फसल

Revision Notes for Chapter 6 फसल Class 10 Kshitiz

CBSE NCERT Revision Notes

1

एक के नहीं,
दो के नहीं,
ढेर सारी नदियों के पानी का जादू :
एक के नहीं,
दो के नहीं,
लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा :
एक की नहीं,
दो की नहीं,
हजार-हजार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म :

Answer

इस कविता में कवि ने फसल क्या है साथ ही इसे पैदा करने में  किनका योगदान रहता है उसे स्पष्ट किया है। वे कहते हैं की इसे पैदा करने में एक नदी या दो नदी का पानी नही होता बल्कि ढेर सारी नदियों का पानी का योगदान होता है अर्थात जब सारी नदियों का पानी भाप बनकर उड़ जाता है तब सब बादल बनकर बरसते हैं जो की फसल उपजाने में सहायक होता है। वे किसानों का महत्व स्पष्ट करते हुए कहते हैं की फसल तैयार करने में असंख्य लोगों के हाथों की मेहनत होती है। कवि बताते हैं की हर मिटटी की अलग अलग विशेषता होती है, उनके रूप, गुण, रंग एक सामान नही होते। सबका योगदान फसल को तैयार करने में है।

शब्दार्थ:
• कोटि-कोटि - करोड़ों
• स्पर्श - छूना
• गरिमा - गौरव

2

फसल क्या है?
और तो कुछ नहीं है वह
नदियों के पानी का जादू है वह
हाथों के स्पर्श की महिमा है
भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण धर्म है
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!

Answer

कवि ने बताया है की फसल बहुत चीज़ों का सम्मिलित रूप है जैसे नदियों का पानी, हाथों की मेहनत, भिन्न मिट्टियों का गुण तथा सूर्य की किरणों का प्रभाव तथा मंद हवाओं का स्पर्श। इन सब के मिलने से ही हमारी फसल तैयार होती है।

शब्दार्थ:
• महिमा - महत्ता
• रूपांतर - परिवर्तित रूप
• सिमटा हुआ संकोच - सिमटकर मंद हो गया
• थिरकन - नाच, गति।