NCERT Solutions for Saathi Haath Badhana Class 6 Vasant Hindi
Book Solutions1
Answer
इस गीत में हम इन पंक्तियों को हम आस -पास की ज़िन्दगी में घटते हुए देख सकते हैं -
साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया।
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Answer
उपरिलिखित पंक्तियों से कवि साहिर कहना चाहते हैं की एकता और परिश्रम के माध्यम से असंभव भी संभव हो जाता हैं। कवि का कहना हैं की हम मिलकर निरंतर परिश्रम से पर्वत को झुकाने जैसा असंभव कार्य भी सरल प्रतीत होने लगता हैं। एकता और मेहनत के बल से कठिनायों सागर भी रास्ता दे देता हैं।3
Answer
सीने और बाहों का फौलादी होना हमारे मजबूत इरादों का प्रतीक हैं। हम असंभव कार्य को समभाव करने की इच्छा करते हैं और उसके लिए हम निरंतर प्रयास और परिश्रम करने को तैयार हैं। कवि का मानना हैं की एकता और परिश्रम के बल पर हम पर्वत को झुका सकते हैं। ऐसी हर इरादों और उनको साकार करने कि इच्छा रखने वाले परिश्रमी मनुष्यो के सीने और बाहों को फौलादी कहा गया हैं।1
Answer
अपने साथी के बारे में कुछ शब्द लिखिए। अपना साथी आपका मित्र, सहपाठी, अध्यापक, माता - पिता, भाई या बहन भी हो सकती हैं।
अपना उत्तर लिखते हुए निम्मलिखित बिन्दूओं का ध्यान रखे –
1. आप अपने साथी से कब और कहाँ मिले
2. आप उन्हें अपना साथी क्यों मानते हैं
3. आप और आपके साथी के जीवन का एक प्रसंग (जो आपके आपसी सहयोग को दर्शता हो) को भी लिखा जा सकता हैं।
साथी से मिलते-जुलते कुछ शब्द हैं -
सखा
मित्र
मीत
बंधु
दोस्त
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Answer
जब हमारा लक्ष्य एक हो तब उपरिलिखित वाक्य का सत्य मालूम होता हैं।
मोहल्ले के सब निवासी अपने इलाके को स्वच्छ रखना चाहते हैं।
शहरी व ग्रामवासी चाहते हैं की उनके शहर या गाँव की परिवहन सेवाएं बहतर हो ।
उपरिलिखित दोनों उदहारणो में लोग साथ में मिलकर एक सामान्य सुख चाहते हैं ।
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Answer
यह गीत कठिनायों से भरे माहौल में गुनगुनाने के लिए बना हैं। यह गुनगुनाने वाले और उनके साथियों को परिश्रम करने की प्रेणा देता हैं और बुरे से बुरे वक्त में भी निरंतर प्रयाश और एकता बनाये रखने का सन्देश देता हैं।4
'एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना'-
(क) तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो?
(ख) पापा के काम और माँ के काम क्या - क्या हैं?
(ग) क्या वे एक - दूसरे का हाथ बँटाते हैं?
Answer
(क) हम अक्सर देखते हैं की हमारे घरबार का काम हमारे माँ ही संभालती हैं यदि हम अपने छोटे-मोटे काम जैसे अपना बिस्तर बनाना, अपना कमरा साफ़ करना, खुद करेंगे तब उनका भोज कम होगा और उनकी सहायता होगी ।
(ख) पापा और माँ मिलकर घर- गृहस्थी चलाने का कठिन काम को मुमकिन करते हैं। जहाँ माँ भोजन बनाकर हमरा पेट भरती है, हमारा होमवर्क में मदद करती तथा घर का ख्याल रखती हैं, दूसरी ओर हमारे पापा भोजन के लिए अन्न कमाते हैं, स्कूल की फीस भरते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं की हमारे ऊपर एक छत बनी रहे।
(ग) हाँ, मेरे पापा और माँ एक दूसरे की मदद करते हैं।
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Answer
कच्ची सड़क को पक्की बनाते हुए ये गीत नायक(दिलीप कुमार ) और नायिका (वैजयन्ती माला) के साथ पूरा गाँव गाता हैं।1
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता । एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं ।
(क) ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता- जुलता है?
(ख) इन दोनों कहावतों का अर्थ कहावत - कोश में देखकर समझो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो ।
Answer
(क) एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
एक से मिले तो कतरा, बन जाता जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा, बन जाती है सेहरी
एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत
(ख) अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता- अर्थ -कोई बलवान भी अकेले जंग नहीं जीत सकता।
वाक्य -मैंने भ्रस्टाचार के खिलाफ़ आवाज़ उठाई परन्तु, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता इसलिए मुझे आप का सहयोग चाहिए।
एक और एक ग्यारह होना - अर्थ - एकता में बल होना
जैसे ही भ्रष्टाचार की खिलाफ़ मेरे जंग में लोग जुड़ने लगे, वैसे ही भ्रष्टाचार कम होने लगा, आखिर एक और एक ग्यारह होते हैं।
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नीचे हाथ से संबंधित कुछ मुहावरे दिए हैं । इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मुहावरे से वाक्य बनाओ-
(क) हाथ को हाथ न सूझना
(ख) हाथ साफ़ करना
(ग) हाथ - पैर फूलना
(घ) हाथों - हाथ लेना
(ङ) हाथ लगना
Answer
(क) हाथ को हाथ न सूझना - अर्थ - (घोर अंधकार होना)
वाक्य - सिनेमाघर में हाथ को हाथ को हाथ न सूझता ।
(ख) हाथ साफ़ करना - (दूसरे की चीज़ छिपकर लेना)
वाक्य - राम ने मौका मिलते ही शाम के लंच से हाथ साफ़ कर लिया।
(ग) हाथ - पैर फूलना - अर्थ - घबरा जाना
वाक्य - जंगल में शेर को देख राम के हाथ-पैर फूल गए।
(घ) हाथों - हाथ लेना - अर्थ - सम्मानपूर्वक आवभगत करना
वाक्य - जैसे ही राम को अपनी मन- पसंद नौकरी का प्रस्ताव आया, वैसे उसने वह कर लिया।
(ङ) हाथ लगना -अर्थ -शुरू करना
वाक्य- शाम ने इस कविता को अभी तक हाथ नहीं लगाई।
1
हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं । नीचे दिए शब्दों में हस्त और हाथ छिपे हैं । शब्दों को पढ़कर बताओ कि हाथों का इनमें क्या काम है-
हाथघड़ी
हस्तशिल्प
हस्तक्षेप
हथौड़ा
हथकंडा
निहत्था
हस्ताक्षर
हथकरघा
Answer
हाथघड़ी- हाथ पर पहने वाली घड़ी।
हस्तशिल्प - हाथों से बनाया गया शिल्प का काम।
हस्तक्षेप- दखल देना |
हथौड़ा - लोहे का औज़ार जिसको हाथ से पकड़कर पीटा जाता हैं।
हथकंडा - अनुचित चाल चलके अपना काम करवाया।
निहत्था - बिन हथ्यार ।
हस्ताक्षर- अपना नाम या उसे मिलता जुलता कुछ लिखकर अपनी सहमति प्रकट करना ।
हथकरघा- हाथ से बनाया गया कपड़ा।
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Answer
परबत- पर्वत/पहाड़
सीस- शीश (कविता में चोटी)
रस्ता- सड़क
इंसान – आदमी
3
'कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना'-इस वाक्य को गीतकार इस प्रकार कहना चाहता है- (तुमने) कल गैरों की खातिर (मेहनत) की, आज (तुम) अपनी खातिर करना ।
इस वाक्य में 'तुम' कर्ता है जो गीत की पंक्ति में छंद बनाए रखने के लिए हटा दिया गया है । उपर्युक्त पंक्ति में रेखांकित शब्द 'अपनी' का प्रयोग कर्ता 'तुम' के लिए हो रहा है, इसलिए यह सर्वनाम है । ऐसे सर्वनाम जो अपने आप के बारे में बताएँ निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं । ( निज का अर्थ 'अपना ' होता है । ) निजवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार होते हैं जो नीचे दिए वाक्यों में रेखांकित हैं
मैं अपने आप (या आप) घर चली जाऊँगी ।
बब्बन अपना काम खुद करता है ।
सुधा ने अपने लिए कुछ नहीं खरीदा ।
अब तुम भी निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो-
अपने से
अपने को
अपने पर
अपना
आपस में
अपने लिए
Answer
अपने से- हमारे देश के जवानों ने अपनी रक्षा से पहले देश की रक्षा की हैं।
अपने को- अपने को धर्म के मार्ग में चलना चाहिए।
अपने पर- राम ने शाम की गलती अपने पर ले ली।
आपस में- राम और शाम आपस में ही हस्सी-मज़ाक करते रहते हैं।
अपने लिए- राम ने अपने लिए एक नया पजामा लिया।
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बातचीत करते समय हमारी बातें हाथ की हरकत से प्रभावशाली होकर दूसरे तक पहुँचती हैं। हाथ की हरकत से या हाथ के इशारे से भी कुछ कहा जा सकता है । नीचे लिखे हाथ के इशारे किन अवसरों पर प्रयोग होते हैं ? लिखो-
'क्यों ' पूछते हाथ
मना करते हाथ
समझाते हाथ
बुलाते हाथ
आरोप लगाते हाथ
चेतावनी देते हाथ
जोश दिखाते हाथ
Answer
क्यों ' पूछते हाथ - सवाल पूछते समय।
मना करते हाथ- इंकार करते हुए।
समझाते हाथ- ज्ञान बांटते समय।
बुलाते हाथ- जब किसको अपने पास बुलाना हो।
आरोप लगाते हाथ- आरोप लगाते हुए ।
चेतावनी देते हाथ- सावधान करते समय।
जोश दिखाते हाथ- हिम्मत भरी बात करते हुए।