NCERT Solutions for Aksharon ka Mahatva Class 6 Vasant Hindi
Book Solutions1
Answer
पाठ में लेखक के अनुसार अक्षरों के साथ एक नया युग शुरू हुइ हैं। उनके अनुसार अक्षरों के खोज से आदमी 'सभ्य' कहा गया। आदमी अपनी सभी कार्यों का हिसाब-किताब को रखने लगा और उसके साथ - साथ अपनी विचार को भी लिखना शुरू कर दी। आदमी जब से लिखना शुरू कर दिया तब से इतिहास का आरंभ हुआ। किसी कौम या देश का इतिहास तब से शुरू होता है जबसे आदमी के लिखे हुए लेख मिलने लग जाती हैं।2
Answer
मानव ने सबसे पहले अपनी अभिप्राय को चित्रों के सहायता से अभिवयक्त किया। जैसे पशु पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। इसके बाद में भाव-संकेत का उपयोग होने लगा। जैसे सूर्य का चित्र बनाने से दूप या ताप का द्योतक बन गया। इस तरह अनेक भावनाओं का जन्म हुआ। तब जाकर छह साल के बाद आदमी ने अक्षरों की खोज की।3
Answer
अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुँचाने के लिए चित्रों के सहायता से अभिव्यक्त करते थे। जैसे पशु, पक्षियाँ, आदमियों आदि के चित्र।1
Answer
ध्वनि भाषा की एक हिस्सा है। अक्षरों को जोड़ने से ही भाषा बनती है और उनका उच्चारण से ही ध्वनि बन जाती हैं। जैसे हम अक्षरों को लिखकर प्रकट करते है अपनी भावनाओं को वैसे ही अपनी ध्वनि कि सहायता से अपनी अभिप्राय को बोल सकते हैं। इसलिए अक्षर के समान ध्वनि भी महत्त्वपूर्ण हैं।2
Answer
मौखिक भाषा सभी के जीवन में मुख्य पात्र निभाता है। हम प्रति क्षण हमारे भावनाओं को लिखकर प्रकट नहीं कर सकते इसलिए मौखिक भाषा बहुत ही मुख्य हैं।3
Answer
हर वैज्ञानिक खोज के पीछे वैज्ञानी का नाम जुड़ा होता है क्योंकि, ये तबकी बात है जब मनुष्य अपनी किया हुआ काम का हिसाब -किताब रखने लगे।1
Answer
पुराने ज़माने के लोग इसलिए सोचते थे क्योंकि अक्षरों के खोज के ऊपर कोई इतिहास या प्रमाण नहीं हैं।2
Answer
अक्षरों के साथ-साथ मनुष्य अपनी भावनाओं को गीत, नृत्य और कला के रूप में भी व्यक्त करने लगे। खेल भी मनुष्य को अपनी ख़ुशी और मनोरंजन के लिए करना शुरू किया।3
क्या होता अगर......
(1) हमारे पास अक्षर न होते
(2) भाषा न होती
Answer
यदि हमें अक्षरों का ज्ञान न होता तो :
- हम हमारे इतिहास को न जान पाते थे और न ही लिख पाते थे।
- हम हमारे पूर्वजों से कुछ नहीं सीख सकते थे।
- हमारी विकास तेज़ी से न होता।
1
अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। यह शब्द मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बना है।
इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग अलग करके मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो -
असफल ______
अनुचित ______
अपरिचित ______
अदृश्य ______
अनावश्यक ______
अनिच्छा ______
Answer
असफल - सफल
अनुचित - उचित
अपरिचित- परिचित
अदृश्य - दृश्य
अनावश्यक - आवश्यक
अनिच्छा - इच्छा
2
वैसे तो संख्याएँ संज्ञा होती हैं पर कभी-कभी ये विशेषण का काम भी करती हैं, जैसे नीचे लिखे वाक्य में -
हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
- हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
- कोई दस हज़ार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश 'साल' संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीज़ों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सके, जैसे- चार जैसे-चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज़ को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा मापतोल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है-
- तीन जग पानी
- एक किलो चीनी
यहाँ रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध मापतोल से है। अब आगे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में दिए गए मापतोल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।
प्याला कटोरी एकड़ मीटर लीटर किलो ट्रक चम्मच |
तीन _____ खीर
छह _____ कपड़ा
दो _____ कॉफ़ी
एक _____ दूध
दो _____ ज़मीन
एक _____ रेत
पाँच _____ बाजरा
तीन _____ तेल
Answer
तीन कटोरी खीर
छह मीटर कपड़ा
दो प्याला कॉफ़ी
एक लीटर दूध
दो एकड़ ज़मीन
एक ट्रक रेत
पाँच किलो बाजरा
तीन चमच्च तेल