एक फूल की चाह (Not in Syllabus)

NCERT Solutions for Chapter 10 एक फूल की चाह Class 9 Sparsh

Book Solutions

1(क)(i)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है-
सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृ्दय काँप उठता था।

Answer

मेरा हृदय काँप उठता था
बाहर गई निहार उसे
यही मनाता था कि बचा लूँ
किसी भाँति इस बार उसे।
प्रश्न अभ्यास Page Number 95

1(क)(ii)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है-
पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा। 

Answer

ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर
मंदिर था विस्तीर्ण विशाल
स्वर्ण कलश सरसिज विहसित थे
पाकर समुदित रवि कर जाल।
प्रश्न अभ्यास Page Number 95

1(क)(iii)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है-
पुजारी से प्रसाद फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन स्थिति।

Answer

भूल गया उसका लेना झट
परम लाभ-सा पाकर मैं।
सोचा- बेटी को माँ के ये
पुण्य-पुष्प दूँ जाकर मैं।
प्रश्न अभ्यास Page Number 95

1(क)(iv)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है-
पिता की वेदना और उसका पश्चाताप।

Answer

अंतिम बार गोद में बेटी
तुझको ले न सका मैं हा
एक फूल माँ का प्रसाद भी
तुझको दे न सका मैं हा
प्रश्न अभ्यास Page Number 95

1(ख)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?

Answer

बीमार बच्ची ने देवी माँ के प्रसाद का एक फूल की इच्छा प्रकट की।
प्रश्न अभ्यास Page Number 95

1(ग)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?

Answer

सुखिया के पिता पर मंदिर की पवित्रता भंग करने का आरोप लगाकर दंडित किया गया।
प्रश्न अभ्यास Page Number 95

1(घ)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?

Answer

जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को राख की ढेरी के रूप में पाया।
प्रश्न अभ्यास Page Number 95

1(ङ)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
इस कविता का केन्द्रिय भाव अपने शब्दों में लिखिए।

Answer

इस कविता का केन्द्रिय भाव छुआछूत है। यह मानवता के नाम पर कलंक है। जन्म के आधार पर किसी को अछूत मानना एक अपराध है। मंदिर जैसे पवित्र स्थानों पर अछूत होने पर किसी के प्रवेश पर रोक लगाना सर्वथा अनुचित है। कवि चाहता है कि इस प्रकार की सामाजिक विषमता का शीघ्र अंत हो। सभी को सामाजिक एवं धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त हो।
प्रश्न अभ्यास Page Number 95

1(च)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों बिंबों को छाँटकर लिखिए −
उदाहरण : अंधकार की छाया
(i) .............................
(ii) .................................
(iii) ...........................
(iv) .................................
(v) .............................

Answer

(च) (i) निज कृश रव में
(ii) स्वर्ण-घनों में कब रवि डूबा
(iii) जलते से अंगारे
(iv) विस्तीर्ण विशाल
(v) पतित-तारिणी पाप हारिणी
प्रश्न अभ्यास Page Number 96

2(क)

निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए−
अविश्रांत बरसा करके भी
आँखे तनिक नहीं रीतीं

Answer

आँखें हमेशा रोती रहती हैं।  उनसे आँसू रूपी पानी बरसता रहता है। आँसू कभी समाप्त नहीं होते हैं। इन पंक्तियों में पिता के लगातार निरंतर रोने की दशा का वर्णन किया गया है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 96

2(ख)

निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए−
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

Answer

सुखिया की चिता की आग अब बुझ गई थी। लेकिन उसे देखकर पिता के दिल में दुख से उपजी वेदना की चिता जलने लगी। अर्थ की सुंदरता यह है कि एक चिता बाहर जलकर अभी बुझी है और दूसरी चिता दिल के अंदर जलनी आरंभ हो गई है। इसमें पिता के दुख और उससे उत्पन्न वेदना का वर्णन किया गया है।
प्रश्न अभ्यास Page Number 96

2(ग)

निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए−
हाय! वही चुपचाप पड़ी थी
अटल शांति-सी धारण कर

Answer

चंचल सुखिया बीमारी से पीड़ित होकर ऐसे चुपचाप लेटी हुई थी मानो उसने अटल शांति धारण कर ली हो। यहाँ नटखट बालिका का शांत भाव से पड़े रहने की दशा का वर्णन है।

प्रश्न अभ्यास Page Number 96

2(घ)

निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए−
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी

Answer

मंदिर में आए लोगों ने जब सुखिया के पिता को मंदिर में देखा, तो उन्हें बड़ा गुस्सा आया। लोगों को मंदिर में एक अछूत का आना पसंद नहीं आया। वे एक अछूत का मंदिर में इस प्रकार चले आने को अनर्थ मानने लगे।
प्रश्न अभ्यास Page Number 96