Summary of Madam Rides the Bus Class 10 First Flight
CBSE NCERT Revision Notes1
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- Valli was an eight-year-old girl.
- The most fascinating thing for her was the bus that travelled between her village and the nearest town.
- She wanted to ride the bus.
- She made elaborate planning and saved sixty paise —both ways fare of the bus.
- The bus conductor stretched out his hand to help her up but Valli could get on by herself.
- The conductor was fond of joking and called her ‘madam’.
- The bus started with a roar and Valli was constantly looking outside.
- The conductor asked her to sit down as she had paid for her seat.
- She took her seat and an elderly woman sat beside her.
- The old woman was very repulsive and the smell of the betel she was chewing offended, Valli.
- The old woman asked why Valli was travelling alone.
- Valli asked her not to bother about her.
- Suddenly, a young cow came running very fast in the middle of the road.
- The driver sounded his horn loudly but the more he honked, the more frightened the animal would become.
- Valli laughed at the scene until tears came to her eyes.
- Her destination had come. The driver asked Valli to get off the bus.
- Valli handed thirty paise coins to the driver and told him that she was going back on the same bus.
- The conductor was surprised. He offered a free cold drink to her.
- Valli firmly, but politely, rejected the offer.
- He asked if her mother wouldn’t be looking for her.
- On her return journey, she saw the same cow lying dead by the side of the road.
- The memory of the dead cow haunted her and she was no longer looking outside.
- She reached her village at 3.40 p.m.
- She wished and hoped to see the driver again.
- She found her mother awake and talking to one of her aunts.
- Her aunt was a chatterbox.
- Valli agreed that many things were happening outside without their knowledge.
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Valliammai: She emerges as a very clever, sensitive, self-respecting and fun-loving girl. She was just eight years old. She was a determined girl with a commanding nature. She was very curious about things. He favourite pastime was standing in the front doorway of her house. She was mature, clever and practical beyond her years. Saving sixty paise was not an easy job for a girl of her age. She was determined to resist any temptation that came in her way. Valli didn’t like being called a ‘madam’ or ‘a child’. She was a great planner and planned things after knowing all the necessary details about them.4
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यह कहानी आठ साल की एक लड़की की पहली बस यात्रा की है । उसका नाम वलियामायी था । उसे संझेप में वल्ली कहा जाता था ।वह एक जिज्ञासु लड़की थी। वह बहुत से चीज़ों के बारे में जानना चाहती थी । उसके अपनी उम्र के खेल के साथी नहीं थे । उसका पसंदीदा शौक था -अपने घर के दरवाजे में खड़ा हो जाना और देखना कि बाहर क्या हो रहा है ।
गली की घटनाओं को देखने -से असाधारण अनुभव हुए । इनमें से सबसे अधिक आकर्षक चीज़ थी वह बस जो गली में से हर घंटे बाद गुजरती थी । वह बस उसके गाँव और नजदीक के शहर के बीच चलती थी । बस को देखना वल्ली के लिए असीमित प्रसन्नता का स्रोत था । जब भी बस गली में से गुजरती थी तो वल्ली के लिए हर बार नए प्रकार के यात्रियों को बस में देखना एक बड़ी खुशी की बात थी । बस को दिन-प्रतिदिन देखते रहने से उसके अन्दर एक इच्छा पैदा हो गई कि वह भी बस की सवारी करे । उसकी यह इच्छा अधिक मज़बूत होती गई और एक दिन यह बहुत तीव्र इच्छा बन गई ।
वल्ली अपने पड़ोसियों और उन लोगों के बीच की बातचीत कोध्यान से सुनती थी जो बस में सफ़र करचुके थे या जो नियमित रूप से इसका प्रयोग करते थे । उसने कुछ सामान्य से प्रश्न भी पूछे । इस प्रकार उसने यात्रा के बारे में छोटी –छोटी बातें भी जान लीं । उसे पता चला कि शहर गाँव से छ: मील दूर है ।वहाँ तक पहुँचने में पैंतालिस मिनट लगते हैं । एक तरफ का किराया तीस पैसे है । कोई व्यक्ति चाहे तीस पैसे और देकर बस में बैठा रह सकता है और वापस गाँव में आ सकता है । वल्ली ने शहर जाने और फिर वहाँ से वापस आने की योजना बनाई । यह उसकी अपने गाँव से बाहर पहली यात्रा होगी । उसने आईसक्रीम,खिलौने ,गुब्बारे आदि खरीदने की अपनी इच्छा को दबाकर प्रत्येक पैसा बचाया ।। उसने गॉव के मेले में जाने और वहाँ पर झूले का आनन्द उठाने की अपनी इच्छा को भी दबाया । जब उसके पास साठ पैसे इकट्ठे हो गए तो वह अपनी पहली बस की यात्रा करने के लिए तैयार थी ।
उसने योजना बनाई कि वह घर से बाहरकैसे निकलेगी । वड जानती थी कि उसकी मात रोज दोपहर के खाने के बाद सोती है । उसने उन घंटों को अपनी यात्रा के लिए प्रयोग करने की बात सोची। उसने फैसला किया कि वह बस में एक बजे सवार होगी ताकि वह तो बजकर पैंतालिस मिनट तक वापस लौट आए । इसप्रकार, बसंत के एक सुंदर दिन को वल्ली बस में सवार हुई ।परिचालक हैरान हो गया ; मगर उसके विश्वास को देखकर ,उसने उसे बस में सफर करने दिया ।वह एक हँसमुख व्यक्ति था । वह समझता था कि वल्ली गर्व से बोल रही है । उसने वल्ली को ‘मैडम’ कहकरपुकारा और उसे एक सीट दी । उसने दूसरों को भी ‘मैडम’ के लिए रास्ता बनाने के लिए कहा । बस में केवल छह या सातयात्री ही थे । वे सभी वल्ली को देख रहे थे । वे और परिचालक हँस रहे थे । वल्ली ने अपने शर्मीलेपन पर काबू पाया, जल्दी से एक खाली सीट पर बैठ गई ।
वल्ली ने बस में अपने चारों ओर देखा । बस में सफेद रंग पर सुंदर हरी धारियों का पेंट किया हुआ था । इसकी सीटें नरम और आरामदायक थीं । हवा रोकने वाले शीशे के ऊपर एक सुंदर दीवार घड़ी लगी हुइं थी । ऊपर का डंडा चाँदी की तरह चमक रहा था ।तब उसने बाहर झाँकने का प्रयत्न किया । उसने देखा कि बाहर झाँकने का प्रयत्न किया । उसने देखा कि बाहर का दृश्य एक पर्दे से रुका हुआ है जिसने खिड़की के नीचे के भाग को ढक रखा था । इसलिए बाहर के नज़ारे को देखने के लिए वह अपनी सीट पर खड़ी हो गई । बस एक नहर के किनारे के साथ –साथ जा रही थी ।उसने खजूर के वृक्षों, पहाड़ों और नीले आसमान को देखा । दूसरी तरफ, हरे खेत थे । अचानक एक वृद्ध व्यक्ति ने उसे चेतावनी दी कि वह सीट पर खड़ी न हो । उसने उसे बच्ची कहकर पुकारा और कहा कि वह गिर सकती है और उसे चोट लग सकती है ।मगर वल्ली ने उसकी परवाह नहीं की । उसने उसे गर्व से बताया कि वह ‘बच्ची’ नहीं है । उसने अन्य लोगों की तरह पूरा किराया दिया है । परिचालक ने उस उस व्यक्ति को बताया कि वल्ली एक विकसित मैडम हैं । वल्ली ने परिचालक को गुस्से से देखा और कहा कि वह मैडम नहीं है । परिचालक ने कहा कि उसे सीट पर खड़ी नहीं होना चाहिए । जब बस एकदम मोड़ लेगी तो वह गिर सकती है । मगर वल्ली ने उसकी बातों कि भी उपेक्षा कर दी ।
रास्ते में बस रुकी और कुछ अन्य यात्री सवार हुए । अपनी सीट खो देने के भय से वल्ली आखिर बैठ गई । एक बुजुर्ग महिला आई और वल्ली के पास बैठ गई । वल्ली ने महिला को देखा । उसे वह महिला घृणितमहिला लगी । उसने बड़ी और गंदी वालियाँ पहनी हुई थीं । वह पान चबा रही थी । वल्ली ने देखा कि पान उसके होठों से कभी भी गिर सकता है । उस महिला ने वल्ली से पूछा कि क्या वह अकेली सफर कर रही है । वल्ली ने उसे बताया कि वह अकेली है और उसके पास टिकट भी है । तब उस बूढ़ी महिला ने पूछा कि क्या एक बच्ची के लिए अकेले सफर करना उचित है । उसने यह भी पूछा कि वल्ली जानती है कि शहर में निश्चित रूप से कहाँ जा रही है । वल्ली ने उस बूढी महिला से कहा कि बह उसके बारे में चिंता न करें । तब उसने अपना चेहरा खिड़की की ओर कर लिया ।