निर्मला पुतुल

NCERT Solutions for Chapter 20 आओ, मिलकर बचाएँ Class 11 Aroh

Book Solutions

1

‘माटी का रंग’ प्रयोग करते हुए किस बात की ओर संकेत किया गया है?

Answer

कविता में ‘माटी के रंग’ का प्रयोग करते हुए झारखंड के संथाल परगना के लोगों की स्वभाविक प्रकृति की ओर संकेत किया गया है| कवयित्री चाहती हैं कि झारखंड के लोगों पर शहरी संस्कृति का प्रभाव न हो तथा उनके व्यवहार में प्रादेशिक गुण बने रहें| उनकी भाषा का झारखंडी स्वभाव नष्ट न हो|
कविता के साथ

2

भाषा में झारखंडीपन से क्या अभिप्राय है?

Answer

झारखंडीपन का अर्थ है झारखंड के लोगों की अपनी भाषा| झारखंड के लोगों की अपनी मूल भाषा है,जिसका विशिष्ट उच्चारण और स्वभाव है| यह उनकी संस्कृति को अलग पहचान प्रदान करता है|
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3

दिल के भोलेपन के साथ-साथ अक्खड़पन और जुझारूपन को भी बचाने की आवश्यकता पर बल क्यों दिया गया है?

Answer

कवयित्री ने झारखंड के आदिवासियों के अक्खड़पन और जुझारूपन को बचाने की आवश्यकता पर बल दिया है| दिल का भोलापन उनके सरल तथा सहज स्वभाव को दर्शाता है| वे इतने भोले-भाले हैं कि शहरी संस्कृति उन पर गलत प्रभाव डाल सकती हैं| इसलिए कवयित्री चाहती हैं कि सरल स्वभाव के साथ-साथ उनमें अकड़पन भी हों जिससे कि उन्हें सही-गलत की समझ हो सके| कवयित्री उनके जुझारूपन या संघर्षशील स्वभाव को बचाना चाहती हैं ताकि वे कठिन परिस्थितियों में भी लड़ने के काबिल हों|
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4

प्रस्तुत कविता आदिवासी समाज की किन बुराइयों की ओर संकेत करती है?

Answer

प्रस्तुत कविता में आदिवासी समाज की कई ऐसी बुराइयों का उल्लेख किया गया है जो उनकी संस्कृति को धूमिल कर रहा है-
• उनके जीवन पर शहरी संस्कृति का प्रभाव पड़ रहा है जिसके कारण वे अपनी असली पहचान को भूलते जा रहे हैं|
• संथाली समाज अभी भी अशिक्षित है|
• उनका झुकाव शराब की ओर अधिक हो रहा है|
• उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी है|
• धनुष-बाण संथाल परगना की पहचान है| लेकिन आदिवासियों की ये पहचान अब खो चुकी है|
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5

इस दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है- से क्या आशय है?

Answer

कवयित्री ने आज के अविश्वास भरे दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है, इसलिए कहा है क्योंकि आज के युग में बढ़ती अविश्वास तथा एक दूसरे के बीच के ईर्ष्या और द्वेष की भावना आदिवासी समाज को पूरी तरह प्रभावित नहीं कर सकी है| इसलिए कवयित्री उनकी भाषा और संस्कृति के गुणों को बचाना चाहती हैं|
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6(क)

निम्नलिखित पंक्तियों के काव्य-सौन्दर्य को उद्घाटित कीजिए-
ठंडी होती दिनचर्या में
जीवन की गर्माहट

Answer

• कवयित्री ने दिनचर्या में आई नीरसता को दूर करने के लिए ‘गर्माहट’ शब्द का लाक्षणिक प्रयोग किया है|
• छंदमुक्त पंक्तियाँ हैं|
• शब्द प्रतीकात्मक हैं|
• भाषा अत्यंत सरल एवं सहज है|
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6(ख)

थोड़ा-सा अविश्वास
थोड़ी-सी उम्मीद
थोड़े–से सपने
आओ, मिलकर बचाएँ

Answer

• भाषा सहज एवं सुबोध है|
• थोड़ा-सा, थोड़ी-सी, थोड़े–से तीनों शब्दों के प्रयोग से कविता में अभिव्यक्ति अच्छी बन पड़ी है|
• अच्छे भविष्य के लिए सभी को मिलकर चलने की प्रेरणा दी गई है|
• कविता प्रेरणादायक है|
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7

बस्तियों को शहर की किस आबो-हवा से बचाने की आवश्यकता है?

Answer

आदिवासी बस्तियों या समाज को शहरी अपसंस्कृति के प्रभाव से बचाने की आवश्यकता है| शहरों की बढ़ती नग्नता और अश्लीलता आदिवासियों को भी मर्यादाविहीन बना रही हैं| शहरीकरण का प्रभाव बस्तियों को वृक्षविहीन बना रहा है| दिन-प्रतिदिन लोगों की बढ़ती व्यस्तता उनमें अलगावपन को बढ़ावा दे रहा है| इन बस्तियों की अपनी एक विशिष्ट पहचान तथा संस्कृति है जिसे कवयित्री शहर के गलत आबो-हवा से बचाना चाहती हैं|
कविता के साथ

1

आप अपने शहर या बस्ती की किन चीजों को बचाना चाहेंगे?

Answer

हम अपने शहर या बस्ती को निम्नलिखित चीजों से बचाना चाहेंगे:
• आधुनिक युग की बढ़ती व्यस्तता और जड़ता से बचाना चाहेंगे|
• महानगरों में व्याप्त स्वार्थ की भावना तथा ईर्ष्या-द्वेष से भी अपने समाज या बस्ती को बचाना चाहेंगे|
• शहर की अमर्यादित संस्कृति के कुप्रभाव से भी बचाना चाहेंगे|
• तनाव भरी जिंदगी से बचाना चाहेंगे|
कविता के आस-पास

2

आदिवासी समाज की वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करें|

Answer

आदिवासियों की वर्तमान स्थिति पहले की तुलना में बहुत हद तक सुधर चुकी है| सरकार ने इनके क्षेत्र में अनेक विकास के कार्यक्रम लागू किए हैं| इन्हें शिक्षित किया जा रहा है जिससे गरीबी और बेरोजगारी की समस्या दूर हुई है| इन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है| इन क्षेत्रों में यातायात के साधनों का विकास हो चुका है| पुराने रीति-रिवाज और आडंबरों का उन्मूलन किया जा रहा है| वे स्वयं को आधुनिकता के परिवेश में रूपांतरित कर रहे हैं|
कविता के आस-पास