रहीम - दोहे (काव्य)

NCERT Solutions for Chapter 8 रहीम के दोहे Class 9 Sparsh

Book Solutions

1(क)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भांति क्यों नही हो पाता?

Answer

प्रेम का धागा एक बार टूटने के बाद उसे दुबारा जोड़ा जाए तो उसमे गाँठ पड़ जाती है। वह पहले की भाँती नही जुड़ पाती, इसमें अविश्वास और संदेह की दरार पड़ जाती है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

1(ख)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?

Answer

हमें अपना दुख दूसरों पर इसलिए प्रकट नही करना चाहिए क्योंकि इससे कोई लाभ नही है। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर वे उसका मजाक उड़ाते हैं।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

1(ग)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?

Answer

रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि छोटा होने के वावजूद भी वो लोगों और जीव-जंतुओं की प्यास को तृप्त करता है। सागर विशाल होने के बाद भी किसी की प्यास नही बुझा पाता।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

1(घ)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?

Answer

कवि की मान्यता है कि ईश्वर एक है। उसकी ही साधना करनी चाहिए। वह मूल है। उसे ही सींचना चाहिए। जैसे जड़ को सीचने से फल फूल मिल जाते हैं उसी तरह एक ईश्वर को पूजने से सभी काम सफल हो जाते हैं। केवल एक ईश्वर की साधना पर ध्यान लगाना चाहिए।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

1(ड़)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नही कर पाता?

Answer

जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी इसलिए नही कर पाता क्योंकि उसके पास अपना कोई सामर्थ्य नही होता। कोई भी उसी की मदद करता है जिसके पास आंतरिक बल होता है नही तो कोई मदद करने नही आता।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

1(च)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?

Answer

अपने पिता के वचन को निभाने के लिए अवध नरेश को चित्रकूट जाना पड़ा। 
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

1(छ)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
'नट' किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?

Answer

'नट'  कुंडली मारने की कला में सिद्ध कारण ऊपर चढ़ जाता है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

1(ज)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
'मोती, मानुष, चून' के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

Answer

मोती' के संदर्भ में अर्थ है चमक या आब इसके बिना मोती का कोई मूल्य नहीं है। 'मानुष' के संदर्भ में पानी का अर्थ मान सम्मान है मनुष्य का पानी अर्थात सम्मान समाप्त हो जाए तो उसका जीवन व्यर्थ है। 'चून' के संदर्भ में पानी का अर्थ अस्तित्व से है। पानी के बिना आटा नहीं गूँथा जा सकता। आटे और चूना दोनों में पानी की आवश्यकता होती है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

2(क)

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए−
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।

Answer

कवि इस पंक्ति द्वारा बता रहा है की प्रेम का धागा एक बार टूट जाने पर फिर से जुड़ना कठिन होता है। अगर जुड़ भी जाए तो पहले जैसा प्रेम नही रह जाता। एक-दूसरे के प्रति अविश्वास और शंका होती रहती है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

2(ख)

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए−
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।

Answer

कवि का कहना है कि अपने दुखों को किसी को बताना नही चाहिए। दूसरे लोग सहायता नही करेंगे और उसका मजाक भी उड़ायेंगे।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

2(ग)

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए−
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।

Answer

इन पंक्तियों द्वारा कवि एक ईश्वर की आराधना पर ज़ोर देते हैं। इसके समर्थन में कवि वृक्ष की जड़ का उदाहरण देते हैं कि जड़ को सींचने से पूरे पेड़ पर पर्याप्त प्रभाव हो जाता है। अलग-अलग फल, फूल, पत्ते सींचने की आवश्यकता नहीं होती।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

2(घ)

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए−
दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।

Answer

दोहा एक ऐसा छंद है जिसमें अक्षर कम होते हैं पर उनमें बहुत गहरा अर्थ छिपा होता है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

2(ङ)

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए−
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।

Answer

जिस तरह संगीत की मोहनी तान पर रीझकर हिरण अपने प्राण तक त्याग देता है। इसी प्रकार मनुष्य धन कला पर मुग्ध होकर धन अर्जित करने को अपना उद्देश्य बना लेता है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वो सब कुछ त्यागने को भी तैयार हो जाता है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

2(च)

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए−
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।

Answer

हरेक छोटी वस्तु का अपना अलग महत्व होता है। कपडा सिलने का कार्य तलवार नही कर सकता वहां सुई ही काम आती है। इसलिए छोटी वस्तु की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

2(छ)

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है−
पानी गए न उबरै, मोती, मानुष, चून।

Answer

जीवन में पानी के बिना सब कुछ बेकार है। इसे बनाकर रखना चाहिए, जैसे चमक या आब के बिना मोती बेकार है, पानी अर्थात सम्मान के बिना मनुष्य का जीवन बेकार है और बिना पानी के आटा या चूना को गुंथा नही जा सकता। इस पंक्ति में पानी की महत्ता को स्पष्ट किया गया है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 80

3(क)

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है−
जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।

Answer

''जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस।''
प्रश्न अभ्यास Page Number 81

3(ख)

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है−
कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।

Answer

''बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।''
प्रश्न अभ्यास Page Number 81

3(ग)

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है−
पानी के बिना सब सूना है अत: पानी अवश्य रखना चाहिए।

Answer

''रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।''
प्रश्न अभ्यास Page Number 81

4

उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए −
उदाहण : कोय − कोई , जे - जो

ज्यों

----------------

कछु

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नहिं

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कोय

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धनि

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आखर

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जिय

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थोरे

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होय

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माखन

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तरवारि

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सींचिबो

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मूलहिं

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पिअत

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पिआसो

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बिगरी

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आवे

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सहाय

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ऊबरै

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बिनु

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बिथा

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अठिलैहैं

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परिजाय

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----------------

Answer

ज्यों

-

जैसे

कछु

-

कुछ

नहि

-

नहीं

कोय

-

कोई

धनि

-

धन्य

आखर

-

अक्षर

जिय

-

जी

थोरे

-

थोड़े

होय

-

होना

माखन

-

मक्खन

तरवारि

-

तलवार

सींचिबो

-

सींचना

मूलहिं

-

मूल को

पिअत

-

पीना

पिआसो

-

प्यासा

बिगरी

-

बिगड़ी

आवे

-

आए

सहाय

-

सहायक

ऊबरै

-

उबरना

बिनु

-

बिना

बिथा

-

व्यथा

अठिलैहैं

-

हँसी उड़ाना

परिजाए

-

पड़ जाए

प्रश्न अभ्यास Page Number 81