Extra Question Answer for Chapter 6 Class 6 Hindi
Important Questions1
(ii) बिहू त्योहार सिर्फ़ एक बार मनाया जाता है।
(iii) एंजेला की माँ का नाम एलेसेंड्रा था।
(iv) सत्रिया नृत्य केवल लड़कियों के लिए है।
(v) एंजेला और अनु ने असमिया खिलौनों से खेला।
Answer
(i) सही(ii) गलत
(iii) सही
(iv) गलत
(v) सही
2
(क) उम्रकैद
(ख) फाँसी की सजा
(ग) दस साल जेल
(घ) पाँच साल की कैद
Answer
(ख) फाँसी की सजा3
(क) आचार्य
(ख) उनकी माताजी
(ग) पिताजी
(घ) दादी जी
Answer
(ख) उनकी माताजी4
(क) दादी जी
(ख) परिवार से
(ग) सहेलियों से
(घ) दादी जी को छोटी बहन से
Answer
(ग) सहेलियों से5
(क) शायर
(ख) होनहार
(ग) पहलवान
(घ) निर्दयी
Answer
(ख) होनहार6
(क) शाहजहाँपुर
(ख) लखनऊ
(ग) दिल्ली
(घ) गाँव में
Answer
(क) शाहजहाँपुर7
(क) आर्यसमाज कार्यालय से
(ख) जेल से
(ग) शाहजहाँपुर वाले घर से
(घ) लखनऊ से
Answer
(ख) जेल से8
(क) जय हो
(ख) वंदेमातरम
(ग) सरफ़रोशी की तमन्ना
(घ) ऐ मेरे वतन के लोगों
Answer
(ग) सरफ़रोशी की तमन्ना9
(क) गुरु गोविंद सिंह जी की धर्मपत्नी जी
(ख) बिस्मिल जी की माता जी
(ग) अपनी दादी जी की छोटी बहन की
(घ) अपनी माता जी की
Answer
(क) गुरु गोविंद सिंह जी की धर्मपत्नी जी10
(ii) एंजेला की माँ ____ फ़िल्म निर्माता थीं।
(iii) असम में ____ त्योहार तीन बार मनाया जाता है।
(iv) सत्रिया नृत्य ____ मठों में प्रचलित है।
(v) एंजेला की दोस्ती ____ नाम की लड़की से हुई।
Answer
(i) लंदन(ii) डॉक्यूमेंट्री
(iii) बिहू
(iv) वैष्णव
(v) अनु
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(ii) एंजेला की माँ का पेशा क्या था?
(iii) एंजेला और उसका परिवार असम किस महीने में गया?
(iv) एंजेला की माँ किस फिल्म अकादमी से जुड़ी थीं?
(v) एंजेला ने असम में कौन से दो नृत्य देखे?
Answer
(i) केंजिंग्टन(ii) फ़िल्म निर्माता
(iii) अप्रैल
(iv) ब्रिटिश
(v) बिहू, सत्रिया
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Answer
एंजेला और अनु ने असम में लकड़ी के तीर-कमान और नारियल की जटा से बने घर के खिलौनों से खेला।13
Answer
एंजेला की माँ को असम की नृत्य परंपरा पर डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए एक महीने की वित्तीय मदद मिली थी।14
Answer
अपनी आत्मकथा के माध्यम से बिस्मिल आज भी हम भारतीयों के मस्तिष्क में जीवित हैं।15
Answer
बिस्मिल शाहजहाँपुर की सेवा समिति में बड़े उत्साह से सहयोग देते थे।16
Answer
एंजेला और उसका परिवार लंदन के केंजिंग्टन में रहते थे।17
Answer
जन्म देने वाली जननी माँ को जन्मदात्री कहते हैं।18
Answer
बिहू त्योहार साल में तीन बार मनाया जाता है- जब किसान बीज बोते हैं, जब धान रोपते हैं, और जब अनाज तैयार हो जाता है।19
Answer
सत्रिया नृत्य असम का एक पारंपरिक नृत्य है जो वैष्णव मठों में प्रचलित है।20
Answer
संसार-चक्र से अभिप्राय, जीवन-मरण के चक्र में घूमते रहना है अर्थात् मानव का जन्म लेकर भी कोई विशेष कार्य न करना।21
Answer
‘बिस्मिल’ की आत्मकथा पुस्तक के प्रकाशित होते ही लोगों में अंग्रेज़ों के विरुद्ध क्रोध और बढ़ गया। इससे अंग्रेज़ बुरी तरह डर गए।22
Answer
बिस्मिल की माता जी के प्रोत्साहन और सद्व्यवहार ने उनके जीवन में वह दृढ़ता उत्पन्न की कि किसी आपत्ति तथा संकट के समय भी उन्होंने अपना संकल्प न छोड़ा। वह निडर होकर अपने क्रांतिकारी जीवन को आगे बढ़ाते रहे।23
Answer
राम प्रसाद बिस्मिल जेल में लिखी अपनी आत्मकथा को वे अंग्रेज़ों से बचते-बचाते बाहर भेजते रहे। उनके साथियों ने उसे प्रकाशित भी करवा दिया।24
Answer
उस समय भारत पर अंग्रेजों का राज था। कांग्रेस के सदस्य बनने वाले देश की आज़ादी के लिए प्रयत्न करते थे। अतः वर्तमान शासन उनको दंडित करता था।25
Answer
माँ तो हमेशा ही अपनी संतान के लिएमंगलकामना करती है। बिस्मिल के देश की आज़ादी की डगर में उनकी माँ सहायक रही हैं। अतः उन्होंने मंगलमयी विशेषण का प्रयोग किया है।26
Answer
“शत्रु को कभी प्राणदंड न देना।“ इस वाक्य से बिस्मिल जी की माँ की दयालुता और उदारता की भावना प्रकट होती है।27
Answer
रामप्रसाद बिस्मिल का मानना था कि उनके जीवन में जो साहस आया, वह उनकी माता जी तथा उनके गुरुदेव श्री सोमनाथ जी की कृपाओं का ही परिणाम है। उनकी माँ ने कभी उनका साहस भंग न होने दिया। एक देवी की भाँति शक्तिस्वरूपा बनकर उनका मार्गदर्शन किया।28
Answer
‘बिस्मिल’ जी अपनी माँ द्वारा किए गए त्याग को स्मरण करते हैं। अपनी आत्मकथा ‘मेरी माँ’ में बिस्मिल कहते हैं कि उनके चरित्र निर्माण में माँ ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी दी गई शिक्षा के कारण बिस्मिल बड़े-से-बड़े संकटों में भी अधीर नहीं हुए। अपनी प्रेमपूर्ण वाणी और व्यवहार से माँ ने अपने बेटे को हमेशा देश-प्रेम, साहस और सत्य के पथ पर चलने की प्रेरणा दी। माँ की कृपा के कारण उन्होंने अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त किया। जीवन के अंतिम समय में वे अपनी माताजी के श्रीचरणों में बैठकर उनकी सेवा करने की इच्छा रखते हैं। जिसे प्रेम और दृढ़ता के साथ उनका जीवन सुधारा, उसका ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर बिस्मिल जी को न मिला। अपनी माँ की दया से देश सेवा में संलग्न हो सके। इन्हीं विचारों और भावनाओं को महसूस कर बिस्मिल भावुक हो उठते हैं।29
Answer
अंग्रेज़ भारतीयों पर बहुत अत्याचार करते थे। वे साधारण भारतीयों को चैन से नहीं रहने देते थे। विशेष रूप से क्रांतिकारियों पर तो उनके अत्याचारों की कोई सीमा ही नहीं होती थी। उन्हें बेड़ियों में बाँधकर रखते थे। ऐसे वातावरण में कुछ भी लिखकर बाहर भेजना असंभव था, किंतु हमारे आजादी के मतवालों के शब्दकोश में असंभव शब्द तो था ही नहीं। बिस्मिल जी द्वारा आत्मकथा का जेल में लिखा जाना और बाहर भेजकर उसका प्रकाशित होना उनके के अदम्य साहस, निडर, चतुर, होनहार, बुद्धिमान, पारस्परिक समन्वय, सामंजस्य आदि अनेक गुणों के समायोजन के कारण ही संभव हो पाया।30
Answer
गुरु गोबिंद सिंह जी को धर्मपत्नी ने अपने पुत्रों की मृत्यु की खबर सुनी तो वे प्रसन्न हुई और गुरु के नाम पर धर्म-रक्षार्थ अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटी थीं। अपने पुत्रों की मृत्यु पर वे हृदय से अत्यंत दुखी हुई होंगी क्योंकि माँ अपने पुत्रों से अथाह प्रेम करती हैं । किंतु हमारे देश की इन वीरांगनाओं ने देश-प्रेम एवं धर्म-रक्षा को सर्वोपरि माना है। उन्होंने पुत्र-प्रेम, पति – प्रेम को इनके बाद स्थान दिया है। इतना साहस इतनी, दिलेरी किसी साधारण मानव के लिए संभव नहीं है। बिस्मिल को भी पता था कि उनकी मृत्यु का समाचार उनकी माँ के लिए कितना हृदय विदारक होगा। इसलिए अपनी माँ को गुरु गोबिंद सिंह जी पत्नी की भाँति हौसला रखने की बात कह रहे हैं।31
जन्मदात्री जननी! इस जीवन में तो तुम्हारा ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर न मिला। इस जन्म में तो क्या यदि मैं अनेक जन्मों में भी सारे जीवन प्रयत्न करूँ तो भी तुमसे उऋण नहीं हो सकता। जिस प्रेम तथा दृढ़ता के साथ तुमने इस तुच्छ जीवन का सुधार किया है, वह अवर्णनीय है। (पृष्ठ 53)
(क) लेखक को किसका ऋण उतारने का अवसर नहीं मिला? सही विकल्प चुनिए-
(i) जन समाज का
(ii) परिवार का
(iii) अपनी माँ का
(iv) देश का
(ख) उऋण का अर्थ है-
(i) बलिदान देना
(ii) मुक्ति की आकांशा
(iii) सेवा भावना
(iv) ऋण से मुक्त
(ग) माता जी के प्रेम और दृढ़ता का उचित उदाहरण चुनिए-
(i) देश सेवा की ओर अग्रसर करना
(ii) बिस्मिल जी को शिक्षित करना
(iii) धार्मिक तथा सामाजिक उन्नति में सहयोग
(iv) उपर्युक्त सारे विकल्प सही है।
(घ) अवर्णनीय शब्द का अर्थ है-
(i) उचित वर्णन
(ii) जिसका वर्णन न किया जा सके
(iii) सुंदर वर्णन
(iv) आज्ञाशील
Answer
(क) (iii) अपनी माँ का(ख) (iv) ऋण से मुक्त
(ग) (घ) उपर्युक्त सारे विकल्प सही है।
(घ) (ii) जिसका वर्णन न किया जा सके
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लखनऊ कांग्रेस में जाने के लिए मेरी बड़ी इच्छा थी। दादी जी और पिता जी तो विरोध करते रहे, किंतु माता जी ने मुझे खर्च दे ही दिया। उसी समय शाहजहाँपुर में सेवा समिति का आरंभ हुआ था। मैं बड़े उत्साह के साथ सेवा समिति में सहयोग देता था। पिता जी और दादी जी को मेरे इस प्रकार के कार्य अच्छे न लगते थे, किंतु माता जी मेरा उत्साह भंग न होने देती थीं, जिसके कारण उन्हें अकसर पिता जी की डाँटफटकार तथा दंड सहन करना पड़ता था । वास्तव में, मेरी माता जी देवी हैं। मुझमें जो कुछ जीवन तथा साहस आया, वह मेरी माता जी तथा गुरुदेव श्री सोमदेव जी की कृपाओं का ही परिणाम है। दादी जी और पिता जी मेरे विवाह के लिए बहुत अनुरोध करते, किंतु माता जी यही कहतीं कि शिक्षा पा चुकने के बाद ही विवाह करना उचित होगा। माता जी के प्रोत्साहन तथा सद्व्यवहार ने मेरे जीवन में वह दृढ़ता उत्पन्न की कि किसी आपत्ति तथा संकट के आने पर भी मैंने अपने संकल्प को न त्यागा ।
(क) ‘रामप्रसाद बिस्मिल’ को कहाँ जाने की इच्छा थी?
(i) खेलने जाने की
(ii) विद्यालय जाने की
(iii) लखनऊ कांग्रेस में जाने की
(iv) शाहजहाँपुर कांग्रेस में जाने की
(ख) सेवा समिति का आरंभ कहाँ हुआ ?
(i) लखनऊ
(ii) अयोध्या
(iii) शाहजहाँपुर
(iv) बरेली
(ग) रामप्रसाद बिस्मिल के पिता जी और दादी जी किस बात का विरोध कर रहे थे ?
(i) उनके मित्रों के साथ जाने का
(ii) उनके खेलने जाने का
(iii) उनके घूमने जाने का
(iv) उनके लखनऊ कांग्रेस में जाने का
(घ) माता जी को डाँट क्यों सहनी पड़ती थी?
(i) काम ढंग से न करने पर
(ii) काम समय पर न करने पर
(iii) देशभक्ति कार्यों में उनका सहयोग देने के कारण
(iv) वह गलत काम करती थी
Answer
(क) (iii) लखनऊ कांग्रेस में जाने की(ख) (iii) शाहजहाँपुर
(ग) (iv) उनके लखनऊ कांग्रेस में जाने का
(घ) (iii) देशभक्ति कार्यों में उनका सहयोग देने के कारण
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जन्मदात्री जननी
! इस जीवन में तो तुम्हारा ऋण उतारने का प्रयत्न करने का भी अवसर न मिला। इस जन्म में तो क्या यदि मैं अनेक जन्मों में भी सारे जीवन प्रयत्न करूँ तो भी तुमसे उऋण नहीं हो सकता। जिस प्रेम तथा दृढ़ता के साथ तुमने इस तुच्छ जीवन का सुधार किया है, वह अवर्णनीय है। मुझे जीवन की प्रत्येक घटना का स्मरण है कि तुमने जिस प्रकार अपनी देववाणी का उपदेश करके मेरा सुधार किया है। तुम्हारी दया से ही मैं देश सेवा में संलग्न हो सका। धार्मिक जीवन में भी तुम्हारे ही प्रोत्साहन ने सहायता दी। जो कुछ शिक्षा मैंने ग्रहण की उसका भी श्रेय तुम्हीं को है। जिस मनोहर रूप से तुम मुझे उपदेश करती थीं, उसका स्मरण कर तुम्हारी मंगलमयी मूर्ति का ध्यान आ जाता है और मस्तक झुक जाता है। तुम्हें यदि मुझे ताड़ना भी देनी हुई, तो बड़े स्नेह से हर बात को समझा दिया । यदि मैंने धृष्टतापूर्ण उत्तर दिया तब तुमने प्रेम भरे शब्दों में यही कहा कि तुम्हें जो अच्छा लगे, वह करो, किंतु ऐसा करना ठीक नहीं, इसका परिणाम अच्छा न होगा । जीवनदात्री! तुमने इस शरीर को जन्म देकर केवल पालन पोषण ही नहीं किया बल्कि आत्मिक, धार्मिक तथा
सामाजिक उन्नति में तुम्हीं मेरी सदैव सहायक रहीं। जन्म- जन्मांतर परमात्मा ऐसी ही माता दें।
(क) जन्मदात्री जननी के लिए बिस्मिल को किस बात का अफसोस है?
(ख) बिस्मिल के जीवन का सुधार किसने और कैसे किया है?
(ग) माता जी उन्हें किस प्रकार डाँटती थीं?
(घ) अपनी माँ के लिए ‘रामप्रसाद बिस्मिल’ क्या कामना करते हैं?
Answer
(क) जन्मदात्री जननी का ऋण उतारने का यानी उनकी सेवा करने का अवसर उन्हें इस जीवन में नहीं मिला।
(ख) बिस्मिल के जीवन का सुधार उनकी माँ ने प्रेम और दृढ़ता के साथ किया था।
(ग) माता जी उन्हें डाँटती थीं, प्रेमपूर्वक भी थीं।
(घ) ‘रामप्रसाद बिस्मिल’ कामना करते हैं कि जन्म-जन्मांतर तक परमात्मा उन्हीं को उनकी माता बनाए।
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एक समय मेरे पिता जी दीवानी मुकदमें में किसी पर दावा करके वकील से कह गए थे कि जो काम हो वह
मुझसे करा लें। कुछ आवश्यकता पड़ने पर वकील साहब ने मुझे बुला भेजा और कहा कि मैं पिता जी के हस्ताक्षर वकालतनामे पर कर दूँ। मैंने तुरंत उत्तर दिया कि यह तो धर्म विरुद्ध होगा, इस प्रकार का पाप मैं कदापि नहीं कर सकता। वकील साहब ने बहुत समझाया कि मुकदमा खारिज हो जाएगा। किंतु मुझ पर कुछ भी प्रभाव न हुआ, न मैंने हस्ताक्षर किए। अपने जीवन में हमेशा सत्य का आचरण करता था, चाहे कुछ हो जाए, सत्य बात कह देता था। ग्यारह वर्ष की उम्र में माता जी विवाह कर शाहजहाँपुर आई थीं। उस
समय वह नितांत अशिक्षित एक ग्रामीण कन्या के समान थीं। शाहजहाँपुर आने के थोड़े दिनों बाद दादी जी ने अपनी छोटी बहन को बुला लिया। उन्होंने माता जी को गृहकार्य की शिक्षा दी। थोड़े दिनों में माता जी ने घर के सब काम काज को समझ लिया और भोजनादि का ठीक-ठीक प्रबंध करने लगीं।
(क) वकील ने रामप्रसाद बिस्मिल से क्या करने के लिए कहा ?
(i) अदालत चलने के लिए
(ii) केस की पैरवी करने के लिए
(iii) वकालतनामे पर पिता जी के हस्ताक्षर करने के लिए
(iv) अपनी माता जी को अदालत लाने के लिए
(ख) वकालतनामे पर हस्ताक्षर न होने पर क्या नुकसान होना था ?
(i) मुकदमा अन्य अदालत में चला जाता
(ii) मुकदमा खारिज हो जाता ।
(iii) मुकदमें में लंबी तारीख मिलती
(iv) वकील को दंड मिलता
(ग) उनकी माँ को गृहकार्य में दक्ष किसने बनाया?
(i) उनकी माँ ने
(ii) उनकी दादी ने
(iii) उनकी बहन ने
(iv) ससुराल में उनकी सास की बहन ने
(घ) उनकी माँ का विवाह किस आयु में हुआ था ?
(i) आठ वर्ष
(ii) दस वर्ष
(iii) ग्यारह वर्ष
(iv) नौ वर्ष
Answer
(क) (iii) वकालतनामे पर पिता जी के हस्ताक्षर करने के लिए
(ख) (ii) मुकदमा खारिज हो जाता।
(ग) (iv) ससुराल में उनकी सास की बहन ने
(घ) (iii) ग्यारह वर्ष