NCERT Solutions for Chapter 6 प्रेमचंद के फटे जूते Class 9 Kshitiz
Book Solutions1
हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्द चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?
Answer
प्रेमचंद के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ-
1. प्रेमचंद गांधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे।
2. प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहे।
3. प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे।
4. प्रेमचंद को समझौता करना मंजूर न था।
1. प्रेमचंद गांधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे।
2. प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहे।
3. प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे।
4. प्रेमचंद को समझौता करना मंजूर न था।
5. वे हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करते थे।
प्रश्न अभ्यास
Page Number 65
2
सही कथन के सामने (✓) का निशान लगाइए -
क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।
ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।
ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है।
घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अँगूठे से इशारा करते हो?
Answer
ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (✓)
प्रश्न अभ्यास
Page Number 65
3(क)
नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।
Answer
यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज़्जत का महत्व सम्पत्ति से अधिक है। परन्तु आज की परिस्थिति में इज़्जत को समाज के समृद्ध एवं प्रतिष्ठित लोगों के सामने झुकना पड़ता है।
प्रश्न अभ्यास
Page Number 65
3(ख)
नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
तुम परदे का महत्व नहीं जानते, हम पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं।
Answer
यहाँ परदे का सम्बन्ध इज़्जत से है। जहाँ कुछ लोग इज़्ज़त को अपना सर्वस्व मानते हैं तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए इज़्ज़त महत्वहीन है।
प्रश्न अभ्यास
Page Number 65
3(ग)
नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?
Answer
प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को इस लायक नहीं समझते थे कि उनके लिए अपने हाथ का प्रयोग करके हाथ के महत्व को कम करें बल्कि ऐसे गलत व्यक्ति या वस्तु को पैर से सम्बोधित करना ही उसके महत्व के अनुसार उचित है।
प्रश्न अभ्यास
Page Number 65
4
पाठ में एक जगह लेखक सोचता है कि 'फोटो खिंचाने कि अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी ?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी,।' आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?
Answer
लोग प्रायः ऐसा करते हैं कि दैनिक जीवन में साधारण कपड़ों का प्रयोग करते हैं और विशेष अवसरों पर अच्छे कपड़ों का। लेखक ने पहले सोचा प्रेमचंद खास मौके पर इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे। परन्तु फिर लेखक को लगा कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिलकुल भिन्न हैं क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं।
प्रश्न अभ्यास
Page Number 65
5
आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन-सी बात आकर्षित करती है?
Answer
लेखक एक स्पष्ट वक्ता है। यहाँ बात को व्यंग के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। प्रेमचंद के व्यक्तित्व की विशेषताओं को व्यक्त करने के लिए जिन उदाहरणों का प्रयोग किया गया है, वे व्यंग को और भी आकर्षक बनाते हैं। कड़वी से कड़वी बातों को अत्यंत सरलता से व्यक्त किया है। यहाँ अप्रत्यक्ष रुप से समाज के दोषों पर व्यंग किया गया है।
प्रश्न अभ्यास
Page Number 65
6
पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग किन संदर्भो को इंगित करने के लिए किया गया होगा?
Answer
टीला रस्ते की रुकावट का प्रतीक है। इस पाठ में टीला शब्द सामाजिक कुरीतियों, अन्याय तथा भेदभाव को दर्शाता है क्योंकि यह मानव के सामजिक विकास में बाधाएँ उत्पन्न करता हैं।
प्रश्न अभ्यास
Page Number 65
8
आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है?
Answer
आज की दुनिया दिखावे के प्रति जयादा जागरूक है। अगर समाज में अपनी शान बनाए रखनी है तो महँगे से महँगे कपड़े पहनना आवश्यक हो गया है। यहाँ तक की व्यक्ति का मान-सम्मान और चरित्र भी वेश-भूषा पर अवलम्बित हो गया हैं। आज सादा जीवन जीने वालों को पिछड़ा समझा जाने लगा है।
रचना और अभिव्यक्ति
Page Number 65
9
पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
Answer
(1) अँगुली का इशारा - (कुछ बताने की कोशिश) मैं तुम्हारी अँगुली का इशारा खूब समझता हूँ।
(2) व्यंग्य-मुसकान - (मज़ाक उड़ाना) तुम अपनी व्यंग भरी मुस्कान से मेरी तरफ़ मत देखो।
(3) बाजू से निकलना - (कठिनाईयों का सामना न करना) इस कठिन परिस्थिति में तुमने मेरा साथ छोड़कर बाजू से निकलना सही समझा।
(4) रास्ते पर खड़ा होना - (बाधा पड़ना) तुम मेरी सफलता के रास्ते पर खड़े हो।
(2) व्यंग्य-मुसकान - (मज़ाक उड़ाना) तुम अपनी व्यंग भरी मुस्कान से मेरी तरफ़ मत देखो।
(3) बाजू से निकलना - (कठिनाईयों का सामना न करना) इस कठिन परिस्थिति में तुमने मेरा साथ छोड़कर बाजू से निकलना सही समझा।
(4) रास्ते पर खड़ा होना - (बाधा पड़ना) तुम मेरी सफलता के रास्ते पर खड़े हो।
भाषा अध्यन
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10
प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए।
Answer
इस पाठ में प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभरने के लिए निम्नलिखित विशेषणों का प्रयोग हुआ है-
महान कथाकार
उपन्यास सम्राट
महान कथाकार
उपन्यास सम्राट
जनता के लेखक
साहित्यिक पुरखे
साहित्यिक पुरखे
युग- प्रवर्तक।
भाषा अध्ययन
Page Number 66