NCERT Solutions for Ch 5 नहीं होना बीमार Class 7 Hindi
Book Solutions1
1. बच्चे के विद्यालय न जाने का मुख्य कारण क्या था?
• उसका विद्यालय जाने का मन नहीं था।
• उसने गृहकार्य नहीं किया था।
• उसका साबुदाने की खीर खाने का मन था।
• उसे बुखार हो गया था।
2. कहानी के अंत में बच्चे ने कहा, “इसके बाद स्कूल से छुट्टी मारने के लिए मैंने बीमारी का बहाना कभी नहीं बनाया।” बच्चे ने यह निर्णय लिया क्योंकि—
• घर में रहने के बजाय विद्यालय जाना अधिक रोचक है।
• बीमारी का बहाना बनाने से साबूदाने की खीर नहीं मिलती।
• झूठ बोलने से झूठ के खुलने का डर हमेशा बना रहता है।
• इस बहाने के कारण उसे दिनभर अकेले और भूखे रहना पड़ा।
3. “लेटे-लेटे पीठ दुखने लगी” इस बात से बच्चे के बारे में क्या पता चलता है?
• उसे बिस्तर पर लेटे रहने के कारण ऊब हो गई थी।
• उसे अपनी बीमारी की कोई चिंता नहीं रह गई थी।
• वह बिस्तर पर आराम करने का आनंद ले रहा था।
• बीमारी के कारण उसकी पीठ में दर्द हो रहा था।
4. “क्या ठाठ हैं बीमारों के भी!” बच्चे के मन में यह बात आई क्योंकि—
• बीमार व्यक्ति को बहुत आराम करने को मिलता है। (*)
• बीमार व्यक्ति को अच्छे खाने का आनंद मिलता है। (*)
• बीमार व्यक्ति को विद्यालय नहीं जाना पड़ता है। (*)
• बीमार व्यक्ति अस्पताल में शांति से लेटा रहता है।
Answer
1. उसका विद्यालय जाने का मन नहीं था। (*)उसने गृहकार्य नहीं किया था। (*)
विश्लेषण: बच्चे ने स्कूल न जाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उसका मन स्कूल जाने का नहीं था और उसने होमवर्क भी नहीं किया था। वह बीमारी का बहाना बनाकर घर पर रहना चाहता था। साबुदाने की खीर और बुखार का कोई वास्तविक कारण नहीं था।
2. इस बहाने के कारण उसे दिनभर अकेले और भूखे रहना पड़ा। (*)
विश्लेषण: बच्चे को दिनभर भूखे और अकेले रहने का अनुभव हुआ, जिससे उसे स्कूल न जाने का पछतावा हुआ।
3. उसे बिस्तर पर लेटे रहने के कारण ऊब हो गई थी। (*)
विश्लेषण: बच्चा बीमारी का बहाना बनाकर लेटा था, लेकिन लंबे समय तक लेटे रहने से उसे ऊब और असुविधा हुई, जिससे उसकी पीठ में दर्द शुरू हो गया। यह दर्द बीमारी के कारण नहीं, बल्कि ऊब और निष्क्रियता के कारण था।
4. बीमार व्यक्ति को बहुत आराम करने को मिलता है।,
बीमार व्यक्ति को अच्छे खाने का आनंद मिलता है।,
बीमार व्यक्ति को विद्यालय नहीं जाना पड़ता है।
विश्लेषण: बच्चे ने सुधाकर काका को अस्पताल में साफ-सुथरे बिस्तर पर लेटे और साबुदाने की खीर खाते देखा। इससे उसे लगा कि बीमार होने में आराम, अच्छा खाना, और स्कूल न जाने की छुट्टी जैसे “ठाठ” हैं।
2
Answer
अपने मित्रों के साथ चर्चा करते समय मैंने ये उत्तर इसलिए चुने क्योंकि वे कहानी के घटनाक्रम और बच्चे की सोच से मेल खाते हैं। उदाहरण के लिए, बच्चे ने होमवर्क न करने और स्कूल न जाने की इच्छा के कारण बीमारी का बहाना बनाया, जो कहानी में स्पष्ट है। साथ ही, दिनभर भूखे और अकेले रहने के अनुभव ने उसे यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया कि वह फिर कभी ऐसा बहाना नहीं बनाएगा। मित्रों के अलग-अलग उत्तर हो सकते हैं, लेकिन कहानी के आधार पर सही उत्तर चुनना महत्वपूर्ण है।3

Answer
नीचे दिए गए शब्दों को उनके सही अर्थों से मिलाया गया है:
4
(क) “मैंने सोचा बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिलकुल ठीक रहेगा। चलो बीमार पड़ जाते हैं।”
Answer
इस पंक्ति में बच्चे की नटखट और बचकानी सोच झलकती है। वह स्कूल जाने से बचने और होमवर्क न करने की सजा से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाने का फैसला करता है। यह दिखाता है कि बच्चा सोचता है कि बीमार होने से उसे आराम और अच्छा खाना (जैसे साबुदाने की खीर) मिलेगा।मेरे विचार: यह पंक्ति मुझे बहुत रोचक लगी क्योंकि यह बच्चों की मासूम और शरारती सोच को दिखाती है। बच्चा बिना परिणाम सोचे जल्दबाजी में फैसला लेता है, जो बाद में उसे परेशानी में डाल देता है।
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Answer
इस पंक्ति में बच्चे का गुस्सा, निराशा और भूख के कारण तंज भरा लहजा दिखता है। वह सोचता है कि नानीजी और नानाजी ने उसकी भूख की परवाह नहीं की और उसे भूखा रखा। वह मजाक में कहता है कि वह तो बस साबुदाने की खीर माँगता, कोई बड़ी चीज (जैसे ताजमहल) नहीं। वह नानाजी के “विकार निकल जाएँगे” वाले तर्क पर नाराज है, क्योंकि उसे लगता है कि इस चक्कर में वह खुद भूख से परेशान हो गया।मेरे विचार: यह पंक्ति बहुत हास्यपूर्ण और भावुक है। बच्चे का गुस्सा और उसका अतिशयोक्ति भरा लहजा (ताजमहल की तुलना) पढ़कर हंसी आती है। साथ ही, यह दिखाता है कि बच्चा अपनी गलती के परिणाम को समझने लगा है।
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(क) अस्पताल में बच्चे को कौन-कौन सी चीजें अच्छी लगीं और क्यों?
Answer
• बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ और हरे-हरे पेड़: बच्चे को खिड़कियों के पास हरे पेड़ झूमते हुए अच्छे लगे क्योंकि वे सुंदर और शांतिपूर्ण थे।
• शांति और साफ-सफाई: अस्पताल में ट्रैफिक का शोर, धूल, या मच्छर-मक्खियाँ नहीं थीं, जो बच्चे को बहुत अच्छा लगा। केवल लोगों की धीमी-धीमी बातचीत की आवाज थी, जिससे माहौल शांत और सुखद था।
• साफ-सुथरे बिस्तर: बच्चे को साफ चादरों और लाल कंबल वाले बिस्तर अच्छे लगे क्योंकि वे आरामदायक और सुंदर थे।
• चमकता हुआ फर्श और हरे परदे: ये चीजें अस्पताल को और आकर्षक बनाती थीं, जिससे बच्चे को माहौल बहुत पसंद आया।
क्यों अच्छा लगा?
ये चीजें बच्चे को इसलिए अच्छी लगीं क्योंकि वह पहली बार अस्पताल गया था, और वहाँ का शांत, साफ, और सुंदर माहौल उसके रोजमर्रा के शोर-शराबे वाले माहौल से अलग था।
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Answer
हाँ, बच्चे का यह निर्णय सही था। क्योंकि:
1. अस्पताल का अनुभव: अस्पताल में जाकर बच्चे को समझ में आया कि बीमार होना कोई मज़े की बात नहीं होती।
2. बीमार होने की तकलीफ: उसे यह भी महसूस हुआ कि डॉक्टर की सुई, दवाइयाँ और टेस्ट कराना आसान नहीं होता।
3. स्कूल की अहमियत: उसने समझा कि स्कूल जाना और वहाँ पढ़ना, खेलना और दोस्तों के साथ समय बिताना कहीं ज़्यादा अच्छा और सुखद है।
4. गलती का अहसास: उसे अपनी गलती का एहसास हुआ कि उसने झूठ बोलकर स्कूल से छुट्टी लेने की कोशिश की।
इसलिए, बच्चे ने जो सीखा और जो निर्णय लिया, वह बिल्कुल सही और समझदारी भरा था।
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(संकेत — मन में उत्पन्न होने वाले विकार या विचार को भाव कहते हैं, उदाहरण के लिए — क्रोध, दुख, भय, करुणा, प्रेम आदि)

Answer
• उम्मीद: शुरू में बच्चा यह सोचकर खुश था कि उसे साबुदाने की खीर मिलेगी और आराम करने को मिलेगा।• ऊब: लंबे समय तक बिस्तर पर लेटे रहने से उसकी पीठ दुखने लगी और वह ऊब गया।
• भूख: बच्चे को भूख लगी, और वह खाने की चीजों (जैसे कचौड़ी, बर्फी, गोलगप्पे) के बारे में सोचने लगा।
• निराशा: जब उसे खाना नहीं मिला और परिवार वालों ने उसकी परवाह नहीं की, तो वह निराश हुआ।
• गुस्सा: मुनु को आम खाते देखकर और परिवार के खाना खाने की आवाज सुनकर उसे गुस्सा और जलन हुई।
• पछतावा: अंत में उसे अपनी गलती पर पछतावा हुआ, और उसने स्कूल न जाने के फैसले को गलत माना।
9
Answer
समानताएँ:
• बीमार होने पर व्यक्ति को बिस्तर पर आराम करने और स्कूल या काम से छुट्टी मिलती है, जैसा बच्चा सोचता है।
• बीमार व्यक्ति को हल्का और पौष्टिक खाना (जैसे साबुदाने की खीर) दिया जाता है, जैसा बच्चे ने देखा।
अंतर:
• बच्चे की सोच: बच्चा सोचता है कि बीमारी में सिर्फ आराम और अच्छा खाना मिलता है, और यह मजेदार है।
वास्तविकता: असल में बीमारी में दर्द, कमजोरी, और असुविधा होती है। दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं, और खाना सीमित होता है।
• बच्चे की सोच: बच्चे को लगता है कि बीमारी में सब उसका ध्यान रखेंगे।
वास्तविकता: बीमार व्यक्ति को कई बार अकेलापन और परेशानी महसूस होती है, जैसा बच्चे को बाद में हुआ।
• बच्चे की सोच: बच्चे को बीमारी एक खेल जैसी लगती है।
वास्तविकता: बीमारी गंभीर हो सकती है और ठीक होने में समय लगता है।
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(संकेत — उसका दिन कैसे बदल जाता? उसकी सोच और अनुभव कैसे होते?)
Answer
• बच्चा नानाजी और नानीजी को बता देता कि उसने बीमारी का बहाना बनाया था ताकि स्कूल न जाना पड़े।
• नानाजी और नानीजी शुरू में नाराज हो सकते थे, लेकिन बच्चे की ईमानदारी देखकर उसे माफ कर देते।
• वे बच्चे को समझाते कि झूठ बोलना गलत है और होमवर्क समय पर करना चाहिए।
• बच्चे को हल्का खाना (जैसे साबुदाने की खीर या फल) मिल जाता, और वह खुश हो जाता।
• बच्चा स्कूल न जाने के बजाय अगले दिन स्कूल जाता और अपने दोस्तों से होमवर्क की नोटबुक माँगकर काम पूरा करता।
• उसका दिन भूखे और अकेले रहने के बजाय खुशी और सीख से भरा होता।
बदलाव: बच्चे की सोच में बदलाव आता, और वह झूठ बोलने के बजाय ईमानदारी को महत्व देने लगता। उसका अनुभव सकारात्मक और प्रेरणादायक होता।
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(संकेत — इस सवाल में आपको नानीजी की जगह लेकर सोचना है और एक मनोरंजक योजना बनानी है जिससे बच्चा आपको स्वयं सारी बातें बता दे।)
Answer
• मैं बच्चे के पास जाऊँगा और प्यार से पूछूँगा, “बेटा, तुम्हें सचमुच बुखार है या कुछ और बात है? तुम मुझे सब सच बता सकते हो, मैं नाराज़ नहीं होऊँगा।”
• मैं बच्चे को बताऊँगा कि स्कूल में आज कुछ मज़ेदार हुआ, जैसे “आज रिसेस में सभी बच्चे नमक-मिर्च वाले अमरूद खा रहे थे।” इससे बच्चे को स्कूल न जाने का पछतावा होगा।
• मैं रसोई से साबुदाने की खीर की खुशबू आने का ज़िक्र करूँगा, जैसे “मैं खीर बना रही हूँ, जो बीमार नहीं है, उसे भी मिल सकती है, बशर्ते वह सच बोले।”
• मैं बच्चे को कहानी सुनाऊँगा कि कैसे मैंने बचपन में एक बार झूठ बोला था और बाद में सच बोलकर अच्छा महसूस किया।
• इससे बच्चा प्रेरित होकर सच बोल देगा, और मैं उसे गले लगाकर उसकी ईमानदारी की तारीफ करूँगा।
योजना का उद्देश्य: बच्चे को डराने के बजाय प्यार और प्रोत्साहन से सच बोलने के लिए प्रेरित करना।
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Answer
मैं घर में अकेले रहते हुए ऊब से बचने के लिए
• किताब पढ़ना: मैं अपनी पसंदीदा कहानी की किताब या कॉमिक्स पढ़ूँगा।
• चित्र बनाना: कागज और रंगों से अस्पताल या अपनी गली का चित्र बनाऊँगा।
• खेल खेलना: अकेले ही कागज पर टिक-टैक-टो या पहेलियाँ सुलझाऊँगा।
• सपने देखना: कल्पना करूँगा कि मैं एक सुपरहीरो हूँ और रोमांचक साहसिक यात्रा पर हूँ।
• घर की खोज: घर में पुरानी चीजें (जैसे खिलौने या फोटो) ढूँढूँगा और उनकी कहानियाँ याद करूँगा।
• हल्का व्यायाम: बिस्तर पर ही हल्की स्ट्रेचिंग या नाचने की कोशिश करूँगा।
• रेडियो सुनना: अगर रेडियो हो, तो गाने या कहानियाँ सुनूँगा।
उद्देश्य: ये गतिविधियाँ मुझे व्यस्त और खुश रखेंगी, और ऊब से बचने में मदद करेंगी।
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Answer
अगर बच्चा स्कूल जाता:
• बच्चा सुबह जल्दी उठता, नहाता, और नाश्ता करके स्कूल के लिए तैयार होता।
• स्कूल में अपने दोस्तों के साथ मस्ती करता और कक्षा में शिक्षक की बातें ध्यान से सुनता।
• होमवर्क न करने की सजा से बचने के लिए शिक्षक से माफी माँगता और अगले दिन होमवर्क पूरा करने का वादा करता।
• रिसेस में ठेले पर नमक-मिर्च वाले अमरूद खाता और दोस्तों के साथ खेलता।
• दिन खुशी और सीख से भरा होता, और बच्चा घर लौटकर नानीजी को स्कूल की बातें बताता।
अगले दिन स्कूल में:
• बच्चा समय पर होमवर्क पूरा करके स्कूल जाता।
• अपने दोस्तों से नोटबुक माँगकर छूटी हुई पढ़ाई पूरी करता।
• शिक्षक को होमवर्क दिखाता और उनकी तारीफ पाता।
• रिसेस में दोस्तों के साथ गोलगप्पे या चाट खाता और खेल के मैदान में दौड़ लगाता।
• घर लौटकर नानाजी और नानीजी को स्कूल के मजे की बातें बताता और कहता कि वह अब कभी झूठ नहीं बोलेगा।
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Answer
• मैं बच्चे का माथा छूकर और नब्ज देखकर उसकी हालत जाँचता।
• बच्चे को थर्मामीटर से बुखार नापने की कोशिश करता, और अगर बुखार न हो तो हल्का खाना (जैसे फल या दूध) देता।
• बच्चे से प्यार से पूछता कि क्या वह सचमुच बीमार है या स्कूल जाने से डर रहा है।
• बच्चे को कहानी सुनाकर या खेल खेलकर उसका मन बहलाता ताकि वह ऊब न जाए।
• बच्चे को समझाता कि होमवर्क न करने की सजा से डरने की बजाय शिक्षक से माफी माँगना बेहतर है।
• अगर बच्चा सच बोलता, तो उसे साबुदाने की खीर बनाकर खिलाता और उसकी ईमानदारी की तारीफ करता।
• बच्चे को अगले दिन स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करता और होमवर्क पूरा करने में मदद करता।
उद्देश्य: बच्चे को सजा देने के बजाय प्यार और समझदारी से उसकी गलती सुधारना।
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“अस्पताल का माहौल मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। बड़ी-बड़ी खिड़कियों के पास हरे-हरे पेड़ झूम रहे थे। न ट्रैफिक का शोरगुल, न धूल, न मच्छर-मक्खी…! सिर्फ लोगों के धीरे-धीरे बातचीत करने की धीमी-धीमी गुनगुनाहट। बाकी एकदम शांति।”
इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों में ऐसा लग रहा है मानो हमारी आँखों के सामने अस्पताल का चित्र-सा बन गया हो। लेखन में इसे ‘चित्रात्मक भाषा’ कहते हैं। अनेक लेखक अपनी रचना को रोचक और सरस बनाने के लिए उपयुक्त शब्दों एवं अनेक वस्तुओं, कार्यों, स्थानों आदि का विस्तार से वर्णन करते हैं।
लेखक ने इस कहानी को सरस और रोचक बनाने के लिए और भी अनेक तकनीकों का उपयोग किया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने कहानी में ‘बच्चे द्वारा कल्पना करना’ का भी प्रयोग किया है (जब वह घर में अकेले लेटे-लेटे घर और बाहर के लोगों के बारे में सोच रहा था)। इस कहानी में ऐसी कई विशेषताएँ छिपी हैं।
(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने समूह में मिलकर इस पाठ की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
Answer
• बीमार व्यक्ति की देखभाल हेतु समय निकालना, मिलने जाते समय कुछ पसंदीदा व उपयुक्त चीज़ ले जाना — ये संबंधी प्रसंग बच्चों के लिए प्रेरणादायी हैं।• पाठ को पढ़कर अस्पताल के शांत, स्वच्छ वातावरण और वहाँ के कर्मचारियों के प्रति एक सकारात्मक छवि उभरती है।
•छोटे बच्चों के भोले विचारों का मनोविज्ञान जानकर मन में हास्य का भाव आता है, जब बच्चा बीमारी से होने वाले कष्टों को न समझकर केवल साबूदाने की खीर खाने की इच्छा के कारण स्वयं बीमार होने की कामना करता है।
उदाहरण – “क्या ठाठ हैं बीमारी के भी। मैंने सोचा, ठाठ से साफ-सुथरे बिस्तर पर लेटे रहो और साबूदाने की खीर खाते रहो। काश! सुधाकर काका की जगह मैं होता! मैं कब बीमार पड़ूँगा?”
• पहली बार अस्पताल जाने पर वहाँ के दृश्य देखकर सहज कौतूहल उत्पन्न होना, अनेक प्रश्नों का मन में उठना — ये स्वाभाविक दृश्य कहानी की गत्यात्मकता बनाए रखते हैं।
• बाल-सुलभ चंचलता युक्त कहानी के दृश्य एवं गतिविधियाँ अत्यंत रोचक और विशिष्ट हैं।
• बच्चे की उलझनें — जबरदस्ती लेटने का बंधन, स्कूल की दिनचर्या की याद, अपने बहाने पर पछतावा आदि — कहानी के रोचक तथ्य हैं।
• बच्चे का झुँझलाहट भरा कथन उसकी मानसिक स्थिति और घर के वातावरण को चित्रित करने में सहायक है, जैसे – “वे खाना खा रहे हैं। चबाने की आवाजें आ रही हैं। देखो! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा? पूछते तो मैं साबूदाने की खीर ही तो माँगता। कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता। लेकिन नहीं। भूखे रहो!! इससे सारे विकार निकल जाएँगे।”
• सहज, सरल भाषा-शैली युक्त संपूर्ण कहानी बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें एक सबक भी देती प्रतीत होती है।
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Answer

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(क) बच्चे के सामने क्या समस्या थी? उसने उस समस्या का क्या समाधान निकाला?
Answer
• समस्या: बच्चे ने होमवर्क नहीं किया था और उसे स्कूल में सजा मिलने का डर था। साथ ही, उसका स्कूल जाने का मन नहीं था।• समाधान: बच्चे ने बीमारी का बहाना बनाकर स्कूल न जाने का फैसला किया। उसने रजाई में लेटे रहकर बीमार होने का नाटक किया।
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Answer
• समस्याःनानीजी-नानाजी को संदेह था कि बच्चा वास्तव में बीमार नहीं है लेकिन वह झूठ बोलकर बीमारी का ढोंग कर रहा है।• समाधानःउन्होंने बच्चे को दवाई और काढ़ा देकर उसकी बीमारी का इलाज किया, लेकिन खाना नहीं दिया और उसे आराम करने को कहकर छोड़ दिया ताकि बच्चा झूठ बोलने के परिणाम को खुद समझे।
19

Answer

20
(क) कहानी में सर्दी के मौसम की घटनाएँ बताई गई हैं।
Answer
वाक्य:• “मैं रजाई से निकला ही नहीं।”
• “मैं रजाई में पड़ा-पड़ा घर में चल रही गतिविधियों का अनुमान लगाता रहा।”
21
Answer
वाक्य:• “इसके बाद स्कूल से छुट्टी मारने के लिए मैंने बीमारी का बहाना कभी नहीं बनाया।”
• “क्या मूसीबत है। पड़े रहो। आखिर कब तक कोई पड़ा रह सकता है?”
22
Answer
वाक्य:• “गरमागरम खस्ता कचौड़ी... माव की बर्फी... बेसन की चक्की... गोलगप्पे। और सबसे ऊपर साबुदाने की खीर।”
• “अरहर की दाल में हींग-जीरे का बघार और ऊपर से बारीक कटा हरा धनिया और आधा चम्मच देसी घी।”
23
Answer
वाक्य:• “कितना मज़ा आता जब रिसेस में ठेले पर जाकर नमक-मिर्च लगे अमरूद खाते कटक-कटक।”
• “सारे बच्चे हल्ला मचाते हुए आँगन में खेल रहे होंगे और मैं बिस्तर में पड़ा इख मार रहा हूँगा।”
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Answer
हाँ, कहानी का नाम “नहीं होना बीमार” उपयुक्त है।कारण:
• कहानी का मुख्य पाठ यह है कि बीमारी का बहाना बनाना गलत है, क्योंकि इससे परेशानी ही होती है।
• बच्चे को बीमारी का बहाना बनाने के बाद भूख, अकेलापन, और पछतावा झेलना पड़ता है, जिससे वह कहता है कि वह फिर कभी ऐसा नहीं करेगा।
• शीर्षक कहानी के संदेश को स्पष्ट करता है कि बीमार होने या बहाना बनाने से बचना चाहिए।
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Answer
• नाम: “झूठ का सबक”• कारण: यह नाम कहानी के मुख्य संदेश को दर्शाता है कि झूठ बोलने से नुकसान होता है और इससे बच्चे को सबक मिलता है। बच्चे ने बीमारी का झूठ बोला, लेकिन अंत में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने सच बोलने का फैसला किया।
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कहानी में से चुनकर कुछ संवाद नीचे दिए गए हैं। आपको इन्हें अभिनय के साथ बोलकर दिखाना है। प्रत्येक समूह से बारी-बारी से छात्र/छात्राएँ कक्षा में सामने आएँगे और एक संवाद अभिनय के साथ बोलकर दिखाएँगे—
1. “बुखार आ गया।” मैंने कराहते हुए कहा।
2. “आपको पता नहीं चल रहा। थर्मामीटर लगाकर देखिए।” मैंने कहा।
3. “मेरे सिर में दर्द हो रहा है। पेट भी दुख रहा है और मुझे बुखार भी है।”
4. नानाजी आए। बोले, “अब कैसा है सिरदर्द?”
5. फिर नानाजी बोले, “आज इसे कुछ खाने को मत देना। आराम करने दो। शाम को देखेंगे।”
Answer
1.अभिनय: माथे पर हाथ रखकर, चेहरा उदास बनाकर, धीमी और दर्द भरी आवाज में बोलना।2. अभिनय: थोड़ा गुस्से और जलन के साथ, उंगली दिखाते हुए, जोर देकर बोलना।
3. अभिनय: रजाई में लेटे हुए, कमजोर और शिकायती आवाज में, चेहरा दर्द से भरा हुआ दिखाना।
4. अभिनय: गंभीर और चिंतित चेहरा, धीमी और देखभाल करने वाली आवाज में बोलना।
5. अभिनय: सख्त लेकिन प्यार भरी आवाज, बच्चे की ओर देखते हुए, गंभीर चेहरा बनाकर बोलना।
27
Answer
1. “क्या ठाठ हैं बीमारों के भी। मैंने सोचा... ठाठ से साफ-सुथरे बिस्तर पर लेटे रहो और साबुदाने की खीर खाते रहो!”(मुस्कान क्योंकि बच्चे की मासूम सोच बहुत मज़ेदार है।)
2. “पूछते तो मैं साबुदाने की खीर ही तो माँगता, कोई ताजमहल तो नहीं माँग लेता।”
(मुस्कान क्योंकि बच्चे का तंज और अतिशयोक्ति हास्यपूर्ण है।)
3. “मुनु एक बार भी मुझे देखने नहीं आया। आया भी होगा तो दबे पाँव आया होगा और मुझे सोता जान लौट गया होगा।”
(मुस्कान क्योंकि बच्चे की जलन और शिकायत भरी सोच मज़ेदार है।)
28
Answer
1. “गरमागरम खस्ता कचौड़ी... माव की बर्फी... बेसन की चक्की... गोलगप्पे। और सबसे ऊपर साबुदाने की खीर।”(मुँह में पानी क्योंकि इन स्वादिष्ट खानों का वर्णन बहुत ललचाने वाला है।)
2. “अरहर की दाल में हींग-जीरे का बघार और ऊपर से बारीक कटा हरा धनिया और आधा चम्मच देसी घी।”
(मुँह में पानी क्योंकि दाल की खुशबू और स्वाद का वर्णन बहुत आकर्षक है।)
3. “तली हुई हरी मिर्च।”
(मुँह में पानी क्योंकि तली मिर्च का ज़िक्र चटपटे स्वाद की याद दिलाता है।)
29
इस बात को कहानी में इस प्रकार विशेष रूप से लिखा गया है—
“दबे पाँव दरवाज़े तक गया और चुपके से झाँककर देखा।”
इस कहानी में अनेक स्थानों पर वाक्यों को विशेष ढंग से लिखा गया है। साधारण बातों को कुछ अलग तरह से लिखने से लेखन की सुंदरता बढ़ सकती है।
नीचे दिए गए वाक्यों को कहानी में कैसे लिखा गया है:
1. ऐसा लगा मानो हमें देखकर सुधाकर काका खुश हो गए।
2. खिड़कियाँ बहुत बड़ी थीं और उनके बाहर हरे पेड़ हवा से हिल रहे थे।
3. वहाँ केवल लोगों के फुसफुसाने की आवाजें आ रही थीं।
4. फुसफुसाने की आवाजों के सिवा वहाँ कोई आवाज नहीं थी।
5. बीमार लोगों के बहुत मजे होते हैं।
6. मैं झूठमूठ बीमार पड़ जाता हूँ ।
Answer
1. हमें देखकर सुधाकर काका जैसे खुश हो गए।2. बड़ी-बड़ी खिड़कियों के पास हरे-हरे पेड़ झूम रहे थे ।
3. सिर्फ लोगों के धीरे-धीरे बात करके की धीमी-धीमी गुनगुन ।
4. बाकी एकदम शांति ।
5. क्या ठाठ हैं बीमारों के भी।
6. मैंने सोचा बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिल्कुल ठीक रहेगा। चलो बीमार पड़ जाते हैं।
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इस बीच नानीजी भी आ गईं। ‘क्या हुआ?’, नानीजी ने पूछा।
पिछले प्रश्न पर दिए गए वाक्यों को ध्यान से देखिए। इन वाक्यों में आपको कुछ शब्दों से पहले या बाद में कुछ चिह्न दिखाई दे रहे हैं। इन्हें विराम चिह्न कहते हैं।
अपने समूह के साथ मिलकर नीचे दिए गए विराम चिह्नों को कहानी में ढूँढिए। ध्यानपूर्वक देखकर समझिए कि इनका प्रयोग वाक्यों में कहाँ-कहाँ किया जाता है। आपने जो पता किया, उसे नीचे लिखिए—

आवश्यकता हो तो इस प्रश्न का उत्तर पता करने के लिए आप अपने परिजनों, शिक्षकों, पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं।
Answer
विराम चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है:
31
आपने कहानी में बच्चे के घर के साथ वाली गली के बारे में बहुत-सी बातें पढ़ी हैं। उन बातों और अपनी कल्पना के आधार पर उस गली का एक चित्र बनाईए।
Answer
बच्चे की गली का दृश्यात्मक विवरणः• एक संकरी, लेकिन साफ़-सुथरी गली
• एक ओर चंदभाई ड्राईक्लीनर की दुकान
• दूसरी ओर तेजराम की चाय की दुकान, जहाँ ग्राहक बैठे बातें कर रहे हैं
• महेश घी सेंटर से घी और मलाई की खुशबू आ रही है
• गली में खेलते हुए बच्चे, कहीं कंचे तो कहीं पिट्टू खेल रहे हैं
• ऊपर टेलीफोन के तारों पर चिड़ियाँ चहचहा रही हैं
• एक कोने में फलवाला ठेला, जिसमें अमरूद, आम, केले
• कुछ बच्चे आम चूसते हुए भाग रहे हैं
• गली में से साइकिल, रिक्शा, और पैदल चलने वाले लोग जा रहे हैं
• एक खिड़की से बच्चा चुपके से झाँक रहा है - कहानी का दृश्य

32
Answer
मेरी कक्षा बहुत सुंदर और जीवंत है। दीवारों पर रंग-बिरंगे चार्ट और बच्चों के बनाए चित्र लगे हैं। सामने बड़ा-सा ब्लैकबोर्ड है, जिस पर शिक्षक रंगीन चॉक्स से लिखते हैं। खिड़कियों से हल्की धूप और ताज़ी हवा आती है, जिससे माहौल तरोताज़ा रहता है। बेंच-डेस्क साफ-सुथरे हैं, और हर डेस्क पर किताबें और कॉपियाँ व्यवस्थित रहती हैं। कक्षा में बच्चों की हँसी और बातचीत की गुनगुन रहती है, लेकिन जब शिक्षक पढ़ाते हैं, तो सब शांत होकर ध्यान देते हैं। बाहर खिड़की से हरे पेड़ और खेल का मैदान दिखता है, जो मन को खुश करता है।33
Answer
हाँ, एक बार मैं घर पर अकेला था क्योंकि मम्मी-पापा को किसी काम से बाहर जाना पड़ा था।• कैसा लगा: शुरू में मुझे मज़ा आया क्योंकि मैं टीवी देख सकता था, लेकिन कुछ देर बाद मुझे अकेलापन और ऊब महसूस हुई।
• क्या किया: मैंने अपनी पसंदीदा कार्टून फिल्म देखी, फिर कुछ बिस्किट खाए। मैंने अपनी पुरानी कॉमिक्स पढ़ीं और कागज पर एक सुपरहीरो का चित्र बनाया। बाद में मैंने मम्मी को फोन करके बात की, जिससे मुझे अच्छा लगा।
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Answer
हाँ, एक बार मेरे दोस्त को स्कूल में ड्राइंग प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार मिला, और मुझे उससे थोड़ी ईर्ष्या हुई।• क्या किया: मैंने अपने दोस्त को बधाई दी और उससे पूछा कि उसने इतना अच्छा चित्र कैसे बनाया। उसने मुझे कुछ टिप्स दिए। मैंने घर जाकर ड्राइंग की प्रैक्टिस की और अगली बार बेहतर करने की कोशिश की। इससे मेरी ईर्ष्या खुशी में बदल गई, और मैंने अपने दोस्त से कुछ नया सीखा।
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हाँ, एक बार मैंने मम्मी से कहा कि मेरा गला खराब है ताकि मुझे ट्यूशन न जाना पड़े।• भाव: मुझे डर था कि मम्मी को पता चल जाएगा। साथ ही, थोड़ा मज़ा भी आ रहा था कि मैं घर पर रहकर टीवी देख सकूँगा। लेकिन बाद में मुझे थोड़ा अपराधबोध हुआ।
• अनुभव: शुरू में अच्छा लगा, लेकिन जब मम्मी ने मुझे दवा दी और आराम करने को कहा, तो मैं ऊब गया और पछतावा हुआ कि मैंने झूठ बोला।
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बहानों की सूची1. “मुझे बुखार है।” (स्कूल या ट्यूशन से बचने के लिए)
2. “मेरा होमवर्क कॉपी घर पर भूल गया।” (होमवर्क न करने पर)
3. “मुझे पेट में दर्द है।” (खेल या काम से बचने के लिए)
4. “बस छूट गई।” (देर होने पर)
5. “मेरा फोन खराब हो गया।” (कॉल न करने पर)
6. “मुझे नींद आ रही है।” (पढ़ाई से बचने के लिए)
7. “मुझे कुछ याद नहीं।” (परीक्षा में जवाब न जानने पर)
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बहाने अक्सर तब बनाए जाते हैं जब हम कोई काम नहीं करना चाहते, जैसे स्कूल न जाना, होमवर्क न करना या ज़िम्मेदारी से बचना। यह आलस्य, डर या मन न लगने के कारण हो सकता है।बहाने न बनाने पड़ें, इसके लिए हम ये कर सकते हैं:
• समय पर सभी काम पूरे करें।
• ईमानदारी और जिम्मेदारी से व्यवहार करें।
• अपने मन की बात घरवालों और शिक्षकों से खुलकर कहें।
• पढ़ाई और अन्य ज़िम्मेदारियों को बोझ नहीं, अवसर की तरह देखें
• अगर कोई परेशानी हो, तो उससे भागने की बजाय समाधान ढूंढें।
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कहानी में बच्चे ने अनेक प्रकार के अनुमान लगाए हैं। क्या आपने कभी किसी अनदेखे व्यक्ति/वस्तु/घटना/पक्षी/स्थान आदि के विषय में अनुमान लगाए हैं? किसके बारे में? क्या? कब? विस्तार से बताइए।
(संकेत — जैसे पेड़ से आने वाली आवाज़ सुनकर किसी प्राणी का अनुमान लगाना; कहीं दूर रहने वाले किसी संबंधी/रिश्तेदार के विषय में सुनकर उसके संबंध में अनुमान लगाना।)
Answer
हाँ, एक बार मैं पार्क में पेड़ से अजीब सी आवाज़ सुन रहा था।• कब: पिछले साल गर्मियों की छुट्टियों में।
• क्या अनुमान लगाया: मुझे लगा कि शायद कोई पक्षी या गिलहरी है जो अपनी टहनियों में छिपी है। मैंने यह भी सोचा कि शायद कोई बड़ा पक्षी, जैसे कोयल या तोता, गाना गा रहा है।
• वास्तव में क्या था: जब मैंने ध्यान से देखा, तो वह एक छोटी सी गिलहरी थी जो पेड़ की छाल को कुतर रही थी।
• अनुभव: मुझे बहुत मज़ा आया क्योंकि यह एक छोटा सा रहस्य सुलझाने जैसा था। मैंने गिलहरी को थोड़ी देर देखा और उसकी तेज़ चाल देखकर हँसी आई।
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कहानी में बच्चे के घर पर थर्मामीटर (तापमापी) खोजने पर वह मिल नहीं पाता। आमतौर पर हमारे घरों में कोई न कोई ऐसी वस्तु होती है जिसे खोजने पर भी वह नहीं मिलती, जिसे कोई माँगकर ले जाता है या हम जिसे किसी से माँगकर ले आते हैं। अपने घर को ध्यान में रखते हुए ऐसी वस्तुओं की सूची बनाईए—
आम तौर पर हमारे घरों में कोई न कोई ऐसी वस्तु होती है जो खोजने पर भी नहीं मिलती, जिसे कोई माँगकर ले जाता है, या हम जिसे किसी से माँगकर ले आते हैं। अपने घर को ध्यान में रखते हुए ऐसी वस्तुओं की सूची बनाएँ।

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• खिचड़ी: हल्की और पचने में आसान।• दाल का पानी: पौष्टिक और हल्का।
• फल: जैसे केला या सेब, जो ऊर्जा देते हैं।
• काढ़ा: जड़ी-बूटियों से बना, सर्दी-जुकाम के लिए।
• ग्लूकोज़ पानी: कमजोरी दूर करने के लिए।
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• पिज़्ज़ा: चीज़ और टॉपिंग्स की वजह से।• गोलगप्पे: खट्टा-मीठा स्वाद बहुत पसंद है।
• चॉकलेट केक: मीठा और नरम, हमेशा ललचाता है।
• आलू पराठा: मक्खन और अचार के साथ मज़ेदार।
• आम: रसदार और मीठा, गर्मियों में सबसे अच्छा।
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• हलवा: दीवाली या जन्मदिन पर।• खीर: पूजा या रक्षाबंधन पर।
• गुजिया: होली के त्योहार पर।
• लड्डू: गणेश चतुर्थी या शादी में।
• पंजीरी: जन्माष्टमी पर।
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क्या खाते-पीते हैं:• टिफिन में पराठा, सब्जी, या सैंडविच।
• कैंटीन में समोसा, चाट, या जूस।
• दोस्तों के साथ बिस्किट या चिप्स शेयर करते हैं।
• रुचिकर भोजन: कैंटीन का चटपटा समोसा, क्योंकि उसका मसालेदार स्वाद और कुरकुरापन बहुत पसंद है।
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मुझे याद है जब मैं 5 साल का था, और दादी ने मेरे जन्मदिन पर मेरे लिए खास चॉकलेट केक बनाया था।• क्यों खास: केक पर मेरे नाम की सजावट थी, और उसका स्वाद इतना मज़ेदार था कि मैंने दो बड़े टुकड़े खा लिए।
• क्या हुआ: दादी ने मुझे गले लगाया और कहा कि यह केक मेरे लिए प्यार से बनाया है।
• आज भी क्यों याद: वह पल मेरे लिए बहुत खुशी भरा था, और अब भी चॉकलेट केक खाने पर मुझे दादी की याद आती है।
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हाँ, मेरे साथ भी ऐसा कई बार हुआ है जब खाने की खुशबू ने मुझे रसोई की ओर खींच लिया है। एक बार माँ ने मेरे पसंदीदा आलू के पराठे बनाए थे। जैसे ही घी की खुशबू पूरे घर में फैली, मैं तुरंत रसोई में पहुँच गया कि पराठे कब मिलेंगे।मुझे सबसे ज़्यादा पसंद है:
• ताज़ा बने पूरी-आलू की सब्ज़ी की सुगंध
• पाव भाजी की खुशबू, जिसमें मक्खन की महक होती है
• गर्मा-गरम गुलाब जामुन या हलवे की मिठास भरी खुशबू
• ऐसी सुगंधें भूख को बढ़ा देती हैं और मन करता है कि खाना जल्दी परोसा जाए।
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