉल की तेज़ी सब चीज़े उसे अपनी ओर खींचती थी इसलिए वह टाइम-टेबिल का पालन नहीं कर पाया।
लिखित Page Number 63

(क)2

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?

Answer

एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचे तो उनकी प्रतिक्रिया बहुत भयानक थी। वह बहुत क्रोधित थे। उन्होंने छोटे भाई को बहुत डाँटा। उन्होंने उसे पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा। गुल्ली-डंडा खेल की उन्होंने बहुत बुराई की। उनके अनुसार यह खेल भविष्य के लिए लाभकारी नहीं है। अतः इसे खेलकर उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि अव्वल आने पर उसे घंमड हो गया है। उनके अनुसार घमंड तो रावण तक का भी नहीं रहा। अभिमान का एक-न-एक दिन अंत होता है। अतः छोटे भाई को चाहिए कि घमंड छोड़कर पढ़ाई की ओर ध्यान दे।
लिखित Page Number 63

(क)3

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
बड़े भाई को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?

Answer

बड़े भाई की उम्र छोटे भाई से पाँच वर्ष अधिक थी। वे होस्टल में छोटे भाई के अभिभावक के रूप में थे। उन्हें भी खेलने पंतग उड़ाने तमाशे देखने का शौक था परन्तु अगर वे ठीक रास्ते पर न चलते तो भाई के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी नही निभा पाते। अपने नैतिक कर्त्तव्य का बोध होने के कारण उन्हें अपने मन की इच्छाएँ दबानी पड़ती थीं।
लिखित Page Number 63

(क)4

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों?

Answer

बड़े भाई साहब चाहते थे कि छोटा भाई हरदम पढ़ता रहे और अच्छे अंकों से पास होता रहे। इसलिए वे उसे हमेशा सलाह देते कि ज़्यादा समय खेलकूद में न बिताए, अपना ध्यान पढ़ाई में लगाए। वे कहते थे कि अंग्रेजी विषय को पढ़ने के लिए दिनरात मेहनत करनी पड़ती है। यदि मेहनत नहीं करोगे तो उसी दरजे में पड़े रहोगे।
लिखित Page Number 63

(क)5

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया?

Answer

छोटे भाई ने बड़े भाई की नरमी का अनुचित लाभ उठाया। उसपर बड़े भाई का डर नहीं रहा, वह आज़ादी से खेलकूद में जाने लगा, वह अपना सारा समय मौज-मस्ती में बिताने लगा। उसे विश्वास हो गया कि वह पढ़े न पढ़े पास हो जाएगा।
लिखित Page Number 63

(ख)1

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।

Answer

छोटा भाई अभी अनुभवहीन था। वह अपना भला बुरा नहीं समझ पाता था। यदि बड़े भाई साहब उसे डाँटते फटकारते नहीं तो वह जितना पढ़ता था उतना भी नहीं पढ़ पाता और अपना समय खेलकूद में ही गँवा देता। उसे बड़े भाई की डाँट का डर था। इसी कारण उसे शिक्षा की अहमियत समझ में आई, विषयों की कठिनाइयों का पता लगा, अनुशासित होने के लाभ समझ में आए और वह अव्वल आया।
लिखित Page Number 63

(ख)2

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बड़े भाई साहब पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?

Answer

बड़े भाई साहब ने समूची शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य करते हुए कहा है कि ये शिक्षा अंग्रेजी बोलने, लिखने, पढ़ने पर ज़ोर देती है। आए या न आए पर उस पर बल दिया जाता है।
रटने की प्रणाली पर भी ज़ोर है। अर्थ समझ में आए न आए पर रटकर बच्चा विषय में पास हो जाता है। साथ ही अलजबरा, ज्योमेट्री निरंतर अभ्यास के बाद भी गलत हो जाती है। अपने देश के इतिहास के साथ दूसरे देश के इतिहास को भी पढ़ना पड़ता है जो ज़रूरी नहीं है। छोटे-छोटे विषयों पर लंबे चौड़े निबंध लिखना। ऐसी शिक्षा जो लाभदायक कम और बोझ ज़्यादा हो ठीक नहीं होती है।
लिखित Page Number 64

(ख)3

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?

Answer

बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ केवल किताबी ज्ञान से नहीं आती बल्कि अनुभव से आती है। इसके लिए उन्होंने अम्माँ, दादा व हैडमास्टर की माँ के उदाहरण भी दिए हैं किवे पढ़े लिखे न होने पर भी हर समस्याओं का समाधान आसानी से कर लेते हैं। अनुभवी व्यक्ति को जीवन की समझ होती है, वे हर परिस्थिति में अपने को ढालने की क्षमता रखते हैं।
लिखित Page Number 64

(ख)4

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?

Answer

छोटे भाई को खेलना बहुत पसंद था। वह हर समय खेलता रहता था। बड़े भाई साहब इस बात पर उसे बहुत डांटते रहते थे। उनके डर के कारण वह थोड़ा बहुत पढ़ लेता था। परन्तु जब बहुत खेलने के बाद भी उसने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया, तो उसे स्वयं पर अभिमान हो गया। अब उसके मन से बड़े भाई का डर भी जाता रहा। वह बेखौफ होकर खेलने लगा। एक दिन पतंग उड़ाते समय बड़े भाई साहब ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने उसे समझाया और अगली कक्षा की पढ़ाई की कठिनाइयों का अहसास भी दिलाया। उन्होंने बताया कि वह कैसे उसके भविष्य के कारण अपने बचपन का गला घोंट रहे हैं। उनकी बातें सुनकर छोटे भाई की आँखें खुल गई। उसे समझ में आ गया कि उसके अव्वल आने के पीछे बड़े भाई की ही प्रेरणा रही है। इससे उसके मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई।
लिखित Page Number 64

(ख)5

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?

Answer

बड़े भाई साहब अध्ययनशील हैं, हमेशा किताबे खोले बैठे रहते हैं, घोर परिश्रमी हैं। चाहे उन्हें समझ में न भी आए परिश्रम करते रहते हैं । वह वाकपदु भी हैं, छोटे भाई को तरह तरह से समझाते हैं। उन्हें बडप्पन का अहसास है। इसलिए वह छोटे भाई को भी समझाते हैं। अनुभवी होने से जीवन में अनुभव की महत्ता समझाते हैं।
लिखित Page Number 64

(ख)6

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बड़े भाई साहब ने ज़िंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?

Answer

बड़े भाई साहब ने जिदंगी के अनुभव की किताबी को ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण माना है। जो ज्ञान बड़ों को है वह पुस्तकें पढ़ कर हासिल नहीं होता है। ज़िंदगी के अनुभव उन्हें ठोस धरातल देते हैं जिससे हर परिस्थिति का सामना किया जा सकता है। पुस्तकें व्यवहार की भूमि नहीं होती है। गलत-सही, उचित-अनुचित की जानकारी अनुभवों से ही आती है। अत: जीवन के अनुभव किताबी ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
लिखित Page Number 64

(ख)7

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि −
(क) छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है।
(ख) भाई साहब को ज़िंदगी का अच्छा अनुभव है।
(ग) भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा है।
(घ) भाई साहब छोटे भाई का भला चाहते हैं।

Answer

(क) पतंगबाजी के समय बड़े भाई ने समझाया कि वह बड़ा है, उसे गलत राह पर नहीं जाने देगा। वह भले ही फेल हो जाए पर छोटे भाई को फेल नहीं होने देगा। यह सुनकर छोटे भाई के मन मे बड़े भाई के लिए आदर भर आया।
(ख) बड़े भाई को ज़िंदगी का बड़ा अनुभव है। वे जानते हैं कि दादा ने अपनी मेहनत की कमाई से कुशलता से परिवार पालन किया है। वह यह भी जानते हैं कि अपनी इच्छाओं पर काबूकरके ही वह छोटे भाई को ठीक रख सकते हैं।
(ग) बड़े भाई साहब छोटे भाई को समझा रहे थे, उसी समय एक पतंग कट कर आई। छोटा भाई उसे लूटने दौड़ा परन्तु लम्बे होने के कारण बड़े भाई ने लूट ली। वे हॉस्टल की ओर दौड़े। ये उनके भीतर बच्चा होने का प्रमाण है।
(घ) बड़े भाई साहब छोटे भाई को ज़्यादा खेलने के लिए डाँटते, उसका भला बुरा समझाते, गलत-सही को समझाते। वह चाहते थे कि उनका छोटा भाई ठीक रहे और अव्वल आए।
लिखित Page Number 64

(ग)1

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज़ नहीं, असल चीज़ है बुद्धि का विकास।

Answer

बड़े भाई साहब इम्तिहान पास होने को बहुत महत्व नहीं देते थे। वे कहते थे कि किताबे रट के पास हो सकते हैं परन्तु जीवन के अनुभवों और बुद्धि के विकास से इंसान बुद्धिमान बनता है।
लिखित Page Number 64

(ग)2

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुडकियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था।

Answer

लेखक हर समय अपने खेलकूद, सैरसपाटे में मस्त रहता और बड़े भाई से डाँट खाता था परन्तु फिर भी खेलकूद नहीं छोड़ता था। जैसे संकटों में फँसकर भी मनुष्य अपनी मोहमाया नहीं छोड़ता है उसी प्रकार छोटा भाई खेलकूद को नहीं छोड़ता था।
लिखित Page Number 64

(ग)3

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
बुनियाद ही पुख्ता न हो तो मकान कैसे पायेदार बने?

Answer

बड़े भाई साहब का विचार था कि यदि मकान की नीव ही कमज़ोर हो तो उसपर मंजिले खड़ी नहीं हो सकती हैं यानी अगर पढाई का शरुआती आधार ठोस नही हो तो आदमी आगे चलकर कुछ नही कर पाता। पढाई के साथ साथ उसके लिए अनुभव भी बहुत जरुरी है।
लिखित Page Number 64

(ग)4

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
आँखे आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो।

Answer

लेखक जब पंतग लूट रहा था तो उसकी आँखे आसमान की ओर थी और मन पंतग रूपी शहगीर की तरह। उसे पंतग एक दिव्य आत्मा जैसी लग रही थी जो धीरे-धीरे नीचे आ रही थी और वह उसे पाने के लिए दौड़ रहा था।
लिखित Page Number 64

1

निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए −
नसीहत, रोष, आज़ादी, राजा, ताज्जुब

Answer

नसीहत- मशवरा, सलाह
रोष- गुस्सा, क्रोध
आज़ादी- स्वाधीनता, स्वतंत्रता
राजा- महीप, भूपति
ताज्जुब- अचरज, अचंभा
भाषा अध्यन Page Number 64

2

निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए −
सिर पर नंगी तलवार लटकना, आड़े हाथों लेना, अंधे के हाथ बटेर लगना, लोहे के चने चबाना, दाँतों पसीना आना, ऐरा-गैरा नत्थू खैरा।

Answer

सिर पर नंगी तलवार लटकना - सी.बी.आई ने जाँच शुरू करके सबके सिर पर नंगी तलवार लटका दी|
आड़े हाथों लेना - पुलिस ने चोर को आड़े हाथों ले लिया।
अंधे के हाथ बटेर लगना - कर्मचारी को जब रूपयों से भरा थैला मिला तो मानों अंधे के हाथबटेर लग गई।
लोहे के चने चबाना - मज़दूर दिन रात मेहनत करते हैं, पैसों के लिए वह लोहे के चने चबाते हैं।
दाँतों पसीना आना - राम की जिद्द् के आगे उनके पिताजी के दाँतों पसीना आ गया।
ऐरा-गैरा नत्थू खैरा - उस पार्टी में ऐरा-गैरा नत्थू खैरा भी आ गया।

भाषा अध्यन Page Number 64

3

निम्नलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।

तत्सम

तद्भव

देशज

आगत (अंग्रेज़ी एवं उर्दू/ अरबी-फारसी)

जन्मसिद्ध

आँख

दाल-भात

पोज़ीशन, फ़जीहत

तालीम, जल्दबाज़ी, पुख्ता, हाशिया, चेष्टा, जमात, हर्फ़, सूक्तिबाण, जानलेवा, आँखफोड़, घुड़कियाँ, आधिपत्य, पन्ना, मेला-तमाशा, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रात:काल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम-टेबिल

Answer

तत्सम

तद्भव

देशज

आगत

अरबी-फारसी

जन्मसिद्ध

आँख

दाल-भात

पोज़ीशन

फ़जीहत

चेष्टा, निपुण

घुड़कियाँ

जानलेवा

जल्दबाज़ी

हाशिया

सूक्तिबाण, विद्वान

पन्ना

आँखफोड़

पुख्ता

तालीम

आधिपत्य, प्रात:काल

मेला तमाशा

मसलन

हर्फ़

अवहेलना

फटकार, भाई साहब

स्पेशल, स्कीम, टाईम-टेबिल

जमात

भाषा अध्यन Page Number 64

4

नीचे दिये वाक्यों में कौन-सी क्रिया है − सकर्मक या अकर्मक? लिखिए −

(क) उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया।
(ख) फिर चोरों−सा जीवन कटने लगा।
(ग) शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा।
(घ) मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता।
(ङ) समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो।
(च) मैं पीछे-पीछे दौड़ रहा था।

Answer

(क)

उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया।

सकर्मक

(ख)

फिर चोरों−सा जीवन कटने लगा।

अकर्मक

(ग)

शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा।

सकर्मक

(घ)

मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता।

सकर्मक

(ङ)

समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो।

सकर्मक

(च)

मैं पीछे-पीछे दौड़ रहा था।

अकर्मक

भाषा अध्यन Page Number 64

5

'इक' प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए −
विचार, इतिहास, संसार, दिन, नीति, प्रयोग, अधिकार

Answer

विचार-वैचारिक
इतिहास-ऐतिहासिक
संसार-सांसारिक
दिन-दैनिक
नीति-नैतिक
प्रयोग-प्रायोगिक
अधिकार-आधिकारिक
भाषा अध्यन Page Number 64