वन एवं वन्य जीव संसाधन

NCERT Solutions for Chapter 2 वन एवं वन्य जीव संसाधन Class 10 भूगोल

Book Solutions

1(i)

बहुवैकल्पिक प्रश्न
इनमें से कौन सी टिप्पणी प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास का सही कारण नहीं है?
(क) कृषि प्रसार
(ख) वृहत् स्तरीय विकास परियोजनाएँ
(ग) पशुचारण एवं ईंधन के लिए लकड़ी एकत्रित करना
(घ) तीव्र औद्योगीकरण और शहरीकरण

Answer

(ग) पशुचारण एवं ईंधन के लिए लकड़ी एकत्रित करना
अभ्यास Page Number 24

1(ii)

बहुवैकल्पिक प्रश्न
इनमें से कौन सा संरक्षण का तरीका समुदायों की सीधी भागीदारी नहीं करता?
(क) संयुक्त वन प्रबंधन
(ख) चिपको आन्दोलन
(ग) बीज बचाओ आन्दोलन
(घ) वन्य जीव पशुविहार (santuary) का परिसीमन

Answer

(घ) वन्य जीव पशुविहार (santuary) का परिसीमन
अभ्यास Page Number 24

2

निम्नलिखित प्राणियों/पौधों का उनके अस्तित्व के वर्ग से मेल करें।

जानवर/पौधे 

अस्तित्व

काला हिरण 

लुप्त

एशियाई हाथी

दुर्लभ

अंडमान जंगली सूअर

संकटग्रस्त

हिमालयन भूरा भालू

सुभेद्य

गुलाबी सिरवाली बत्तख

स्थानिक

Answer

जानवर/पौधे 

अस्तित्व

काला हिरण 

संकटग्रस्त

एशियाई हाथी

सुभेद्य

अंडमान जंगली सूअर

स्थानिक

हिमालयन भूरा भालू

दुर्लभ

गुलाबी सिरवाली बत्तख

लुप्त

अभ्यास Page Number 24

3

निम्नलिखित का मेल करें।

आरक्षित वन

सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि

रक्षित वन 

वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन 

अवर्गीकृत वन

वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है

Answer

आरक्षित वन

वन और वन्य जीव संसाधन संरक्षण की दृष्टि से सर्वाधिक मूल्यवान वन 

रक्षित वन 

वन भूमि जो और अधिक क्षरण से बचाई जाती है 

अवर्गीकृत वन

सरकार, व्यक्तियों के निजी और समुदायों के अधीन अन्य वन और बंजर भूमि

अभ्यास Page Number 24

4(i)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
जैव विविधता क्या है? यह मानव जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

Answer

वन्य जीवन और कृषि फसल उपजातियों में अत्यधिक जैव विविधताएँ पाई जाती हैं। यह आकार और कार्य में विभिन्न हैं, परन्तु अंतरनिर्भरताओं के जटिल जाल द्वारा एक तंत्र में गुँथी हुई है।
यह मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मानव और दूसरे जीवधारी एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं, जिसका हम एकमात्र हिस्सा हैं और अपने अस्तित्व के लिए इसके विभिन्न तत्वों पर निर्भर करते हैं।
अभ्यास Page Number 24

4(ii)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
विस्तारपूर्वक बताएँ कि मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास के कारक हैं।

Answer

कुछ मानव क्रियाएँ प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास का कारण बनती हैं। उनमें से मुख्य कारक निम्नलिखित हैं-
→ बड़े पैमाने पर कृषि का विस्तार, औद्योगीकरण-शहरीकरण अर्थव्यवस्था की माँग के फलस्वरूप वृहत् वन क्षेत्रों की कटाई वन्य-जीव के आवास के विनाश का कारण बनती हैं।
→ जंगली जानवरों का शिकार कर उनके चमड़ों, हाथीदांत तथा सींगों के अवैध व्यापार के लिए मारा जाता है जो विभिन्न जातियों के विलुप्त होने के मुख्य कारण हैं।
→ पर्यावरणीय प्रदूषण, कारखानों से निकला कचरा, रसायन, अपशिष्ट आदि जल को जहरीला बनाती है जो जानवरों की मौत का कारण है|
→ प्रायः स्थानान्तरी खेती के कारण कीमती वन और वन्यजीवन के समाप्ति ने दावानल को प्रेरित किया है।
→ बड़ी विकास परियोजनाओं ने भी वनों को बहुत नुकसान पहुँचाया है।
→ पशुचारण और ईंधन के लिए लकड़ी एकत्रित करना|
→ वन-संसाधनों का अत्यधिक उपयोग।
पर्यावरण विनाश के अन्य मुख्य कारकों में संसाधनों का असमान बंटवारा व उनका असमान उपयोग और पर्यावरण के रख-रखाव की जिम्मेदारी में असमानता शामिल है।
अभ्यास Page Number 24

5(i)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
भारत में विभिन्न समुदायों ने किस प्रकार वनों और वन्य जीव संरक्षण और रक्षण में योगदान किया है? विस्तारपूर्वक विवेचना करें।

Answer

उत्तर- वन हमारे देश में कुछ प्रजातियों के आवास भी हैं। इन समुदायों का उनके पर्यावरण के साथ जटिल रिश्ता होता है। छोटानागपुर क्षेत्र में मुंडा और संथाल जनजातियाँ महुआ और कदम्ब के पेड़ों की पूजा करते हैं। उड़ीसा और बिहार की जनजातियाँ शादी के दौरान इमली और आम के पेड़ों की पूजा करती हैं। इसी प्रकार राजस्थान में बिश्नोई गाँवों के आसपास काले हिरण, चिंकारा, नीलगाय और मोरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। कुछ क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर अपने आवास स्थलों के संरक्षण में जुटे हैं क्योंकि इसी से ही दीर्घकाल में उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है। सरिस्का बाघ रिजर्व में राजस्थान के गावों के लोग वन्य जीव रक्षण अधिनियम के तहत वहाँ से खनन कार्य बंद करवाने के लिए संघर्षरत हैं। राजस्थान के अलवर जिले में 5 गांवों के लोगों ने तो 1,200 हेक्टेयर वन भूमि भैरोंदेव डाकव ‘सोंचुरी’ घोषित कर दी जिसके अपने ही नियम कानून हैं, जो शिकार वर्जित करते हैं।
अभ्यास Page Number 24

5(ii)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबंध लिखिए।

Answer

उत्तर- वन और वन्य जीव संरक्षण के लिए कई सही नीतियाँ अपनाई गयी हैं। ऐसे कई गैर सरकारी संगठन भी हैं जो वन और वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं। 1960 और 1970 के दशकों के दौरान, पर्यावरण संरक्षकों में माँग पर भारत सरकार ने भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम लागू किया गया जिसमें वन्य-जीवों के आवास-रक्षण के कई प्रावधान थे। केन्द्रीय सरकार व कई राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव पशुविहार स्थापित किये| विभिन्न समुदाय खासकर आदिवासी समूह जो जीवन-यापन के लिए पूरी तरह से वन और वन्य जीवन पर निर्भर हैं, वन्य जीवन के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
अभ्यास Page Number 24