ईदगाह

NCERT Solutions for Chapter 1 ईदगाह Class 11 Antra

Book Solutions

1

‘ईदगाह’ कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है|

Answer

ईद आने से गाँव में हर तरफ उल्लास और चहल-पहल दिखाई दे रहा है| लोग ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे हैं| किसी का कुरते में बटन लगाने के लिए पड़ोस के घर से सुई-तागा माँगना, कड़े जूतों में तेल डालने के लिए तेली के घर जाना, बैलों को सानी-पानी देना जैसे कामों में व्यस्त दिख रहे हैं| सबसे अधिक ख़ुशी बच्चों के चेहरे पर झलक रही है| वे ईदगाह पर लगने वाले ईद के मेले में जाने के लिए उत्सुक हैं| वे मेले में मिठाई तथा खिलौने खरीदने के लिए जमा किए पैसे गिन रहे हैं| इस प्रकार गाँव में सभी ईद के आने की ख़ुशी मना रहे हैं|
प्रश्न-अभ्यास

2

‘उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा| विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंश कर देगी|’– इस कथन के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है|

Answer

यदि मनुष्य के अंदर आशा, उत्साह और साहस हो तो वह कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ता रहता है| हामिद के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं| उसकी बूढ़ी दादी को इस बात की चिंता थी कि इतने कम पैसे में ईद का त्यौहार कैसे मनाएगी| लेकिन हामिद इन बातों से अनजान खुश है क्योंकि उसके मन में आशा की एक किरण है कि उसके माता-पिता एक दिन जरूर आएँगे और उसके लिए अच्छी-अच्छी चीजें लाएँगे| उसके पास मेले में जाने के लिए मात्र तीन ही पैसे हैं, फिर भी वह अपने दोस्तों के साथ बहुत प्रसन्न है| इस प्रकार आशा का प्रकाश मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है|
प्रश्न-अभ्यास

3

‘उन्हें क्या खबर कि चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए|’- इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए|

Answer

ईद के अवसर पर बच्चों में ईदगाह जाने की ख़ुशी झलक रही है| उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं है कि ईद पर खर्च करने के लिए पैसे कहाँ से आएँगे| त्यौहार पर खर्च करने के लिए उनके अब्बा चौधरी के पास पैसे लेने भागे जा रहे हैं| यदि चौधरी पैसे देने से मना कर दे तो ईद की सारी खुशियाँ मुहर्रम के मातम में बदल जाएगी|
प्रश्न-अभ्यास

4

‘मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है|’ इस कथन के सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए कि ‘धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है|'

Answer

प्रस्तुत कहानी ‘ईदगाह’ में ईद के अवसर सभी लोग एक साथ मिलकर ईदगाह जा रहे हैं| यहाँ धन और पद कोई नहीं देखता| इस्लाम की निगाह में सभी एक बराबर हैं| रोजेदारों की पंक्तियाँ एक के पीछे एक न जाने तक कहाँ तक चली गई हैं और जो भी नया आता है कतार में आकर खड़ा हो जाता है| सभी एक साथ मिलकर नमाज पढ़ते हैं और आपस में एक दूसरे के गले मिलते हैं| यहाँ गरीबी-अमीरी, ऊँच-नीच का कोई भेद नहीं है| ईद के इस पावन त्यौहार पर लोग एकसाथ मिलकर खुशियाँ मना रहे हैं| ऐसा लग रह है मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है| इस प्रकार धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है|
प्रश्न-अभ्यास

5(क)

निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
कई बार यही क्रिया होती है....................आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है|

Answer

प्रस्तुत पंक्तियाँ प्रेमचन्द द्वारा रचित ‘ईदगाह’ कहानी से ली गई हैं, जिसमें ईद पर्व के अवसर पर नमाज पढ़ने वाले सभी रोजेदारों की पंक्तिबद्धता और सामूहिकता का सजीव वर्णन किया गया है|

लोग ईदगाह के मैदान में एक साथ पंक्तिबद्ध होकर नमाज पढ़ने की रस्म अदा कर रहे हैं| उनके चेहरे पर ख़ुशी और मन में श्रद्धा और भक्ति के भाव हैं| नमाज पढ़ते समय जब वे एक साथ झुकते और उठते थे तब ऐसा प्रतीत होता है मानो बिजली की लाखों बत्तियाँ एक साथ जल बुझ रही हों| उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था जैसे ये सभी लोग भ्रातृत्व के एक सूत्र में बँधे हुए हैं|

भाषागत विशेषताएँ
• सरल, सहज और प्रवाहपूर्ण खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है|
• उर्दू शब्दावली का प्रयोग किया गया है|
प्रश्न-अभ्यास

5(ख)

बुढ़िया का क्रोध...................स्वाद से भरा हुआ|

Answer

प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘ईदगाह’ कहानी से ली गई हैं| इन पंक्तियों में हामिद द्वारा खरीदकर लाए गए चिमटे को देखकर उसकी बूढ़ी दादी के भावविह्वल होने का सजीव चित्रण किया गया है|

जब हामिद मेले से तीन पैसे में चिमटा खरीदकर लाया तो उसे देखकर दादी को पहले गुस्सा आ गया| हामिद ने बताया कि रोटी सेंकते पर उसकी उँगलियाँ जल जाती थीं इसलिए उसने मेले से चिमटा खरीदा| यह सुनकर दादी का सारा गुस्सा स्नेह में बदल गया और जिसे केवल अनुभव किया जा सकता है| वह शब्दों के माध्यम से हामिद के लिए अपना स्नेह और प्यार व्यक्त नहीं कर पा रही थीं| उनका यह स्नेह खामोशी, गंभीरता तथा भावनाओं से परिपूर्ण था|

भाषागत विशेषताएँ
• सरल, सहज और प्रवाहपूर्ण खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है|
• उर्दू शब्दावली का प्रयोग किया गया है|
प्रश्न-अभ्यास

6

हामिद ने चिमटे की उपयोगिता को सिद्ध करते हुए क्या-क्या तर्क दिए?

Answer

हामिद के चिमटा खरीदने पर उसके दोस्तों ने उसकी हँसी उड़ाई, लेकिन उसने तर्क के बल पर चिमटे की उपयोगिता सिद्ध कर अपने दोस्तों को चुप करा दिया| उसका चिमटा इतना मजबूत है कि जमीन पर पटकने पर भी इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा| कंधे पर रखा तो बंदूक हो गई| हाथ में ले लिया तो फकीरों का चिमटा हो गया और चाहे तो मजीरे का भी काम ले सकते हैं| चिमटा चाहे तो खँजरी का पेट फाड़ सकता है| उसका बहादुर चिमटा आग, पानी, आँधी या तूफ़ान में बराबर डटा रहेगा|
प्रश्न-अभ्यास

7

गाँव से शहर जाने वाले रास्ते के मध्य पड़ने वाले स्थलों का ऐसा वर्णन लेखक ने किया है मानो आँखों के सामने चित्र उपस्थित हो रहा हो| अपने घर और विद्यालय के मध्य पड़ने वाले स्थानों का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए|

Answer

मेरे घर से विद्यालय जाने के रास्ते में पहले एक तालाब आता है जिसमें कमल के फूल खिले हुए हैं| थोड़ा आगे बढ़ने पर शहर का मुख्य बाजार है जहाँ लोगों की भीड़-भाड़ दिखाई देती है| कुछ ही दूरी पर एक पार्क है, जिसमें बच्चे खेलते रहते हैं| मेरे विद्यालय से थोड़ा पीछे एक सार्वजनिक अस्पताल है| मेरे विद्यालय के आस-पास पेड़ लगे हुए हैं, जिसके कारण चारों तरफ हरियाली है|
प्रश्न-अभ्यास

8

‘बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था| बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गई|’ इस कथन में ‘बूढ़े हामिद’ और ‘बालिका अमीना’ से लेखक का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए|

Answer

अमीना को पता चलता है कि हामिद ने चिमटा इसलिए खरीदा क्योंकि उसकी उँगलियाँ रोटी पकाते समय जल जाती थीं| वह हामिद के इस त्याग और अपने प्रति प्यार को देखकर भावुक हो उठती है और रोने लगती है| परिस्थितिवश बूढ़ी अमीना बच्ची की तरह फूट-फूट कर रो रही थी और हामिद बूढ़ों की तरह चुपचाप खड़ा देख रहा था| इसलिए लेखक ने ऐसा कहा है|
प्रश्न-अभ्यास

9

'दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूँदें गिराती जाती थी| हामिद इसका रहस्य क्या समझता!’- लेखक के अनुसार हामिद अमीना की दुआओं और आँसुओं के रहस्य को क्यों नहीं समझ पाया? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए|

Answer

ईद के मेले में जाने के लिए हामिद की दादी ने उसे तीन पैसे दिए थे जिनसे उसने उनके लिए चिमटा खरीद लिया| उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रोटी बनाते समय उसकी दादी की उँगलियाँ जल जाती थीं| यही देखकर अमीना दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूँदें गिराती जाती थी| हामिद इस रहस्य को इसलिए नहीं समझ पाया क्योंकि वह एक छोटा और नादान बालक था|
प्रश्न-अभ्यास

10

हामिद की जगह आप होते तो क्या करते?

Answer

हामिद की जगह मैं होता/होती तो मैं भी यही करती क्योंकि दादी बिना किसी स्वार्थ के बहुत मेहनत करके पाल रहीं थीं| इसलिए उनके लिया ऐसा करना भी बहुत कम है|
प्रश्न-अभ्यास