NCERT Solutions for Lokgeet Class 6 Vasant Hindi
Book Solutions1
Answer
इस निबंध में लोकगीत के निम्नलिखित पक्षों की चर्चा हुई हैं।
1. लोकगीत में महिलाओं का योगदान.
2. लोकगीत के प्रकार
3. लोकगीत की लोकप्रियता
4. लोकगीत और शास्तीय संगीत में अन्तर
5. लोकगीत का महंतत्व
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Answer
हमारे यहाँ कई लोकगीत हैं जिन्हें स्त्रीयों का लोकगीत कहाँ जा सकता हैं जैसे -
1. विवाह के विभिन्न रीति पर गाये जाने वाले गीत ।
2. बच्चों के जन्म पर गाये जाने वाले गीत ।
3. स्नान लेने के रास्ते के गीत।
4. नदियों और खेतो पर गाये जाने वाले गीत।
5. सगे-सम्बन्धियों के लिए प्रेमयुक्त गली।
6. बिहार का सोहर के लोकगीत इत्यादि।
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Answer
लोकगीत की कई विशेषताएँ हैं, जैसे -
1. इसका संगीत और बोल बहुत ही सरल होते हैं। मामूली सी बासुरी, करतल, मंजीरा या ढोल से भी इसको संगीत दिया जा सकता।
शास्त्रीय संगीत के अपेक्ष इसको गाने के लिए ज्ञानी होने की कोई ज़रूरत नहीं हैं।
2. लोकगीतों में ताज़गी होती हैं, ये गॉव के लोगो की रचना हैं, और उन्हीं की रोज़मर्रा की ज़िंदगी के बारे में होते हैं।
3. यह आम जनता के गीत माने जाते हैं।
4. लोकगीतों को साम्हो में मिलकर गाया जाता हैं। इनको विवाह, जन्म त्यौहार जैसे अवसरों पर भी गाया जाता हैं।
5. हर भाषा, हर राज्य, हर गाँव का अपना लोकगीत होता हैं, लेकिन वे गायक और श्रोतागण के मन में उमंग और उत्साह भर देते हैं।
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Answer
हर क्षेत्र के अपने-अपने लोकगीत होते हैं उनकी रचना वहाँ के ग्रामीणों ने करी हैं उन रचनाकार को ही हम विद्यापति कहते हैं। अर्थात जिस तरह मिथिला क्षेत्र में मैथिल - कोकिल विद्यापति के गीत लोकप्रिय हैं, उसी प्रकार हर क्षेत्र का अपना विद्यापति होता हैं।1
Answer
लोकगीत और नृत्य गाँव से उत्पन हुए हैं और ज़्यदातर वहीं पाए जाते हैं परन्तु यह ज़रूरी नहीं। शहर में कई प्रांतो और गाँव से आए लोग बस्ते हैं, वे लोग अपने साथ अपने लोकगीत भी ले आते हैं। वे उन गीत को विवाह, जन्म आदि अवसरों में गाते हैं। विविधता के कारण कई लोकगीत का सम्मेलन भी सुनने को मिलता हैं। शहर में लोकगीत गाँव से कम प्रचलित हैं लिकेन शहरी लोग भी उन्हें सुनकर व गाकर उतना ही आनंदित होते जितने ग्रामीण लोग।2
Answer
ऊपर लिखित पंक्तियों से मैं पूरी तरह से सहमत हूँ, लोकगीत से लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट आती हैं। इससे आनंद प्राप्त करने के लिए केवल उस भाषा का ज्ञान होना चाहिए। कोई अनपढ भी इन गीतों को सुनकर अपने ह्रदय में आनंद समा सकता हैं।1
Answer
लोकहित(अर्थ - जनकल्याण) - प्रधान मंत्री की योजना लोकहित के लिए बनाई गई हैं।
लोकतंत्र(अर्थ -जनतंत्र)- भारत विष्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं।
[ऐसे ही कुछ शब्द लिखिए।]
यह सब शब्द लोग यानि जनता से सम्बंदित हैं।
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बारहमासा गीत में साल के बारह महीनों का वर्णन होता है । अगले पृष्ठ पर विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं । इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है ? इस सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते हो ।
1. इकतारा
2. सरपंच
3. चारपाई
4. छमाही
5. सप्तर्षि
6. नवरात्र
7. अठन्नी
8. चौराहा
9. तिराहा
10. दोपहर
Answer
1. इकतारा - राजस्थानी लोकगीत में इस्तमाल होने वाला संगीत वादक यंत्र ।
2. सरपंच - गाँव के पाँच अनुभवी, बुद्धिमान बुजुर्गो का समूह।
3. चारपाई -चार पैर वाला।
4. सप्तऋषि - सात ऋषियों का समूह।
5. अठन्नी - आठ आने का सिक्का ।
6. तिराहा - तीन रास्तो वाली जगह।
7. दोपहर- दिन के 12:00 से शाम तक का समय।
8. छमाही - छः महीनों का समूह।
9. नवरात्र -नौ रातों का समूह।
10. चौराहा -चार रास्तो वाली जगह।
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को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं । ' झाँसी की रानी' पाठ में तुमने का के बारे में जाना । नीचे ' मंजरी जोशी ' की पुस्तक ' भारतीय संगीत की परंपरा ' से भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है । इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है । यह दिखने .... अंग्रेजी के एस या सी अक्षर .... तरह होती है । भारत .... विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे ...... बना यह वाद्य अलग - अलग नामों .... जाना जाता है । धातु की नली घुमाकर एस .... आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे । फूंक मारने ….. एक छोटी नली अलग ....... जोड़ी जाती है । राजस्थान ……… इसे बर्गे कहते हैं । उत्तर प्रदेश ...... यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात ……. रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश. .... नरसिंघा .... नाम से जानी जाती है । राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।
Answer
यह दिखने में अंग्रेजी एस या सी अक्षर की तरह होती है । भारत के विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे का बना यह वाद्य अलग - अलग नामों से जाना जाता है । धातु की नली को घुमाकर एस का आकार इस तरह दिया जाता है, कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे । फूंक मारने को एक छोटी नली अलग से जोड़ी जाती है । राजस्थान में इसे बर्गे कहते हैं । उत्तर प्रदेश में यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात में रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश में नरसिंघा के नाम से जानी जाती है ।राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।