अट नहीं रही

NCERT Solutions for Chapter 6 अट नहीं रही Class 10 Kshitiz

Book Solutions

1

छायावाद की एक खास विशेषता है अन्तर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है?लिखिए।

Answer

कविता के निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है कि प्रस्तुत कविता में अन्तर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाया गया है :
आभा फागुन की तन
सट नहीं रही है|
उड़ने को नभ में तुम
पर-पर कर देते हो,
आँख हटाता हूँ तो
हट नहीं रही है| 
प्रश्न अभ्यास Page Number 35

2

कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?

Answer

कवि की आँख फागुन की सुंदरता से इसलिए हट नहीं रही है क्योंकि इस महीने में प्रकृति का सौंदर्य अत्यंत मनमोहक होता है| पेड़ों पर हरी और लाल पत्तियाँ लटक रहे हैं| चारों ओर फैली हरियाली और खिले रंग-बिरंगे फूल अपनी सुगंध से मुग्ध कर देते हैं| प्रकृति का नया रंग और सुगंध जीवन में नयी ऊर्जा का संचार करती है|
प्रश्न अभ्यास Page Number 35

3

प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?

Answer

प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन निम्नलिखित रूपों में किया है -
• पेड़-पौधे नए पत्ते पाकर खिलखिला रहे हैं|
• फूलों की खुशबू वातावरण को सुगन्धित कर रही है|
• डालियाँ कहीं हरी तो कहीं लाल पत्तियों से भर जाती हैं|
• बाग़-बगीचों में चारों ओर हरियाली छा गयी है|
• कवि को प्रकृति के सौंदर्य से आँख हटाना मुश्किल लग रहा है| 
प्रश्न अभ्यास Page Number 35

4

फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?

Answer

फागुन में प्रकृति की शोभा अपने चरम पर होती है| पेड़-पौधें नए पत्तों, फल और फूलों से लद जाते हैं, हवा सुगन्धित हो उठती है। आकाश साफ-स्वच्छ होता है। पक्षियों के समूह आकाश में विहार करते दिखाई देते हैं। बाग-बगीचों और पक्षियों में उल्लास भर जाता हैं। इस तरह फागुन का सौंदर्य बाकी ऋतुओं से भिन्न है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 35

5

इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ बताएँ।

Answer

महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी छायावाद के प्रमुख कवि माने जाते हैं। उनके काव्य-शिल्प की विशेषताएँ हैं-
• दोनों कविताओं में प्रकृति चित्रण द्वारा मन के भावों को प्रकट किया गया है|
• मानवीकरण अलंकार का प्रयोग हुआ है| पहली कविता में कवि बादल को गरज-गरज कर बरसने को कह रहे हैं तो दूसरी कविता में कवि फागुन से बात करते हैं|
'कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो|'
• कविताओं में तत्सम शब्दों का प्रयोग उचित मात्रा में किया गया है|
• गीत-शैली का प्रयोग हुआ है| लयबद्धता साफ़ दिखती है|
• अनुप्रास, रूपक, यमक, उपमा आदि अलंकारों का प्रयोग अच्छे तरीके से किया गया है|
प्रश्न अभ्यास Page Number 35