Summary for माँ, कह एक कहानी Class 7 Hindi
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मैथिलीशरण गुप्त एक प्रसिद्ध हिंदीकवि थे, जिन्हें राष्ट्रकवि के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले के चिरगाँव में हुआ था। उन्होंने 15-16 वर्ष की आयु से कविता लिखना शुरू किया। पहले वे ब्रज भाषा में लिखते थे, फिर हिंदी में। उनकी कविताएँ सरल और भावपूर्ण होती थीं। स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी रचनाओं ने लोगों में देशप्रेम की भावना जगाई। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं- साकेत, भारत-भारती, और यशोधरा। उनकी कविताओं में भारत की संस्कृति, इतिहास और धर्म की झलक मिलती है।
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कविता माँ, कह एक कहानी का मुख्य विषय है करुणा, न्याय और नैतिकता। यह माँ (यशोधरा) और बेटे (राहुल) के बीच संवाद के माध्यम से एक कहानी प्रस्तुत करती है, जिसमें एक घायल हंस की रक्षा को लेकर करुणा और हिंसा के बीच टकराव दिखाया गया है। कविता बच्चों को सही-गलत की समझ विकसित करने और दया व न्याय के महत्व को समझाने का प्रयास करती है।
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यह कविता माँ यशोधरा और उनके बेटे राहुल की बातचीत की कहानी है। राहुल माँ से कहानी सुनाने की ज़िद करता है। माँ उसे एक खास कहानी सुनाती है जिसमें राहुल के पिता सिद्धार्थ एक घायल हंस को बचाते हैं। एक शिकारी हंस को लेना चाहता है, लेकिन सिद्धार्थ उसे बचाने की ठान लेते हैं। दोनों में बहस होती है और मामला न्यायालय तक जाता है। माँ राहुल से पूछती है कि वह क्या फैसला करेगा। राहुल कहता है कि जो निर्दोष को मारता है, उसे रोकना चाहिए और जो बचाता है, उसकी मदद करनी चाहिए। यह कविता हमें दया, करुणा और सही फैसला लेने की सीख देती है। यह हमें बताती है कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए और अच्छा काम करना चाहिए।
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पहला प्रसंग
“माँ, कह एक कहानी।”
“बेटा, समझ लिया क्या तूने
मुझको अपनी नानी?”
Answer
व्याख्या: राहुल अपनी माँ से कहानी सुनाने को कहता है। माँ हँसते हुए पूछती हैं कि क्या वह उसे अपनी नानी समझने लगा है। यह बात माँ-बेटे के प्यार को दिखाती है।5
दूसरा प्रसंग
“कहती है मुझसे यह चेटी,
तू मेरी नानी की बेटी! कह माँ,
कह, लेटी ही लेटी,
राजा था या रानी?
राजा था या रानी?
माँ, कह एक कहानी।”
Answer
व्याख्या: राहुल बताता है कि दासी (चेटी) ने कहा है कि माँ, नानी की बेटी है। राहुल लेटे-लेटे बार-बार माँ से ज़िद करता है कि कहानी सुनाओ, जिसमें राजा या रानी की बात हो।6
तीसरा प्रसंग
“तू है हठी मानधन मेरे,
सुन, उपवन में बड़े सबेरे,
तात भ्रमण करते थे तेरे,
जहाँ, सुरभि मनमानी।”
Answer
व्याख्या: माँ अपने बेटे को समझाती है कि वह बहुत ज़िद्दी है। फिर वह उपवन (बगीचे) का वर्णन करती है, जहाँ उसके पिता (तात) सुबह सैर किया करते थे। उस उपवन में फूलों की सुगंध बिखरी रहती थी।
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चौथा प्रसंग
“जहाँ सुरभि मनमानी?
हाँ, माँ, यही कहानी।”
Answer
व्याख्या: राहुल खुश होकर कहता है कि माँ, वही कहानी सुनाओ जिसमें बगीचे में अच्छी खुशबू थी।8
पांचवा प्रसंग
“वर्ण-वर्ण के फूल खिले थे,
झलमल कर हिम-बिंदु झिले थे,
हलके झोंके हिले-मिले थे,
लहराता था पानी।”
Answer
व्याख्या: माँ बताती है कि बगीचे में रंग-बिरंगे फूल खिले थे। ओस की बूँदें चमक रही थीं और हल्की हवा बह रही थी। पास में पानी की लहरें भी थीं। यह बगीचे की सुंदरता को दिखाता है।9
छठा प्रसंग
“लहराता था पानी?
हाँ, हाँ, यही कहानी।”
Answer
व्याख्या: राहुल प्रसन्न होकर कहता है कि हाँ माँ, यही कहानी सुनाते रहो जिसमें पानी लहरा रहा हो।10
सातवां प्रसंग
“गाते थे खग कल-कल स्वर से,
सहसा एक हंस ऊपर से,
गिरा, बिद्ध होकर खर-शर से,
हुई पक्ष की हानी!”
Answer
व्याख्या: माँ बताती है कि वहाँ पक्षी मीठे स्वर में गा रहे थे तभी अचानक एक हंस ऊपर से घायल होकर नीचे गिर पड़ा। उसे तीर से चोट लगी थी।11
आठवां प्रसंग
“हुई पक्ष की हानी?
करुणा-भरी कहानी!”
Answer
व्याख्या: राहुल दुखी होकर कहता है कि हंस को चोट लग गई, यह तो बहुत करुणा भरी कहानी है।12
नौवां प्रसंग
“चौंक उन्होंने उसे उठाया,
नया जन्म-सा उसने पाया।
इतने में आखेटक आया,
लक्ष्य-सिद्ध का मानी।”
Answer
व्याख्या: माँ बताती है कि उसके पिता ने तुरंत घायल हंस को उठाया और उसकी जान बचाई। तभी वह शिकारी आया जिसने हंस को मारने का दावा किया।
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दसवां प्रसंग
“लक्ष्य-सिद्ध का मानी?
कोमल-कठिन कहानी।”
Answer
व्याख्या: राहुल कहता है कि यह कहानी तो कोमल भावनाओं और कठोर वास्तविकता का मेल है।
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ग्यारहवां प्रसंग
“माँगा उसने आहत पक्षी,
तेरे तात मगर थे रक्षी।
तब उसने, जो था खगभक्षी–
हठ करने की ठानी।”
Answer
व्याख्या: शिकारी घायल हंस को माँगता है लेकिन राहुल के पिता उसकी रक्षा करने को तैयार रहते हैं। शिकारी ज़िद पर अड़ जाता है।15
बारहवां प्रसंग
“हठ करने की ठानी?
अब बढ़ चली कहानी।”
Answer
व्याख्या: राहुल उत्साहित होकर कहता है कि अब कहानी और रोचक होती जा रही है।16
तेरहवां प्रसंग
“हुआ विवाद सदय-निंद्रिय में,
उभय आग्रही थे स्वविषय में,
गई बात तब न्यायालय में,
सुनी सभी ने जानी।”
Answer
व्याख्या: माँ बताती है कि दयालु पिता और निर्दयी शिकारी के बीच विवाद बढ़ गया। दोनों अपने पक्ष पर अड़े रहे और अंत में मामला न्यायालय में पहुँच गया।
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चौदहवां प्रसंग
“सुनी सभी ने जानी?
व्यापक हुई कहानी।”
Answer
व्याख्या: राहुल कहता है कि अब तो पूरी सभा ने इस विवाद को जान लिया। कहानी अब बड़ी हो गई है।18
पंद्रहवां प्रसंग
“राहुल, तू निर्णय कर इसका–
न्याय पक्ष लेता है किसका?
कह दे निर्भय, जय हो जिसका।
सुन लूँ तेरी बानी।”
Answer
व्याख्या: माँ राहुल से कहती है कि वह बिना डरे फैसला करे कि सही कौन है– हंस को मारने वाला शिकारी या उसे बचाने वाला। माँ उसका जवाब सुनना चाहती है।
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सोलहवां प्रसंग
“माँ, मेरी क्या बानी?
मैं सुन रहा कहानी।”
Answer
व्याख्या: राहुल कहता है कि वह अभी कहानी सुन रहा है, उसे निर्णय करना कठिन लग रहा है।20
सत्रहवां प्रसंग
“कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य उसे न उबारे?
रक्षक पर भक्षक को वारे,
न्याय दया का दानी!”
Answer
व्याख्या: राहुल सोच-समझकर कहता है कि अगर कोई निर्दोष को मारता है तो उसकी रक्षा करना चाहिए। न्याय हमेशा दया से भरा होना चाहिए।21
अठारहवां प्रसंग
“न्याय दया का दानी?
तूने गूनी कहानी।”
Answer
व्याख्या: माँ खुश होकर कहती है कि राहुल ने सही समझा और उसने इस करुणामयी कहानी का गूढ़ अर्थ जान लिया।22
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कविता माँ, कह एक कहानी माँ-बेटे के संवाद के माध्यम से करुणा, दया और न्याय का महत्व सिखाती है। यह बच्चों को नैतिकता और सही निर्णय लेने की प्रेरणा देती है। कविता प्रकृति की खूबसूरती और अच्छे मूल्यों को मिलाकर हमें बहुत कुछ सिखाती है। मैथिलीशरण गुप्त की यह रचना सरल भाषा में गहरे विचार प्रस्तुत करती है, जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए प्रेरणादायक है।23
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• सुरभि: खुशबू• वर्ण वर्ण: रंग-बिरंगे
• हिम-बिंदु: ओस की बूँदें
• खग: पक्षी
• खर-शर: तेज तीर
• आखेटक: शिकारी
• लक्ष्य-सिद्धि: निशाना सही लगाना
• खगभक्षी: पक्षियों का शिकार करने वाला
• सदय: दयालु
• निर्दय: क्रूर
• उभय: दोनों
• निरपराध: बेगुनाह
• रक्षक: बचाने वाला
• भक्षक: मारने वाला
• दानी: देने वाला