पेड़ की बात (निबंध)

Extra Question Answer for Chapter 13 Class 6 Hindi

Important Questions

1

(i) पेड़ का तना और जड़ दोनों मिट्टी के नीचे होते हैं।
(ii)
पेड़-पौधों के दाँत नहीं होते, इसलिए वे तरल द्रव्य से भोजन ग्रहण करते हैं।
(iii)
पेड़ के पत्ते सूर्य के प्रकाश से दूर रहने का प्रयास करते हैं।
(iv)
पेड़-पौधे अंगारक वायु को शुद्ध कर देते हैं।
(v)
पेड़-पौधों को प्रकाश से कोई फर्क नहीं पड़ता।

Answer

(i) गलत
(ii) सही
(iii) गलत
(iv) सही
(v) गलत
सही या गलत

2

(i) बीज से ____ बनने की कहानी बहुत रोचक है।
(ii)
बीज का _____ दरक गया और अंकुर बाहर निकला।
(iii)
पेड़-पौधे जड़ के द्वारा ____ से रस-पान करते हैं।
(iv)
पेड़ के पत्तों पर अनगिनत छोटे-छोटे ____ होते हैं।
(v) _____
का स्पर्श पाकर ही पेड़ पल्लवित होता है।

Answer

(i) पेड़
(ii) ढक्कन
(iii) माटी
(iv) मुँह
(v) सूर्य-किरण
रिक्त स्थान भरें

3

बीज का प्रादुर्भाव अंकुर के रूप में किस ऋतु के बाद हुआ?
(क) सर्दी
(ख) वसंत
(ग) वर्षा
(घ) उक्त तीनों ऋतुओं के बाद

Answer

(घ) उक्त तीनों ऋतुओं के बाद
बहुविकल्पीय प्रश्न

4

पेड़-पौधों के संबंध में कौन-सी बात सत्य है ?
(क) जड़ नीचे की ओर जाएगी
(ख) तना ऊपर की ओर बढ़ेगा।
(ग) (क) एवं (ख) दोनों
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer

(ग) (क) एवं (ख) दोनों
बहुविकल्पीय प्रश्न

5

पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे क्या होते हैं?
(क) कण
(ख) मुँह
(ग) रेशा
(घ) डंठल

Answer

(ख) मुँह
बहुविकल्पीय प्रश्न

6

प्रकाश जीवन का क्या है?
(क) अनमोल घटक
(ख) एक आवश्यक कारक
(ग) मूलमंत्र
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer

(ग) मूलमंत्र
बहुविकल्पीय प्रश्न

7

अंकुरण किसका होता है?
(क) पत्ता
(ख) जड़
(ग) तना
(घ) बीज

Answer

(घ) बीज
बहुविकल्पीय प्रश्न

8

बीज कहाँ होता है?
(क) फल में
(ख) पत्ते में
(ग) फूल में
(घ) टहनी में

Answer

(क) फल में
बहुविकल्पीय प्रश्न

9

(i) बीज से निकलने वाला नया पौधा क्या कहलाता है?
(ii) पेड़ का ऊपर की ओर बढ़ने वाला हिस्सा क्या कहलाता है?
(iii) पेड़ का मिट्टी के अंदर रहने वाला हिस्सा क्या कहलाता है?
(iv) पेड़-पौधों का द्रव भोजन क्या कहलाता है?
(v) पेड़ों द्वारा शुद्ध की जाने वाली विषाक्त वायु क्या कहलाती है?

Answer

(i) अंकुर
(ii) तना
(iii) जड़
(iv) रस
(v) अंगारक
एक शब्द उत्तर

10

पेड़ के पत्तों पर छोटे-छोटे मुँह क्यों होते हैं?

Answer

पेड़ के पत्तों पर छोटे-छोटे मुँह आहार ग्रहण करने और विषाक्त वायु को शुद्ध करने के लिए होते हैं।
अति लघु उत्तरीय

11

पेड़ का अंत कैसे होता है?

Answer

पेड़ अपने जीवन के अंतिम समय में संतान उत्पन्न करता है और सुख कर गिर जाता है।
अति लघु उत्तरीय

12

गमले के पौधे को खिड़की के पास क्यों रखा जाता है?

Answer

गमले के पौधे को खिड़की के पास इसलिए रखा जाता है, ताकि वह सूर्य की रोशनी पा सके और फलता-फूलता रहे।
अति लघु उत्तरीय

13

पौधे हमें कौन-सी वायु प्रदान करते हैं ?

Answer

पौधे हमें जीवित रहने के लिए प्राणवायु प्रदान करते हैं।
अति लघु उत्तरीय

14

सूखा पेड़ क्यों गिर जाता है ?

Answer

सूखा पेड़ हवा का आघात सहन न करने के कारण गिर जाता है।
अति लघु उत्तरीय

15

वन में जाने पर हम क्या देखते हैं?

Answer

वन में जाने पर हम देखते हैं कि पेड़-पौधे इस होड़ में सचेष्ट हैं कि कौन जल्दी से सिर उठाकर पहले प्रकाश को झटकले।
अति लघु उत्तरीय

16

पेड़-पौधों के रेशे–रेशे में क्या व्याप्त है?

Answer

पेड़-पौधों के रेशे-रेशे में सूरज की किरणें व्याप्त हैं।
अति लघु उत्तरीय

17

किसकी, किनके साथ चिरकाल से घनिष्ठता है?

Answer

मधुमक्खी व तितली के साथ वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता है।
अति लघु उत्तरीय

18

पेड़-पौधे बीजों का पोषण कैसे करते हैं?

Answer

अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करते हैं।
अति लघु उत्तरीय

19

वृक्ष अपनी संतान की खातिर क्या–क्या करता है?

Answer

वृक्ष अपनी संतान की खातिर तिल-तिल कर अपना सब कुछ लुटा देता है।
अति लघुउत्तरीय

20

अंकुर रूपि शिशु को बाहर से कोई मानो क्या कहकर पुकारता है?

Answer

अंकुर रूपि शिशु को बाहर से कोई मानो यह कहकर पुकारता है, “और सोए मत रहो, ऊपर उठ जाओ, सूरज की रोशनी देखो”।
अति लघुउत्तरीय

21

पेड़-पौधे कैसे भोजन ग्रहण करते हैं?

Answer

पेड़-पौधे जड़ के द्वारा मिट्टी से रस-पान करते हैं और पत्तियाँ हवा से आहार ग्रहण करती हैं।
अति लघुउत्तरीय

22

पेड़-पौधे कौन-से द्रव सोखते हैं?

Answer

माटी में पानी डालने पर उसके बहुत से द्रव्य गल जाते हैं। पेड़-पौधे वे ही तमाम द्रव्य सोखते हैं।
अति लघुउत्तरीय

23

सुंदर फूल कैसे खिलते हैं?

Answer

पेड़-पौधे मटमैली माटी से आहार एवं विषाक्त वायु से अंगारक ग्रहण करते हैं। फिर इस अपरूप से सुंदर फूल खिलते हैं।
अति लघुउत्तरीय

24

बीज से पेड़ बनने की प्रक्रिया को संक्षेप में समझाइए।

Answer

बीज मिट्टी में अंकुरित होकर पौधा बनता है। पौधा धीरे-धीरे बड़ा होता है और पेड़ बन जाता है।
अति लघुउत्तरीय

25

पेड़-पौधों का जीवन प्रकाश पर क्यों निर्भर करता है?

Answer

प्रकाश पेड़-पौधों के विकास और संवर्द्धन के लिए आवश्यक है। प्रकाश न मिलने पर वे जीवित नहीं रह सकते।
लघु उत्तरीय प्रश्न

26

मधुमक्खी के आगमन से वृक्ष का क्या उपकार होता है?

Answer

मधुमक्खी के आगमन से वृक्ष का भी उपकार होता है। मधुमक्खियाँ एक फूल से पराग कण दूसरे फूल पर ले जाती हैं। पराग कण के बिना बीज पक नहीं सकता।
लघु उत्तरीय प्रश्न

27

बीज से अंकुर कब निकलता है ?

Answer

बहुत दिनों तक मिट्टी के नीचे बीज दबा रहता है। तत्पश्चात सर्दियों के बाद वसंत आता है। वर्षा की शुरुआत में एक दो दिन पानी बरसता है तो बीज से अंकुर निकलता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न

28

अंगारक’ को यदि पेड़-पौधों द्वारा शुद्ध नहीं किया जाता, तो इसके क्या दुष्परिणाम हो जाते?

Answer

यदि ज़हरीली हवा ‘अंगारक’ को पेड़-पौधों द्वारा शुद्ध नहीं किया जाता तो यह हवा पृथ्वी पर इकट्ठी हो जाती और तमाम जीव-जंतु कुछ ही दिनों में उसका सेवन करके नष्ट हो जाते।
लघु उत्तरीय प्रश्न

29

पतंगों के लिए फूल सुगंध क्यों फैलाते हैं?

Answer

कुछ पतंगे दिन के समय पक्षियों के डर से बाहर नहीं निकल सकते। पक्षी उन्हें देखते ही खा जाते हैं, इसलिए रात का अँधेरा घिरने तक वे छिपे रहते हैं। शाम होते ही उन्हें बुलाने की खातिर फूल चारों तरफ सुगंध–ही–सुगंध फैला देते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न

30

जड़ और तने से आप क्या समझते हो ?

Answer

अंकुरण के पश्चात पौधे का जो भाग जमीन के अंदर रहता है वह ‘जड़’ तथा जो भाग भूमि के ऊपर बढ़ता है, वह तना कहलाता है। जड़ का कार्य भूमि से पानी तथा मिट्टी से द्रव्यों को लेकर पौधे को पहुँचाना है। तने पर पत्ते, फूल तथा फल लगते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न

31

सूर्य का प्रकाश पौधों के लिए क्यों आवश्यक है?

Answer

सूर्य का प्रकाश पौधों के लिए अत्यावश्यक है। सूर्य के प्रकाश की मदद से ही पौधे अपना भोजन बनाते हैं। इस प्रक्रिया में वे वातावरण में उपस्थित कार्बन डाईऑक्साइड को लेकर बदले में वातावरण में ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न

32

पेड़ों के लिए फूलों की क्या भूमिका है?

Answer

पेड़ों पर मुस्कुराते फूल अत्यंत सुंदर व सुशोभित होते हैं। फूलों की बहार आने पर वे अपने बंधु- बांधवों को बुलाते हैं। रंग-बिरंगे फूलों पर मधुमक्खियाँ व तितलियाँ आकर्षित होती हैं। वे अपने दल-बल के साथ फूलों पर मंडराती हैं। पराग कणों के स्थानांतरण में मधुमक्खियाँ सहयोग देती हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न

33

वृक्ष बीजों का पोषण किस प्रकार करते हैं?

Answer

फूल में बीज फलता है। अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करता है। अब अपनी जिंदगी के लिए मोह-माया का लाभ वृक्षों को नहीं है। वृक्ष अपना तिल-तिल अपनी संतान की खातिर सब कुछ लुटा देता है। एक दिन सूखकर पेड़ अपना जीवन समाप्त कर लेता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न

34

वृक्ष का अवसान कैसे होता है?

Answer

अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करता है। अब अपनी ज़िंदगी के लिए उसे मोह-माया का लोभ नहीं है। तिल-तिल कर संतान की खातिर सब कुछ लुटा देता है। जो शरीर कुछ दिन पहले हरा-भरा था, अब वह बिल्कुल सूख गया है। अपने ही शरीर का भार उठाने की शक्ति क्षीण हो चली है। पहले हवा वेग के साथ आगे बढ़ जाती थी। पत्ते हवा के संग क्रीड़ा करते थे। छोटी-छोटी डालियाँ ताल पर नाच उठती थीं। अब सूखा पेड़ हवा का आघात सहन नहीं कर सकता। हवा का बस एक थपेड़ा लगते ही वह थर-थर काँपने लगता है। एक-एक करके सभी डालियाँ टूट पड़ती हैं। अंत में एक दिन अकस्मात पेड़ जड़ सहित भूमि पर गिर पड़ता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

35

बीज से बीज तक की यात्रा अपने शब्दों में लिखिए।

Answer

नन्हे नन्हे बीज जब धरती में बोये जाते हैं तो काफी समय तक मिट्टी के नीचे अँधेरे में दबे रहते हैं। पर्याप्त वर्षा होने पर जब मिट्टी गीली हो जाती है तो बीज के अंकुरण का समय आ जाता है। बीज धरती को चीर कर अपना अंकुर बाहर निकालता है। कुछ ही दिनों में एक नन्हा-सा हरा-सा पौधा अपना सुंदर रूप दिखाता है। ऐसा नहीं है कि पूरा बीज अंकुरित होकर बाहर आ जाता है। इसका कुछ हिस्सा जमीन में रहकर पौधे को मज़बूती प्रदान करता है। यही भाग जड़ है। पौधा धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है। जड़ पौधे को मिट्टी से पानी व द्रव्य प्रदान करती है। सूरज की रोशनी में पौधे अपना भोजन तैयार करते हैं। वे मनुष्यों द्वारा छोड़ी गई विषाक्त वायु ग्रहण कर लेते हैं। जिन पौधों को सूर्य का प्रकाश नहीं मिलता वे जल्दी ही सड़कर सूख जाते हैं। धीरे-धीरे पौधों पर कलियाँ आती हैं। बड़ी होकर वे फूलों में परिवर्तित हो जाती हैं। फूलों में पराग-कण होते हैं। मधुमक्खियाँ पराग कणों को दूसरे फूलों पर ले जाकर प्रजनन में सहायक होती हैं। तत्पश्चात फल बनता है। इसी फल के अंदर बीज होते हैं। यही बीज धरती में जाकर पुनः अंकुरित होते हैं। यही है बीज से बीज तक की कहानी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

36

पेड़-पौधों के द्वारा भोजन करने की प्रक्रिया पर प्रकाश डालिए।

Answer

हम जिस तरह भोजन करते हैं, पेड़-पौधे भी उसी तरह भोजन करते हैं। हमारे दाँत हैं, कठोर चीज़ खा सकते हैं। नन्हें बच्चों के दाँत नहीं होते, वे केवल दूध पी सकते हैं। पेड़-पौधों के भी दाँत नहीं होते, इसलिए वे कैवल तरल द्रव्य या वायु से भोजन ग्रहण करते हैं। पेड़-पौधे जड़ के द्वारा माटी से रस-पान करते हैं। माटी में पानी डालने पर उसके भीतर बहुत-से द्रव्य गल जाते हैं। पेड़- पौधे वे ही तमाम द्रव्य सोखते हैं। जड़ों को पानी न मिलने पर पेड़ का भोजन बंद हो जाता है, फिर पेड़ मर जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

37

पेड़-पौधों के लिए प्रकाश क्यों आवश्यक है?

Answer

पेड़ के पत्तों पर जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तब पत्ते सूर्य-ऊर्जा के सहारे ‘ अंगारक’ निःशेष कर डालते हैं। और यही अंगार वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके उसका संवर्धन करते हैं। पेड़-पौधे प्रकाश चाहते हैं। प्रकाश न मिलने पर ये बच नहीं सकते। पेड़-पौधों की सर्वाधिक कोशिश यही रहती है कि किसी तरह उन्हें थोड़ा-सा प्रकाश मिल जाए । यदि खिड़की के पास गमले में पौधा रखो, तब देखोगे कि सारी पत्तियाँ व डालियाँ अंधकार से बचकर प्रकाश की ओर बढ़ रही हैं। वन अरण्य में जाने पर पता लगेगा कि तमाम पेड़-पौधे इस होड़ में सचेष्ट हैं कि कौन जल्दी से सिर उठाकर पहले प्रकाश को झपट ले। बेल-लताएँ छाया में पड़ी रहने से, प्रकाश के अभाव में मर जाएँगी । इसलिए वे पेड़ों से लिपटती हुई, निरंतर ऊपर की ओर अग्रसर होती रहती हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

38

पेड़-पौधे बंधु-बांधवों को कैसे आमंत्रित करते हैं?

Answer

पेड़ों पर मुस्कराते फूल देखकर हमें कितनी खुशी होती है ! शायद पेड़ भी कम प्रफुल्लित नहीं होते ! खुशी के मौके पर हम अपने परिजनों को निमंत्रित करते हैं । उसी प्रकार फूलों की बहार छाने पर पेड़-पौधे भी अपने बंधु-बांधवों को बुलाते हैं। स्नेहसिक्त वाणी में मानो पुकारते हैं, “कहाँ हो मेरे बंधु, मेरे बांधव, आज मेरे घर आओ । यदि रास्ता भटक जाओ, कहीं घर पहचान नहीं सको, इसलिए रंग-बिरंगे फूलों के निशान लगा रखे हैं । ये रंगीन पंखुड़ियाँ दूर से देख सकोगे ।”मधुमक्खी व तितली के साथ वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता है। वे दल-बल सहित फूल देखने आती हैं। कुछ पतंगे दिन के समय पक्षियों के डर से बाहर नहीं निकल सकते। पक्षी उन्हें देखते ही खा जाते हैं, इसलिए रात का अँधेरा घिरने तक वे छिपे रहते हैं। शाम होते ही उन्हें बुलाने की खातिर फूल चारों तरफ सुगंध–ही–सुगंध फैला देते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

39

हम जिस तरह भोजन करते हैं, पेड़-पौधे भी उसी तरह भोजन करते हैं। हमारे दाँत हैं, कठोर चीज़ खा सकते हैं। नन्हें बच्चों के दाँत नहीं होते वे केवल दूध पी सकते हैं। पेड़-पौधों के भी दाँत नहीं होते, इसलिए वे केवल तरल द्रव्य या वायु से भोजन ग्रहण करते हैं। पेड़-पौधे जड़ के द्वारा माटी से रस-पान करते हैं। चीनी में पानी डालने पर चीनी गल जाती है। माटी में पानी डालने पर उसके भीतर बहुत-से द्रव्य गल जाते हैं। पेड़-पौधे वे ही तमाम द्रव्य सोखते हैं। जड़ों को पानी मिलने पर पेड़ का भोजन बंद हो जाता है, पेड़ मर जाता है।


(क) हमारी तरह पेड़-पौधे भी क्या करते हैं?
(i) भोजन
(iii) दौड़ना
(ii) काम
(iv) इनमें सभी


(ख) पेड़-पौधे किस प्रकार भोजन ग्रहण करते हैं?
(i) तरल द्रव्य के द्वारा
(ii) वायु से
(iii) (i) एवं (ii)
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं


(ग) पेड़-पौधे किसके द्वारा रस-पान करते हैं?
(i) तने के द्वारा
(ii) पत्ते के द्वारा
(iii) जड़ के द्वारा
(iv) इनमें सभी


(घ) जड़ों को पानी मिलने पर क्या होता है?
(i) पेड़ का श्वसन बंद हो जाता है।
(ii) पेड़ का भोजन बंद हो जाता है।
(iii) पेड़ का परिवहन बंद हो जाता है।
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं ।

Answer

(क) (i) भोजन
(ख) (iii) (i) एवं (ii)
(ग) (iii) जड़ के द्वारा
(घ) (ii) पेड़ का भोजन बंद हो जाता है।
अर्थग्रहण संबंधी

40

अब तो समझ गए होंगे कि प्रकाश ही जीवन का मूलमंत्र है। सूर्य – किरण का स्पर्श पाकर ही पेड़ पल्लवित होता है। पेड़-पौधों के रेशे रेशे में सूरज की किरणें आबद्ध हैं। ईंधन को जलाने पर जो प्रकाश ताप बाहर प्रकट होता है, वह सूर्य की ही ऊर्जा है। पेड़-पौधे समस्त हरियाली प्रकाश हथियाने के जाल हैं। पशु-डाँगर, पेड़-पौधे या हरियाली खाकर अपने प्राणों का निर्वाह करते हैं। पेड़-पौधों में जो सूर्य का प्रकाश समाहित है वह इसी तरह जंतुओं के शरीर में प्रवेश करता है। अनाज सब्ज़ी खाने पर हम भी बच नहीं सकते हैं। सोचकर देखा जाए तो हम भी प्रकाश की खुराक पाने पर ही जीवित हैं।


(क) पेड़ पल्लवित कैसे होता है?
(i) वायु से
(ii) प्रकाश से
(iii) सूर्य किरण का स्पर्श पाकर
(iv) नमी से


(ख) जीवन का मूलमंत्र है-
(i) पानी
(ii) वायु
(iii) मिट्टी
(iv) प्रकाश


(ग) ईंधन जलने पर प्रकाश ताप कहाँ से आता है?
(i) लकड़ी गरम हो जाती है।
(ii) उसमें सूर्य की ऊर्जा है।
(iii) लकड़ी नमी खो देती है।
(iv) इनमें से कोई नहीं है।


(घ) प्रकाश हथियाने का जाल कौन है?
(i) मानव जाति
(ii) पेड़-पौधे
(iii) हरियाली
(iv) पेड़-पौधे व हरियाली

Answer

(क) (iii) सूर्य किरण का स्पर्श पाकर
(ख) (iv) प्रकाश
(ग) (ii) उसमें सूर्य की ऊर्जा है।
(घ) (iv) पेड़-पौधे व हरियाली
अर्थग्रहण संबंधी

41

बहुत दिनों तक मिट्टी के नीचे बीज पड़े रहे। इसी तरह महीना–दर–महीना बीतता गया सर्दियों के बाद वसंत आया। उसके बाद वर्षा की शुरुआत में दो-एक दिन पानी बरसा अब और छिपे रहने की आवश्यकता नहीं थी मानों बाहर से कोई शिशु को पुकार रहा हो, ‘और सोए मत रहो, ऊपर उठ जाओ, सूरज की रोशनी देखो ।‘ आहिस्ता-आहिस्ता बीज का ढक्कन दरक गया, दो सुकोमल पत्तियों के बीच अंकुर बाहर निकला। अंकुर का एक अंश नीचे माटी में मज़बूती से गड़ गया और दूसरा अंश माटी भेदकर ऊपर की ओर उठा क्या तुमने अंकुर को उठते देखा है? जैसे कोई शिशु अपना नन्हा-सा सिर उठाकर आश्चर्य से नई दुनिया को देख रहा है।


(क) बहुत दिनों तक मिट्टी के नीचे कौन पड़ा रहा?
(i) पौधा
(ii) बीज
(iii) पत्थर
(iv) जानवर


(ख) और सोए मत रहो, ऊपर उठ जाओ, सूरज की रोशनी देखो।‘ यह किसके लिए कहा गया है ?
(i) बीज के लिए
(ii) पौधे के लिए
(iii) मिट्टी के लिए
(iv) इनमें सभी


(ग) ____ के बीच अंकुर बाहर निकला।
(i) मिट्टी
(ii) पानी
(iii) दो सुकोमल पत्तियों
(iv) जड़ों

Answer

(क) (ii) बीज
(ख) (i) बीज के लिए
(ग) (iii) दो सुकोमल पत्तियों 
अर्थग्रहण संबंधी

42

वृक्ष का अंकुर निकलने पर जो अंश माटी के भीतर प्रवेश करता है, उसका नाम जड़ है और जो अंश ऊपर की ओर बढ़ता है, उसे तना कहते हैं। सभी पेड़-पौधों में जड़ तना ये दो भाग मिलेंगे। यह एक आश्चर्य की बात है कि पेड़-पौधों को जिस तरह ही रखो, जड़ नीचे की ओर जाएगी तना ऊपर की ओर उठेगा। एक गमले में पौधा था परीक्षण करने के लिए कुछ दिन गमले को औंधा लटका रखा। पौधे का सिर नीचे की तरफ लटका रहा और जड़ ऊपर की ओर रही। दो-एक दिन बाद क्या देखता हूँ कि जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो। उसकी सब पत्तियाँ और डालियाँ टेढ़ी होकर ऊपर की तरफ उठ आई तथा जड़ घूमकर नीचे की ओर लटक गई। तुमने कई बार सर्दियों में मूली काटकर बोई होगी। देखा होगा, पहले पत्ते फूल नीचे की ओर रहे। कुछ दिन बाद देखोगे कि पत्ते और फूल ऊपर की ओर उठ आए हैं।


(क) पौधे के अंकुर के निचले और ऊपरी हिस्से को क्या कहते हैं?
(
ख) किसी भी स्थिति में पौधे का कौन-सा भाग ऊपर तथा कौन-सा भाग नीचे रहेगा?
(
ग) क्या पौधे की अवस्था में परिवर्तन किया जा सकता है?
(
घ) परीक्षण के दौरान गमले को औंधा लटकाने पर क्या हुआ?

Answer

(क) पौधे के अंकुर के निचले हिस्से को जड़ और ऊपरी हिस्से को तना कहते हैं।
(ख) हर स्थिति में पौधे की जड़ नीचे तथा तना ऊपर की ओर रहेगा।
(ग) नहीं, पौधे की प्राकृतिक अवस्था में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
(घ) परीक्षण के दौरान जब गमले को औंधा लटकाया गया, तो उसका तना और पत्तियाँ ऊपर की ओर तथा जड़ नीचे की तरफ मुड़ गई।
अर्थग्रहण संबंधी

43

पेड़ के पत्तों पर जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तब पत्ते सूर्य – ऊर्जा के सहारे ‘अंगारक’ वायु से अंगार निःशेष कर डालते हैं। और यही अंगार वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके उसका संवर्धन करते हैं। पेड़-पौधे प्रकाश चाहते हैं प्रकाश मिलने पर ये बच नहीं सकते। पेड़-पौधों की सर्वाधिक कोशिश यही रहती है कि किसी तरह उन्हें थोड़ा-सा प्रकाश मिल जाए। यदि खिड़की के पास गमले में पौधा रखो, तब देखोगे कि सारी पत्तियाँ डालियाँ अंधकार से बचकर प्रकाश की ओर बढ़ रही हैं। वन अरण्य में जाने पर पता लगेगा कि तमाम पेड़-पौधे इस होड़ में सचेष्ट हैं कि कौन जल्दी से सिर उठाकर पहले प्रकाश को झपट ले। बेल – लताएँ छाया में पड़ी रहने से, प्रकाश के अभाव में मर जाएँगी। इसलिए वे पेड़ों से लिपटती हुई, निरंतर ऊपर की ओर अग्रसर होती रहती हैं।


(क) पत्ते सूर्य ऊर्जा के सहारे ‘अंगारक’ वायु से अंगार को-
(i) निःशेष कर डालते हैं।
(ii) अवशोषित कर लेते हैं।
(iii) उसके प्रभाव को कम कर देते हैं।
(iv) उपर्युक्त सभी।


(ख) ‘अंगार’ वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके क्या करते हैं?
(i) परिवहन
(ii) उत्सर्जन
(iii) संवर्धन
(iv) इनमें सभी


(ग) पेड़-पौधों की क्या कोशिश होती है?
(i) प्रकाश प्राप्त करने की
(ii) अच्छे परिवेश की
(iii) हवा प्राप्त करने की
(iv) जल प्राप्त करने की


(घ) पौधे की पत्तियाँ और तने किससे बचना चाहते हैं?
(i) प्रकाश से
(ii) अंधकार से
(iii) पानी से
(iv) हवा से

Answer

(क) (i) निःशेष कर डालते हैं।
(ख) (iii) संवर्धन
(ग) (i) प्रकाश प्राप्त करने की
(घ) (ii) अंधकार से
अर्थग्रहण संबंधी

44

पेड़ों पर मुस्कराते फूल देखकर हमें कितनी खुशी होती है ! शायद पेड़ भी कम प्रफुल्लित नहीं होते! खुशी के मौके पर हम अपने परिजनों को निमंत्रित करते हैं। उसी प्रकार फूलों की बहार छाने पर पेड़-पौधे भी अपने बंधु-बांधवों को बुलाते हैं। स्नेहसिक्त वाणी में पुकार सकते हैं, “कहाँ हो मेरे बंधु, मेरे बांधव, आज मेरे घर आओ। यदि रास्ता भटक जाओ, कहीं घर पहचान नहीं सको, इसलिए रंग-बिरंगे फूलों के निशान लगा रखे हैं। ये रंगीन पंखुड़ियाँ दूर से देख सकोगे । ” मधुमक्खी तितली के साथ वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता है। वे दल-बल सहित फूल देखने आती हैं। कुछ पतंगे दिन के समय पक्षियों के डर से बाहर नहीं निकल सकते। पक्षी उन्हें देखते ही खा जाते हैं, इसलिए रात का अँधेरा घिरने तक वे छिपे रहते हैं। शाम होते ही उन्हें बुलाने की खातिर फूल चारों तरफ सुगंध-ही-सुगंध फैला देते हैं।


(क) किसे देखकर हमें अत्यधिक खुशी होती है?
(i) पेड़ों पर मुस्कराते फूलों को देखकर
(ii) फूलों की पंखुड़ियों को देखकर
(iii) पेड़ों की टहनियों को देखकर
(iv) उपर्युक्त सभी


(ख) फूलों की बहार आने पर पेड़-पौधे किसे पुकारते है?
(i) राहगीरों को
(ii) चिड़ियों को
(iii) बंधु-बांधवों को
(iv) जानवरों को


(ग) वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता किससे है?
(i) मुधमक्खी से
(ii) तितली से
(iii) (i) एवं (ii)
(iv) इनमें से कोई नहीं


(घ) कुछ पतंगे दिन के समय किसके डर से बाहर नहीं निकलते हैं?
(i) जानवरों के डर से
(ii) पक्षियों के डर से
(iii) मनुष्य के डर से
(iv) इनमें सभी

Answer

(क) (i) पेड़ों पर मुस्कराते फूलों को देखकर
(ख) (iii) बंधु-बांधवों को
(ग) (iii) (i) एवं (ii)
(घ) (ii) पक्षियों के डर से
अर्थग्रहण संबंधी