पानी रे पानी

NCERT Solutions for Ch 4 पानी रे पानी Class 7 Hindi

Book Solutions

1

() निम्नलिखित प्रश्नों का सही उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
(1) हमारा भूजल भंडार निम्नलिखित में से किससे समृद्ध होता है?
• नल सूख जाने से।
• पानी बरसने से।
• तालाब और झीलों से।
• बाढ़ आने से।
(2) निम्नलिखित में से कौन-सी बात जल-चक्र से संबंधित है?
• वर्षा जल का संग्रह करना।
• समुद्र से उठी भाप का बादल बनकर बरसना।
• नदियों का समुद्र में जाकर मिलना।
• बरसात में चारों ओर पानी ही पानी दिखाई देना।
(3) “इस बड़ी गलती की सजा अब हम सबको मिल रही है।यहाँ किस गलती की ओर संकेत किया गया है?
• जल-चक्र की अवधारणा को न समझना।
• आवश्यकता से अधिक पानी का उपयोग करना।
• तालाबों को कचरे से पाटकर समाप्त करना।
• भूजल भंडारण के विषय में विचार न करना। 

Answer

(1) पानी बरसने से।(*)
तालाब और झीलों से।(*)
विश्लेषण: भूजल भंडार वर्षा के पानी और तालाबों, झीलों जैसे जल स्रोतों से रिसकर समृद्ध होता है। नल सूखने या बाढ़ से भूजल भंडार पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता
(2) समुद्र से उठी भाप का बादल बनकर बरसना।(*)
नदियों का समुद्र में जाकर मिलना।(*)
विश्लेषण: जल-चक्र में समुद्र से भाप बनकर बादल बनना, वर्षा होना और नदियों का पानी वापस समुद्र में मिलना शामिल है। वर्षा जल संग्रहण जल-चक्र का हिस्सा नहीं, बल्कि मानवीय प्रयास है।
(3) तालाबों को कचरे से पाटकर समाप्त करना।(*)
भूजल भंडारण के विषय में विचार न करना।(*)
विश्लेषण: पाठ में स्पष्ट है कि तालाबों को कचरे से पाटकर मकान, बाजार आदि बनाने से भूजल भंडार कम हुआ, जिसके कारण सूखा और बाढ़ की समस्याएँ बढ़ीं।
मेरी समझ से

2

() अब अपने मित्रों के साथ संवाद कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

Answer

मैंने ऊपर दिए गए उत्तर इसलिए चुने क्योंकि:
• भूजल भंडार वर्षा और तालाबों, झीलों से रिसने वाले पानी से भरता है, जैसा कि पाठ में बताया गया है।
• जल-चक्र की प्रक्रिया में भाप से बादल बनना और नदियों का समुद्र में मिलना मुख्य हिस्सा है, जो प्रकृति का चक्र है।
• तालाबों को नष्ट करना पाठ में मुख्य गलती के रूप में बताया गया है, जिससे पानी की कमी और बाढ़ की समस्या बढ़ी।
मेरी समझ से

3

पाठ में से कुछ शब्द समूह या संदर्भ चुनकर स्तंभ 1 में दिए गए हैं और उनके अर्थ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर सही मिलान कीजिए।

Answer

मिलान करें

4

इस पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और अपने सहपाठियों से चर्चा कीजिए।
पानी आता भी है तो बेवक्त।

Answer

यह पंक्ति बताती है कि पानी की कमी के कारण नल में पानी अनियमित समय पर आता है, जैसे देर रात या सुबह जल्दी, जिससे लोगों को परेशानी होती है।
पंक्तियों पर चर्चा

5

• “देश के कई हिस्सों में तो अकाल जैसे हालात बन जाते हैं।

Answer

यह दर्शाता है कि गर्मियों में पानी की भारी कमी के कारण कई जगहों पर सूखे जैसे हालात हो जाते हैं।
पंक्तियों पर चर्चा

6

• “कुछ दिनों के लिए सब कुछ थम जाता है।

Answer

बरसात में बाढ़ के कारण सड़कें, स्कूल, और अन्य गतिविधियाँ रुक जाती हैं, जिससे जीवन प्रभावित होता है।
पंक्तियों पर चर्चा

7

• “अकाल और बाढ़ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

Answer

यह पंक्ति कहती है कि पानी की कमी (अकाल) और अधिकता (बाढ़) दोनों एक ही समस्या के दो रूप हैं, जिन्हें जल-चक्र को समझकर हल किया जा सकता है।
पंक्तियों पर चर्चा

8

लेख को एक बार पुनः पढ़िए और निम्नलिखित के विषय में पता लगाकर लिखिए।
(
) पाठ में धरती को एक बहुत बड़ी गुल्लक क्यों कहा गया है?

Answer

धरती को गुल्लक इसलिए कहा गया क्योंकि यह वर्षा के पानी को तालाबों, झीलों और नदियों में जमा करती है, जैसे हम गुल्लक में पैसे जमा करते हैं। यह जमा पानी भूजल भंडार को समृद्ध करता है, जिसे हम बाद में उपयोग कर सकते हैं।
सोच-विचार के लिए

9

() जल-चक्र की प्रक्रिया कैसे पूरी होती है?

Answer

जल-चक्र की प्रक्रिया इस प्रकार पूरी होती है:
वाष्पीकरण: सूर्य की गर्मी से पानी समुद्र, झीलों और नदियों से वाष्प के रूप में उड़कर वायुमंडल में जाता है।
संघननयह वाष्प ठंडी हवा में ऊपर जाकर बादल बनाता है।
वृष्टि: बादल से पानी बरसकर पृथ्वी पर वापस आ जाता है, यह बारिश, बर्फ या ओले के रूप में हो सकता है।
संचरण: बारिश का पानी जमीन में समा जाता है और भूजल में बदल जाता है।

यह चक्र लगातार चलता रहता है, जिससे जल का संतुलन बनाए रखा जाता है।

सोच-विचार के लिए

10

() यदि सारी नदियाँ, झीलें और तालाब सूख जाएँ तो क्या होगा?

Answer

यदि सारी नदियाँ, झीलें और तालाब सूख जाएँ तो धरती पर भयंकर जल संकट उत्पन्न हो जाएगा। पीने, सिंचाई और उद्योगों के लिए पानी उपलब्ध नहीं होगा। पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और मनुष्य सभी प्रभावित होंगे और जीवन संकट में पड़ जाएगा।
सोच-विचार के लिए

11

() पाठ में पानी को रुपयों से भी कई गुना मूल्यवान क्यों बताया गया है?

Answer

पाठ में पानी को रुपयों से भी कई गुना मूल्यवान इसलिए बताया गया है क्योंकि पानी के बिना जीवन असंभव है, जबकि रुपयों से सब कुछ नहीं खरीदा जा सकता।
सोच-विचार के लिए

12

() इस पाठ का शीर्षकपानी रे पानीदिया गया है। पाठ का यह नाम क्यों दिया गया होगा? अपने सहपाठियों के साथ चर्चा करके लिखिए। अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।

Answer

इस पाठ का शीर्षक 'पानी रे पानी' इसलिए दिया गया है क्योंकि यह पाठ पानी की महत्ता, उसके संकट, और उसके संरक्षण की आवश्यकता को दर्शाता है। 'रे' शब्द एक पुकार की तरह प्रयोग हुआ है, जिससे यह दर्शाया गया है कि इंसान आज पानी के लिए पुकार रहा है। यह शीर्षक पाठ की विषयवस्तु से पूरी तरह मेल खाता है और भावनात्मक प्रभाव भी छोड़ता है।
कारण: यह नाम पाठ के भाव और संदेश को प्रभावी ढंग से प्रकट करता है कि पानी अब दुर्लभ हो गया है और हमें इसके संरक्षण के लिए गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।
शीर्षक

13

() आप इस पाठ को क्या नाम देना चाहेंगे? इसका कारण लिखिए।

Answer

मैं इस पाठ का नाम जल है तो जीवन है दूँगा।
कारण
• यह नाम पानी के महत्व को स्पष्ट करता है और बताता है कि पानी के बिना जीवन संभव नहीं।
• यह लोगों को पानी संरक्षण के लिए प्रेरित करता है।
शीर्षक

14

बात पर बल देना

हमारी यह धरती भी इसी तरह की एक गुल्लक है।
हमारी यह धरती इसी तरह की एक गुल्लक है।

() इन दोनों वाक्यों को ध्यान से पढ़िए। दूसरे वाक्य में कौन-सा शब्द हटा दिया गया है? उस शब्द को हटा देने से वाक्य के अर्थ में क्या अंतर आया है, पहचान कर लिखिए।

Answer

हटाया गया शब्द और अर्थ में अंतर:
• दूसरे वाक्य में भी शब्द हटा दिया गया है।

अर्थ में अंतर:
• पहला वाक्य (“हमारी यह धरती भी...”) यह दर्शाता है कि धरती के अलावा और भी चीजें गुल्लक की तरह काम करती हैं, और धरती उनमें से एक है। ‘भी’ शब्द तुलना और जोर देता है।
• दूसरा वाक्य (“हमारी यह धरती...”) केवल धरती को गुल्लक बताता है, बिना किसी तुलना के, जिससे वाक्य का प्रभाव कम हो जाता है।

शब्दों की बात

15

() पाठ में ऐसे ही कुछ और शब्द भी आए हैं जो अपनी उपस्थिति से वाक्य में विशेष प्रभाव उत्पन्न करते हैं। पाठ को फिर से पढ़िए और इस तरह के शब्दों वाले वाक्यों को चुनकर लिखिए।

Answer

पाठ से प्रभाव पैदा करने वाले शब्दों वाले वाक्यः

1. "पानी आता भी है तो बेवक्त।"
• "भी" शब्द यहाँ यह दर्शाता है कि पानी की उपस्थिति भी समस्या है, क्योंकि वह सही समय पर नहीं आता।
2. "कुछ दिनों के लिए सब कुछ थम जाता है।"
• "सब कुछ" शब्द ज़्यादा व्यापक असर दर्शाने के लिए प्रयुक्त हुआ है।
3. "अकाल और बाढ़ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।"
• "एक ही सिक्के के दो पहलू" एक मुहावरे के रूप में प्रयुक्त होकर अर्थ को प्रभावशाली बनाता है।
4. "पानी को रुपयों से भी कई गुना ज़्यादा मूल्यवान बताया गया है।"
• "कई गुना ज़्यादा" शब्द यह दिखाते हैं कि पानी का मूल्य केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, जीवन के दृष्टिकोण से बहुत अधिक है।

शब्दों की बात

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नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों के स्थान पर समान अर्थ देने वाले उपयुक्त शब्द लिखिए। इस कार्य के लिए आप बादल में से शब्द चुन सकते हैं।

() सूरज की किरणें पड़ते ही फूल खिल उठे।
() समुद्र का पानी भाप बनकर ऊपर उठ जाता है।
() अचानक बादल गरजने लगे।?
() जल-चक्र मेंहवा की भी बहुत बड़ी भूमिका है।

Answer

() सूर्य, भास्कर, दिवाकर, दिनकर
() वाष्प, नीर
() मेघ, जलद, वारिद समीर
() वायु, पवन
समानार्थी शब्द

17

देश के कई हिस्सों में तोअकाल जैसे हालात बन जाते हैं
उपयुक्त वाक्य में '' और 'काल' शब्द में जुड़कर एक नया अर्थ दिया है। काल का अर्थ हैसमय, मृत्यु जब अकाल का अर्थ हैकुसमय, सूखा। कुछ शब्दों में काल के आधार से जुकर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या कोई विशेषता उत्पन्न कर देते हैं और इस प्रकार नए शब्दों का निर्माण करते हैं। इस तरह के शब्दों को 'उपसर्ग' कहते हैं।
आइए, कुछ और उपसर्गों की पहचान करते हैं

अब आप भी उपसर्ग के प्रयोग से नए शब्द बनाकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए

Answer


नए शब्दों से बने वाक्य:
सुपात्र: ज्ञान सुपात्र को ही देना चाहिए।
आपात्र: आपात्र को ज्ञान देने से बचना चाहिए।
अज्ञान: ज्ञान अज्ञान को दूर करता है।
विज्ञान: विज्ञान हमें प्रकृति के रहस्य समझने में मदद करता है।
उपसर्ग

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() धरती की गुल्लक में जलराशि की कमी हो इसके लिए आप क्या-क्या प्रयास कर सकते हैं, अपने सहपाठियों के साथ चर्चा करके लिखिए।

Answer

धरती की गुल्लक में जलराशि की कमी न हो इसके लिए प्रयास:
• वर्षा जल संग्रहण प्रणाली को घरों और स्कूलों में लगाना।
• तालाबों और झीलों को साफ रखना और कचरा न फेंकना।
• पेड़-पौधे लगाना ताकि भूजल रिसाव बढ़े।
• पानी का कम उपयोग करना, जैसे नहाते समय बाल्टी का उपयोग करना।
• लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक करना।
आपकी बात

19

() इस पाठ में एक छोटे से खंड में जल-चक्र की प्रक्रिया को प्रस्तुत किया गया है। उस खंड की पहचान करें और जल-चक्र को चित्र के माध्यम से प्रस्तुत करें।

Answer

इस पाठ में जल-चक्र की प्रक्रिया इस खंड में दी गई है: "पानी सूरज की गरमी से वाष्प बनकर ऊपर उठता है... और वर्षा के रूप में वापस धरती पर आता है।"
[सूरज] [समुद्र से भाप बनना] [बादल बनना] [नदियाँ, तालाब, झीलें] [वर्षा होना] [भूजल भंडार] [समुद्र में वापस]
जल-चक्र का चित्र
आपकी बात

20

() अपने द्वारा बनाए गए जल-चक्र के चित्र का विवरण प्रस्तुत कीजिए। 

Answer

जल-चक्र के चित्र का विवरण:
वाष्पीकरण (Evaporation): सूर्य की गर्मी से नदियों, तालाबों और समुद्रों का पानी भाप बनकर ऊपर उठता है।
संघनन (Condensation): भाप ठंडी होकर बादलों में बदल जाती है।
वर्षा (Precipitation): बादल भारी होकर वर्षा के रूप में जल को वापस धरती पर गिराते हैं।
संचयन और बहाव (Collection and Run-off): वर्षा का जल नदियों, झीलों और समुद्रों में जाकर एकत्र होता है और जल-चक्र फिर से शुरू हो जाता है।
आपकी बात

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() कल्पना कीजिए कि किसी दिन आपके घर में पानी नहीं आया। आपके विद्यालय जाना है। आपके घर में सभी को एक सार्वजनिक नल से अपनी बाल्टी अथवा लोटे वहाँ पहुँचते हैं और ठीक उसी समय आपके पड़ोसी भी पानी लेने पहुँच जाते हैं। अब दोनों ही अपनी-अपनी बाल्टी पहले भरना चाहते हैं। ऐसी परिस्थिति में आपसे में किसी प्रकार का विवाद (तु-तु मैं-मैं) हो, यह ध्यान में रखते हुए पाँच संदेश वाक्य (स्लोगन) तैयार कीजिए।

Answer

पाँच संदेश वाक्य (स्लोगन):
1. “पानी है अनमोल, बारी-बारी से लो।”
2. “सबको मिले पानी, न करो तू-तू मैं-मैं।”
3. “पानी बचाओ, प्यार से बाँटो।”
4. “जल है जीवन, मिलकर करें सम्मान।”
5. “एकजुट होकर पानी लें, विवाद नहीं करें।

इन स्लोगनों से हम सबको यह सीखने को मिलता है कि थोड़ा धैर्य, सहयोग और समझदारी से किसी भी परिस्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है।

सृजन

22

() "सूरज, समुद्र, बादल, हवा, धरती, फिर बरसात की बूँद और फिर बहती हुई एक नदी और उसके किनार वसता तुम्हारा, हमारा घर, गाँव या शहर!"
इस वाक्य को पढ़कर आपके सामने कोई एक चित्र उभर आया होगा, उस चित्र को बनाकर उसमें रंग भरिए।

Answer

सृजन

23

नीचे हम सबके दिनचर्या से जुड़ी कुछ गतिविधियों के चित्र हैं। इन चित्रों पर बातचीत कीजिए जो धरती पर पानी के संकट को कम करने में सहायक हैं और उन चित्रों पर भी बात करें जो पानी की गुल्लक को जल्दी खाली कर रहे हैं।

Answer

पानी के संकट को कम करने वाली गतिविधियाँ:
• वर्षा जल संग्रहण टैंक में पानी जमा करना।
• तालाबों की सफाई और रखरखाव।
• पेड़ लगाना, जो भूजल रिसाव को बढ़ाता है।
• कम पानी से नहाना और बर्तन धोना।

पानी की गुल्लक को खाली करने वाली गतिविधियाँ:
• नल को खुला छोड़ना।
• तालाबों में कचरा फेंकना।
• अनावश्यक रूप से मोटर पंप का उपयोग करना।
• जंगल काटना, जिससे भूजल रिसाव कम हो।

पानी रे पानी

24

सभी को अपनी आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त पानी कैसे मिलेइस विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन करें। परिचर्चा के मुख्य बिंदुओं को आधार बनाते हुए रिपोर्ट तैयार करें।

Answer

परिचर्चा की रिपोर्ट
विषय: सभी को अपनी आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त पानी कैसे मिले
स्थानःकक्षा-7
तिथिXX मई 2025
आयोजकःविज्ञान एवं पर्यावरण क्लब
मुख्य बिंदु:
1. वर्षा जल संग्रहण: हर घर और स्कूल में वर्षा जल संग्रहण प्रणाली लगाई जाए।
2. जल स्रोतों की रक्षा: तालाबों, नदियों और झीलों को कचरे से बचाना और उनकी सफाई करना।
3. पानी का समान वितरण: सार्वजनिक नलों पर पानी बारी-बारी से लिया जाए, ताकि सभी को मिले।
4. जागरूकता: लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक करना, जैसे कम पानी से काम करना।
5. सरकारी प्रयास: स्थानीय प्रशासन द्वारा भूजल स्तर बढ़ाने के लिए योजनाएँ शुरू करना।

निष्कर्ष: सभी को पानी मिले, इसके लिए सामूहिक प्रयास, जागरूकता और जल प्रबंधन जरूरी है।

सबका पानी

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(क्या आपने कभी यह जानने का प्रयास किया है कि आपके घर में एक दिन में औसतन कितना पानी खर्च होता है? अपने घर में पानी के उपयोग से जुड़ी एक तालिका बनाइए। इस तालिका के आधार पर पता लगाइए -
• घर के कार्यों में एक दिन में लगभग कितना पानी खर्च होता है? (बालटी, घड़े या किसी अन्य बर्तन को मापक बना सकते हैं)
• आपके माँ और पिता या घर के अन्य सदस्य पानी बचाने के लिए क्या-क्या उपाय करते हैं?

Answer

हाँ, मैंने यह जानने की कोशिश की है कि मेरे घर में एक दिन में औसतन कितना पानी खर्च होता है। नीचे एक तालिका दी गई है:

पानी बचाने के उपाय:
• मेरी माँ बर्तन धोते समय नल को बंद रखती हैं।
• पिताजी गाड़ी धोने में बाल्टी का उपयोग करते हैं, पाइप नहीं।
• मैं पौधों को नहाने के बाद बचे पानी से सींचता हूँ।
दैनिक कार्य में पानी

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() क्या पानी का उपयोग अनावश्यक रूप से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कहाँ और कैसे?

Answer

हाँ, हमारे घर में पानी नियमित रूप से आता है। नगर निगम की ओर से सुबह के समय नल में पानी आता है, लेकिन कभी-कभी गर्मियों में पानी की कमी हो जाती है।
दैनिक कार्य में पानी

27

(आपके घर में दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पानी का संचयन कैसे और किन पात्रों में किया जाता है?
जन-सुविधा के रूप में जल
नीचे दिए गए चित्रों को ध्यान से देखिए-

इन चित्रों के आधार पर जल आपूर्ति की स्थिति के बारे में अपने साथियों से चर्चा कीजिए और उसका विवरण लिखिए।

Answer

हमारे घर में पानी का संग्रह बाल्टी, टंकी और मटकों में किया जाता है। टंकी की मदद से ऊपरी मंजिल पर भी पानी पहुँचता है।
जल आपूर्ति की स्थिति (चित्रों के आधार पर विवरण):
• इन चित्रों से स्पष्ट होता है कि बहुत सारे लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं। कहीं लोग टैंकर से पानी भर रहे हैं, कहीं नदी या पोखर से, तो कहीं जल रेल द्वारा पानी पहुँचाया जा रहा है। यह स्थिति बताती है कि जल संकट बहुत गंभीर है और सब जगह पर्याप्त जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
• हमें जल बचाने की आदत डालनी चाहिए और जल संरक्षण के उपाय अपनाने चाहिए, जैसे वर्षा जल संचयन, टपक सिंचाई, और रिसाव रोकना।
दैनिक कार्य में पानी

28

() पाठ में मूल स्तर से कम होने के कुछ कारण बताए गए हैं, जैसेतालाबों में कचरा फेंककर भरना आदि। मूल स्तर कम होने के और क्या-क्या कारण हो सकते हैं? पता लगाइए और कक्षा में प्रस्तुत कीजिए। (इशारे लिए आप अपने सहपाठियों, शिक्षक और घर के सदस्यों की सहायता भी ले सकते हैं)

Answer

भूजल स्तर कम होने के अन्य कारण:
• जंगलों की कटाई, जिससे वर्षा कम होती है।
• अधिक खेती के लिए भूजल का अत्यधिक उपयोग।
• फैक्ट्रियों द्वारा पानी का दुरुपयोग।
• सीमेंट की सड़कों और इमारतों से पानी का रिसाव कम होना।
बिन पानी सब सून

29

() भूजल स्तर की कमी से हमें आजकल किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है?

Answer

कठिनाइयाँ:
• नलों में पानी की कमी, जिससे लोग रात को या सुबह जल्दी पानी भरते हैं।
• खेती के लिए पानी न मिलना, जिससे फसलें बर्बाद होती हैं।
• गर्मियों में सूखा और पानी के लिए लंबी लाइनें।
• पीने के पानी की कमी, जिससे स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ती हैं।
बिन पानी सब सून

30

() आपके विद्यालय, गाँव या शहर के स्थानीय प्रशासन द्वारा भूजल स्तर बढ़ाने के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं, पता लगाकर लिखिए।

Answer

प्रशासन के प्रयास:
• वर्षा जल संग्रहण के लिए स्कूलों और सरकारी भवनों में टैंक बनाए जा रहे हैं।
• तालाबों की सफाई और गहरा करने की योजनाएँ।
• पेड़ लगाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
• भूजल उपयोग पर नियम बनाए गए हैं, जैसे अधिक गहरे बोरवेल पर रोक।
बिन पानी सब सून

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वर्षा-जल संग्रहण
वर्षा के जल को एकत्र करना और उसका भंडारण करके बाद में प्रयोग करना जल की उपलब्धता में वृद्धि करने का एक उपाय है। इस उपाय द्वारा वर्षा का जल एकत्र करने को 'वर्षा जल संग्रहण' कहते हैं। वर्षा जल संग्रहण का मूल उद्देश्य यही है कि "जल जहाँ गिरे वहीं एकत्र कीजिए।" वर्षा जल संग्रहण की एक तकनीक इस प्रकार है-
छत के ऊपर वर्षा-जल संग्रहण
इस प्रणाली में भवनों की छत पर एकत्रित वर्षा जल को पाइप द्वारा भंडारण टंकी में पहुँचाया जाता है। इस जल में छत पर उपस्थित मिट्टी के कण मिल जाते हैं। अतः इसका उपयोग करने से पहले इसे स्वच्छ करना आवश्यक होता है।
अपने घर या विद्यालय के आस-पास, मुहल्ले या गाँव में पता लगाइए कि वर्षा जल संग्रहण की कोई विधि अपनाई जा रही है या नहीं? यदि हाँ, तो कौन-सी विधि है? उसके विषय में लिखिए। यदि नहीं, तो अपने शिक्षक या परिजनों की सहायता से इस विषय में समाचार पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए।

Answer

वर्षा जल संग्रहण पर उत्तर / पत्र का उदाहरण
मेरे गाँव/मुहल्ले/विद्यालय में वर्षा जल संग्रहण की एक विधि अपनाई जा रही है। हमारे यहाँ छतों पर वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था है। छत पर गिरे हुए पानी को पाइप के माध्यम से एक टंकी में एकत्र किया जाता है। इस पानी को उपयोग करने से पहले साफ़ किया जाता है ताकि इसमें छत की मिट्टी और गंदगी न रहे। इससे जल की बचत होती है और सूखे के समय पानी की उपलब्धता बनी रहती है।
यदि आपके गाँव/मुहल्ले में ऐसी व्यवस्था नहीं है, तो आप इस प्रकार का पत्र भी लिख सकते हैं:
समाचार पत्र के संपादक को पत्र (वर्षा जल संग्रहण के लिए)
प्रति,
संपादक महोदय,
[समाचार पत्र का नाम]
[स्थान]
विषय: वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता

महोदय,
वर्तमान समय में जल संकट एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। हमारे गाँव/मुहल्ले/विद्यालय में वर्षा जल संग्रहण की कोई व्यवस्था नहीं है। यदि हम वर्षा के जल को इकट्ठा करके सही तरीके से संग्रहीत करें, तो जल की उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है और सूखे के समय इसका लाभ उठाया जा सकता है। मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्र में लेख प्रकाशित करें ताकि अधिक से अधिक लोग वर्षा जल संग्रहण के महत्व को समझें और इसे अपनाएँ।

धन्यवाद,
आपका विश्वासी,
[आपका नाम]
[स्थान]
[दिनांक]

यह भी जानें

32

जल के प्राकृतिक स्रोत हैंवर्षा, नदी, झील और तालाब। दिए गए वर्ग में जल और इन प्राकृतिक स्रोतों के समानार्थी शब्द ढूँढिए और लिखिए।

Answer


वर्षाबारिश, मेह
नदीप्रवाहिनी, तटिनी, तरंगिणी
झील /तालाबाजलाशय, सर, ताल, सरोवर
जलनीर, अंबु, वारि, सलिल

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पानी से संबंधित गीत या कविताओं का संकलन कीजिए और इनमें से कुछ को अपनी कक्षा में प्रस्तुत कीजिए। इसके लिए आप अपने परिजनों एवं शिक्षक अथवा पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।

Answer

1. कविता: "पानी अमूल्य धन है"
लेखक: अज्ञात
पानी-पानी हर कोई पुकारे,
बिन पानी सब सूना है प्यारे।
बूँद-बूँद का मोल समझो,
पानी को यूँ मत बहाओ।
खेतों में जब न पानी होगा,
भूखा पेट फिर कैसे रोज़ा।
नहाना, धोना सब ठीक है,
पर जल बचाना और भी ठीक है।

2. कविता: "बचाओ-बचाओ पानी"
लेखक: कक्षा उपयोग के लिए सरल कविता
बूँद-बूँद है अनमोल,
इसे ना करो यूँ गोलमाल।
नल खुले ना छोड़ो कभी,
बरबादी की ना हो वजह अभी।
जल ही जीवन का है नाम,
इसे बचाना है काम तमाम।

3. कविता: "जल बचाओ, जीवन बचाओ"
लेखक: अज्ञात
जीवन है पानी से प्यारा,
इसका ना हो जाए किनारा।
पानी बचाकर रखो सदा,
ताकि रहे ये सबका भला।

खोजबीन के लिए

34

प्रश्न: ‘पानी रे पानीऔरपाल के किनारे रखा इतिहासमें आपको कौन-कौन सी बातें समान लगीं? उनके विषय में अपने सहपाठियों के साथ चर्चा कीजिए।

Answer

समान बातें:
1. पानी की महत्ता: दोनों लेख पानी को जीवन का आधार बताते हैं। ‘पानी रे पानी’ में पानी को रुपये से अधिक कीमती कहा गया, और ‘पाल के किनारे...’ में तालाब बनाना अच्छा काम बताया गया।
2. तालाबों का महत्व: दोनों में तालाबों को धरती की गुल्लक के रूप में देखा गया, जो पानी जमा करते हैं।
3. समाज के लिए योगदान: ‘पानी रे पानी’ में जल संरक्षण और ‘पाल के किनारे...’ में तालाब बनाना समाज के लिए लाभकारी बताया गया।
4. प्रकृति और मानव का संबंध: दोनों लेख प्रकृति (पानी, तालाब) और मानव जीवन के बीच गहरा संबंध दर्शाते हैं।

चर्चा: दोनों लेख हमें पानी और तालाबों की रक्षा करने की प्रेरणा देते हैं, ताकि भविष्य में पानी की कमी न हो। 

साझी समझ