NCERT Solutions for Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय Class 10 Science
Book Solutions1
Answer
पर्यावरण में किसी घटना की अनुक्रिया के फलस्वरूप अचानक हुई अनैच्छिक क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं| जबकि टहलना एक स्वैच्छिक क्रिया है जिसे हमारी सोच और नियंत्रण की आवश्यकता होती है|2
Answer
दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य एक रिक्त स्थान होता है, जिसे सिनेप्स (सिनेप्टिक दरार) कहते हैं| एक्सॉन के अंत में विद्युत् आवेग कुछ रसायनों का विमोचन कराता है| ये रसायन रिक्त स्थान या सिनेप्स (सिनेप्टिक दरार) को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी तरह का विद्युत् आवेग प्रारंभ करते हैं|3
Answer
पश्चमस्तिष्क में स्थित अनुमस्तिष्क द्वारा शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण होता है|4
Answer
जब अगरबत्ती की गंध हमारी नाक तक पहुँचती है तो हमारे नाक में मौजूद घ्राणग्राही इसका पता लगाकर विद्युत् आवेग के द्वारा अग्रमस्तिष्क को इसकी जानकारी भेजता है| अग्रमस्तिष्क मस्तिष्क का सोचने वाला भाग होता है और इसकी सहायता से हम अगरबत्ती की गंध का पता लगा सकते हैं|5
Answer
पर्यावरण में किसी घटना की अनुक्रिया के फलस्वरूप अचानक हुई अनैच्छिक क्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं| इस क्रिया में कोई ग्राही सूचना ग्रहण कर इसे अभिवाही तंत्रिका तंतु से होते हुए मेरुरज्जु में संयोजी तंत्रिका तंतु के माध्यम से प्रवाही अंग तक पहुँचाता है|6
Answer
पादप हॉर्मोन पौधों में वृद्धि, विकास तथा पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता करते हैं| जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है, एक हॉर्मोन जिसे ऑक्सिन कहते हैं, यह प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है|7
Answer
छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति वृद्धि से संबंधित न होकर पत्तियों की कोशिकाओं की स्फीति में परिवर्तन से होती है| पादप में गति करने के लिए कोशिकाएँ जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपनी आकृति बदल लेते हैं, जबकि प्रकाश की ओर गति वृद्धि से संबंधित है|8
Answer
पादप हॉर्मोन का उदाहरण ऑक्सिन है जो पादप कोशिकाओं की लंबाई की वृद्धि में सहायक होता है|9
Answer
जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है, एक हॉर्मोन जिसे ऑक्सिन कहते हैं, प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है| प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली दिशा में ऑक्सिन का सांद्रण कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि के लिए उद्दीप्त करता है|10
Answer
दो छोटे बीकर लें और उसे A और B के रूप में नामांकित करें| बीकर A को पानी से भरें| अब एक निष्पंदन पत्र से एक बेलनाकार रोल बनाएँ तथा उसे बीकर A तथा बीकर B के बीच रखें, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है| निष्पंदन पत्र के अंदर कुछ अंकुरित बीज जमा करें| अब पूरे ढाँचे को एक प्लास्टिक बर्तन से ढँक दें|निरीक्षण
अंकुरित बीज के जड़ें बीकर की ओर बढ़ेंगी|

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Answer
जंतुओं में रासायनिक समन्वय हॉर्मोन की सहायता से होता है| हार्मोन रासायनिक तरल पदार्थ होते हैं जो अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं। हार्मोन जानवरों के समग्र विकास और विकास को विनियमित करते हैं|12
Answer
अवटुग्रन्थि को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक है| थायरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के उपापचय का, हमारे शरीर में नियंत्रण करता है ताकि वृद्धि के लिए उत्कृष्ट अन्तुलन उपलब्ध कराया जा सके| थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए आयोडीन अनिवार्य है| यदि हमारे आहार में आयोडीन की कमी है तो संभावना है कि हम गायटर से ग्रसित हो सकते हैं| इसलिए आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है|13
Answer
एड्रीनलीन सीधा रुधिर में स्रावित हो जाता है और शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचा दिया जाता है| हृदय सहित यह लक्ष्य अंगों या विशिष्ट उत्तकों पर कार्य करता है| परिणामस्वरूप हृदय की धड़कन बढ़ जाती है ताकि हमारी पेशियों को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके|14
Answer
अग्न्याशय से इंसुलिन हॉर्मोन के उचित मात्रा में स्रावित न होने के कारण मधुमेह नामक बीमारी होती है| ऐसे व्यक्ति के रुधिर में शर्करा स्तर बढ़ जाता है| इंसुलिन रुधिर में मौजूद अतिरिक्त शर्करा को ग्लाइकोजन में परिवर्तित कर देता है| इसलिए मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर की जाती है|15
Answer
(d) साइटोकाइनिन16
Answer
(b) सिनेप्स17
Answer
(d) उपरोक्त सभी18
Answer
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20
Answer

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Answer
मेरुरज्जु आघात में तंत्रिकाओं तथा विभिन्न ग्राही से आने वाले संकेतों में व्यवधान उत्पन्न होगी| चूँकि ये दोनों संकेत मेरुरज्जु में मस्तिष्क को जाने वाले रास्ते में एक बंडल में मिलती है| इसलिए किसी भी मेरुरज्जु के आघात में दोनों संकेतों में बाधा पहुँचती है|22
Answer
पादपों में न तो तंत्रिका तंत्र होता है और न ही अन्तःस्रावी तंत्र| लेकिन विभिन्न रासायनिक पदार्थ एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक विसरित होते रहते हैं| पादप हॉर्मोन पौधों में वृद्धि, विकास तथा पर्यावरण के प्रति अनुक्रिया के समन्वय में सहायता करते हैं| जब वृद्धि करता पादप प्रकाश को संसूचित करता है, एक हॉर्मोन जिसे ऑक्सिन कहते हैं, यह प्ररोह के अग्रभाग में संश्लेषित होता है तथा कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि में सहायक होता है| प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली दिशा में ऑक्सिन का सांद्रण कोशिकाओं की लंबाई में वृद्धि के लिए उद्दीप्त करता है|23
Answer
जीवों में विभिन्न अंग होते हैं| जीवों के अस्तित्व के लिए इन अंगों को सावधानीपूर्वक नियंत्रित और समन्वित किया जाना आवश्यक है| जीवों के अंगों में विभिन्न अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित हॉर्मोन के द्वारा सूचनाओं के संचरण के साधन की तरह प्रयुक्त होते हैं| ये हॉर्मोन एक जीव के समग्र वृद्धि और विकास के लिए जिम्मेदार होते हैं| इसके अतिरिक्त जीवों में नियंत्रण तथा समन्वय तंत्रिका तथा पेशी उत्तकों द्वारा किया जाता है| आकस्मिक परिस्थिति में गर्म पदार्थ को छूना तथा सभी सूचनाओं को मस्तिष्क तक पहुँचाना जीवों में नियंत्रण एवं समन्वय द्वारा ही संभव है|24
Answer
अनैच्छिक क्रियाएँ वे हैं जिस पर हमारे सोचने का कोई नियंत्रण नहीं है तथा ये अग्र तथा पश्चमस्तिष्क से नियंत्रित होती हैं| जबकि प्रतिवर्ती क्रियाएँ किसी घटना की अनुक्रिया के फलस्वरूप अचानक हुई क्रिया को कहते हैं| ये क्रियाएँ मुख्यतः मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होते हैं|25
Answer
तंत्रिका तंत्र क्रियाविधि | हॉर्मोन क्रियाविधि |
यह मस्तिष्क से संवेदी सूचनाओं को प्राप्त कर अपना संदेश भेजता है तथा नियंत्रण करता है| | जंतु हॉर्मोन अंतःस्रावी ग्रंथियों का भाग हैं जो हमारे शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय का दूसरा मार्ग है| |
यह एक्सॉन के अंत में विद्युत् आवेग का परिणाम है, जो रसायनों का विमोचन कराता है| | इसमें सूचनाओं का संचारण रुधिर के माध्यम से किया जाता है| |
सूचनाओं का तेजी से प्रवाह होता है तथा प्रतिक्रिया तुरंत होता है| | सूचनाओं का संचारण धीमी गति से होता है तथा प्रतिक्रिया भी धीरे-धीरे होता है| |
तंत्रिका तंत्र में सूचनाओं को विद्युत् आवेग के द्वारा शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक संवहन में विशिष्टीकृत है| | प्रत्येक हार्मोन की विशिष्ट क्रियाएँ होती हैं| |
इसका प्रभाव कम समय तक बना रहता है| | इसका लंबे समय तक प्रभाव बना रहता है| |
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Answer
छुई-मुई पादप में गति | हमारी टाँग में होने वाली गति |
एक छुई-मुई पादप में गति उद्दीपन (स्पर्श) की प्रतिक्रिया है, जो एक अनैच्छिक क्रिया है| | हमारी टाँग में होने वाली गति एक स्वैच्छिक क्रिया है| |
पत्तियों के आकार में भी परिवर्तन होता है| | हमारी टाँगों के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता| |
पादप की कोशिकाओं में गति के लिए कोई विशेष प्रोटीन नहीं होता| | जन्तु कोशिकाओं में गति के लिए विशेष प्रोटीन होता है जो कि मांसपेशियों के सिकुड़ने में सहायता करते हैं| |