आनुवंशिकता एवं जैव विकास

NCERT Solutions for Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास Class 10 Science

Book Solutions

1

यदि एक ‘लक्षण– A’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा  ‘लक्षण– B’ उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन सा लक्षण पहले उत्पन्न हुआ होगा?

Answer

‘लक्षण– B’ पहले उत्पन्न हुआ होगा क्योंकि पिछली पीढ़ी में मौजूद अलैंगिक प्रजनन वाले लक्षण अगली पीढ़ी में न्यूनतम विविधताओं के साथ पाए जाते हैं| ‘लक्षण– B’ का प्रतिशत उच्च है इसलिए इसके पहले उत्पन्न होने की संभावना है|
Exercise

2

 विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज का अस्तित्व किस प्रकार बढ़ जाता है?

Answer

लैंगिक जनन तथा डी.एन.ए. की गलत प्रतिकृति के कारण विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं| प्रकृति की विविधता के आधार पर विभिन्न जीवों को विभिन्न प्रकार के लाभ हो सकते हैं| उदाहरण के लिए, ऊष्णता को सहन करने की क्षमता वाले जीवाणुओं को अधिक गर्मी से बचने की संभावना अधिक होती है| इस प्रकार विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज का अस्तित्व बढ़ जाता है|
Exercise

3

मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?

Answer

मेंडल ने अपने प्रयोगों में दोनों प्रकार के पैतृक पौधों एवं F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण द्वारा उगाया| पैतृक पीढ़ी के पौधों से प्राप्त सभी संतति भी लंबे पौधों की थी| परंतु F1 पीढ़ी के लंबे पौधों की दूसरी पीढ़ी अर्थात F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे वरन् उनमें से एक चौथाई संतति बौने थे| यह इंगित करता है कि F1 पौधों द्वारा लंबाई एवं बौनेपन दोनों विशेषकों (लक्षणों) की वंशानुगति हुई| परंतु केवल लंबाई वाला लक्षण ही व्यक्त हो पाया| अतः जो गुण प्रभावी होता है वह दृष्टिगत होता है तथा जो गुण स्वयं को अभिव्यक्त नहीं करता वह अप्रभावी गुण कहलाता है|
Exercise

4

मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं?

Answer

गोल बीज वाले लंबे पौधों का यदि झुर्रीदार बीजों वाले बौने पौधों से संकरण कराया जाए तो प्राप्त संतति कैसी होगी? F1 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे व बीज वाले होंगे| मेंडल द्वारा किए गए इस प्रयोग के आधार पर हम कह सकते हैं कि F2 संतति के कुछ पौधे गोल बीज वाले लंबे पौधे होंगे तथा कुछ झुर्रीदार बीज वाले बौने पौधे| परंतु F2 की संतति के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करेंगे| उनमें से कुछ पौधे लंबे परंतु झुर्रीदार बीज तथा कुछ पौधे बौने परंतु गोल बीज वाले होंगे| इस प्रकार के लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं|
Exercise

5

एक ‘A- रुधिर वर्ग’ वाला पुरूष एक स्त्री जिसका रुधिर वर्ग ‘O’ है, से विवाह करता है| उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग- ‘O’ है| क्या यह सूचना पर्याप्त है यदि आपसे कहा जाए कि कौन सा विकल्प लक्षण-रुधिर वर्ग- ‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण है? अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए|

Answer

नहीं, यह सूचना यह बताने के लिए पर्याप्त नहीं है कि कौन सा विकल्प लक्षण-रुधिर वर्ग- ‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण है| इसका कारण यह है कि हम सभी संतति के रुधिर वर्ग के बारे में नहीं जानते हैं| रुधिर वर्ग- ‘A’ अनुवांशिक रूप से AA या AO हो सकता है| इस प्रकार कोई निष्कर्ष निकालने के लिए यह सूचना अपर्याप्त है|
Exercise

6

मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?

Answer

मानव में बच्चों के लिंग का निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें अपने पिता से किस प्रकार का गुणसूत्र प्राप्त हुआ है| सभी बच्चे चाहे वह लड़का हो अथवा लड़की, अपनी माता से ‘X’ गुणसूत्र प्राप्त करते हैं| जिस बच्चे को अपने पिता से ‘X’ गुणसूत्र वंशानुगत प्राप्त हुआ है वह लड़की एवं जिसे पिता से ‘Y’ गुणसूत्र वंशानुगत होता है, वह लड़का|
Exercise

7

वे कौन से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है?

Answer

वे तरीके जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है, निम्नलिखित हैं:
प्राकृतिक चयन- इस तरीके में उत्तरजीविता के लाभ की प्राप्ति होती है|
अनुवांशिक अपवाह- यह बिना किसी अनुकूलन के भी विभिन्नता उत्पन्न करता है| 
यह गुण किसी जीव के जीवन काल में लक्षणों के अधिग्रहण के कारण भी प्राप्त होता है|
Exercise

8

एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यतः अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते| क्यों?

Answer

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक उपार्जित लक्षण में कायिक उत्तकों में होने वाले परिवर्तन शामिल होते हैं जो कि जनन कोशिका अथवा संतति के डी.एन.ए. में कोई अंतर नहीं लाता| इसलिए एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यतः अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते|
Exercise

9

बाघों की संख्या में कमी अनुवांशिकता के दृष्टिकोण से चिंता का विषय क्यों है?

Answer

बाघों की संख्या में कमी अधिक संख्या में विभिन्नता प्रदान नहीं करता, जो स्पीशीज के अस्तित्व के लिए आवश्यक है| किसी जानलेवा बीमारी या आपदा से सभी बाघों की मौत हो सकती है| बाघों की कम संख्या इस बात का संकेत है कि मौजूदा वातावरण उनके अनुकूल नहीं है और उनकी जाति जल्द विलुप्त हो सकती है|
Exercise

10

वे कौन से कारक हैं जो नयी स्पीशीज के उद्भव में सहायक है?

Answer

प्राकृतिक चयन, आनुवांशिक अपवाह और किसी जीव के जीवन काल के दौरान लक्षणों का अधिग्रहण नई स्पीशीज के उद्भव में सहायक है|
Exercise

11

क्या भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारण हो सकता है? क्यों या क्यों नहीं?

Answer

नहीं, भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारण नहीं हो सकता है क्योंकि उसे, उसकी प्रजनन की प्रक्रिया को संपन्न करने के लिए दूसरे पौधों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है|
Exercise

12

क्या भौगोलिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति के उद्भव का प्रमुख कारक हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं? 

Answer

नहीं, क्योंकि भौगोलिक पृथक्करण का अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति उद्भव पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि उसमें प्रजनन को संपन्न करने के लिए किसी दूसरे जीव की आवश्यकता नहीं होती है| 
Exercise

13

उन अभिलक्षणों का एक उदाहरण दीजिए जिनका उपयोग हम दो स्पीशीज के विकासीय संबंध निर्धारण के लिए करते हैं?

Answer

उदाहरण के लिए, पक्षियों, सरीसृप एवं जल-स्थलचर की भाँति ही स्तनधारियों के चार पाद (पैर) होते हैं| सभी में पादों की आधारभूत संरचना एकसमान है, यद्यपि विभिन्न कशेरुकों में भिन्न-भिन्न कार्य करने के लिए इनमें रूपांतरण हुआ है, तथापि पाद की आधारभूत संरचना एकसमान है| ऐसे समजात अभिलक्षण से भिन्न दिखाई देने वाली विभिन्न स्पीशीज के बीच विकासीय संबंध का निर्धारण करते हैं|
Exercise

14

क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?

Answer

दोनों के पंखों के अभिकल्प, उनकी संरचना एवं संघटकों में बहुत अंतर है| वे एक जैसे दिखाई देते हैं क्योंकि वे उड़ने के लिए इसका उपयोग करते हैं परंतु सभी की उत्पत्ति पूर्णतः समान नहीं है| यही कारण है कि तितली और चमगादड़ के पंखों को समवृत्ति अंग कहा जा सकता है न कि समजात अंग|
Exercise

15

जीवाश्म क्या हैं? वे जैव-विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाते हैं?

Answer

मृत्त प्राणियों तथा पौधों के, जो सुदूर अतीत में जीवित थे, अवशेषों को जीवाश्म कहते हैं| 
जीवाश्मों से यह प्रमाण मिलता है कि वर्तमान प्राणी, पूर्व में उपस्थित प्राणियों से सतत विकास की प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न हुए हैं|
Exercise

16

क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं?

Answer

मानव प्रजातियाँ भिन्न रूप से विकसित नहीं हुई हैं| मानव प्राणियों को विभिन्न ‘प्रजातियों’ में विभाजित करने के लिए कोई जैविक आधार नहीं है| सभी मानव प्राणी चाहे गोरे, काले या भूरे रंग या आकृति में भिन्न दिखाई पड़ने के बावजूद एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं|
Exercise

17

विकास के आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी में किसका शारीरिक अभिकल्प उत्तम है? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए|

Answer

विकास को हमेशा प्रगति या बेहतर शारीरिक अभिकल्प के साथ नहीं समझा जा सकता है| शारीरिक अभिकल्प जितना सरल हो, वह उतना ही अधिक उत्तम है| अनेक अति प्राचीन एवं सरल अभिकल्प आज तक अस्तित्व में है| जैसे सरलतम अभिकल्प वाला एक समूह- जीवाणु विषम पर्यावरण जसे कि ऊष्ण झरने, गहरे समुद्र के गर्म स्रोत तथा अन्टार्कटिका की बर्फ में पाए जाते हैं| इसलिए विकास के आधार पर जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी में से जीवाणु का शारीरिक अभिकल्प उत्तम है|
Exercise

18

 मेंडल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफ़ेद पुष्प थे, से कराया गया| इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्प बैंगनी रंग के थे| परंतु उनमें से लगभग आधे बौने थे| इससे कहा जा सकता है कि लंबे जनक पौधों की अनुवांशिक रचना निम्न थी-
(a) TTWW
(b) TTww
(c) TtWW
(d) TtWw

Answer

(c) TtWW
Exercise

19

समजात अंगों का उदाहरण है-
(a) हमारा हाथ तथा कुत्ते का अग्रपाद
(b) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत
(c) आलू एवं घास के उपरिभूस्तारी
(d) उपरोक्त सभी

Answer

(b) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत
Exercise

20

विकासीय दृष्टिकोण से हमारी किस से अधिक समानता है-
(a) चीन के विद्यार्थी
(b) चिम्पैंजी
(c) मकड़ी
(d) जीवाणु

Answer

(a) चीन के विद्यार्थी
Exercise

21

एक अध्ययन से पता चला कि हलके रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक (माता-पिता) की आँखें भी हलके रंग की होती है| इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हलके रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए|

Answer

यह सूचना पर्याप्त नहीं है| लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी, यह जानने के लिए कम से कम तीन पीढ़ियों के आंकड़ों की आवश्यकता होती है| जबकि यहाँ दो पीढ़ी के बारे में जानकारी दी गई है|
Exercise

22

जैव-विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्र किस प्रकार परस्पर संबंधित है|

Answer

वर्गीकरण में आंतरिक तथा बाह्य संरचना या विकास संबंधी इतिहास में समानता के आधार पर एक औपचारिक प्रणाली में जीवों के समूह को शामिल किया जाता है| दो स्पीशीज के मध्य जितने अधिक अभिलक्षण समान होंगे उनका संबंध भी उतना ही निकट का होगा| जितनी अधिक समानताएँ उनमें उनका उद्भव भी निकट अतीत में समान पूर्वजों से हुआ होगा| 

 उदाहरण के लिए, एक परिवार में भाई एवं बहन अति निकट संबंधी हैं| उनसे पहली पीढ़ी में उनके पूर्वज समान थे अर्थात वे एक ही माता-पिता की सन्तान हैं| लड़की के चचेरे/ममेरे भाई-बहन भी उनसे संबंधित हैं परन्तु उसके अपने भाई से कम हैं| इसका मुख्य कारण है कि उनके पूर्वज समान हैं, अर्थात दादा-दादी जो उनसे दो पीढ़ी पहले के हैं, न कि एक पीढ़ी पहले के| अतः इस बात को अच्छी तरह समझा जा सकता है कि स्पीशीज/जीवों का वर्गीकरण उनके विकास के संबंधों का प्रतिबिंब है|
Exercise

23

समजात तथा समरूप अंगों को उदाहरण देकर समझाइए|

Answer

समजात अंग उन अंगों को कहते हैं जो उत्पत्ति तथा संरचना में समान होते हैं लेकिन कार्य में भिन्न होते हैं| जैसे- मानव, छिपकली, पक्षी, चमगादड़ के अग्रपादों की संरचना एकसमान होती है परन्तु भिन्न-भिन्न कार्यों को संपन्न करते हैं, वे समजात अंग होते हैं| 
समरूप अंग वे अंग हैं जिनकी आधारिक संरचना या बनावट भिन्न होती है किन्तु वे समान कार्य को संपन्न करते हैं| जैसे- कीट तथा पक्षियों के पंख|
Exercise

24

कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ज्ञात करने के उद्देश्य से एक प्रोजेक्ट बनाएँ|

Answer

कुत्तों में विभिन्न प्रकार के जीन होते हैं जो उनके खाल के रंग को निर्धारित करते हैं| कुत्तों की जीन श्रृंखला में कम से कम ग्यारह जीन (A, B, C, D, E, F, G, M, P,S, T) की पहचान की गई हैं जो उनके खाल के रंग को प्रभावित करते हैं| 
एक कुत्ते को अपने माता-पिता से जीन वंशानुगत होता है| उदाहरण के लिए, B श्रृंखला में, कुत्ता अनुवांशिक रूप से काला या भूरा रंग का हो सकता है| 
मान लें कि एक समयुग्मीय माता-पिता (BB) का रंग काला का है तथा दूसरे समयुग्मीय (bb) का रंग भूरा|


इस स्थिति में, सभी संतति विषमयुग्मीय (Bb) होंगे| 
चूँकि काले रंग का जीन (B) प्रमुख है, इसलिए सभी संततियों का रंग काला होगा| हालाँकि, उनके अनुवांशिक गुण B एवं b होंगे|
यदि इस प्रकार के विषमयुग्म कुत्ते के बच्चे आपस में संबंध बनाते हैं, तो उनसे 25% समयुग्म काले (BB), 50% विषमयुग्म काले (Bb), और 25% समयुग्म भूरे (bb) रंग की संतति उत्पन्न होगी| 

Exercise

25

विकासीय संबंध स्थापित करने में जीवाश्म का क्या महत्त्व है?

Answer

जीवाश्म विकास के पक्ष में निम्नलिखित प्रमाण उपलब्ध काराते हैं:
वर्तमान प्राणी या पौधे पूर्व में उपस्थित प्राणियों अथवा पौधों से सतत विकास की प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न हुए हैं|
कौन सा जीव पहले विकसित हुआ और कौन बाद में|
सरल जीवों से जटिल स्वरुप वाले जीवों का विकास|
दो समूहों के बीच संबंध स्थापित करना, जैसे- कुछ डायनासॉर में पंखों की उपस्थति का अर्थ है कि पक्षियों तथा सरीसृपों के बीच एक संयोजी कड़ी है|
Exercise

26

किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है?

Answer

एक ब्रिटिश वैज्ञानिक जे.बी.एस. हाल्डेन ने 1929 में यह सुझाव दिया कि जीवों की सर्वप्रथम उत्पत्ति उन सरल अकार्बनिक अणुओं से ही हुई होगी जो पृथ्वी की उत्पत्ति के समय बने थे| उसने कल्पना की कि पृथ्वी पर उस समय का वातवरण, पृथ्वी के वर्तमान वातावरण से सर्वथा भिन्न था| इस प्राथमिक वातावरण में संभवतः कुछ जटिल कार्बनिक अणुओं का संश्लेषण हुआ जो जीवन के लिए आवश्यक थे| सर्वप्रथम प्राथमिक जीव अन्य रासायनिक संश्लेषण द्वारा उत्पन्न हुए होंगे| 

इसकी पुष्टि स्टेनले एल. मिलर तथा हेराल्ड सी. उरे द्वारा 1953 में किए गए प्रयोगों के आधार पर की जा सकती है| उन्होंने कृत्रिम रूप से ऐसे वातावरण का निर्माण किया जो संभवतः प्राथमिक वातावरण (जिसमें अमोनिया, मीथेन तथा हाइड्रोजन सल्फाइड के अणु थे परन्तु ऑक्सीजन के नहीं) के समान थे, पात्र में जल भी था| इसे 100° सेल्सियस से कम तापमान पर रखने पर 15 प्रतिशत कार्बन सरल कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित हो गए| इनमें एमीनो अम्ल भी संश्लेषित हुए जो प्रोटीन के अणुओं का निर्माण करते हैं| इन्हीं प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है|
Exercise

27

अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती है, व्याख्या कीजिए| यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है?

Answer

अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ निम्नलिखित कारणों से अधिक स्थायी होती है:

डी.एन.ए. प्रतिकृति के समय न्यून त्रुटि के कारण, जो अधिक महत्वपूर्ण नहीं है| 
युग्मक निर्माण के समय पैतृक तथा मातृक गुणसूत्र के अनियमित अलगाव के कारण|
युग्मक निर्माण के दौरान अनुवांशिक पदार्थ का समजात गुणसूत्रों के बीच आदान-प्रदान के कारण|

उदाहरण के तौर पर यदि हम गन्ने के खेत को देखें तो हमें व्यष्टिगत पौधों में बहुत कम विभिन्नताएँ दिखाई पड़ेगी, जबकि मानव या अधिकतर जंतु जिनमें लैंगिक जनन पाया जाता है, इनमें व्यष्टिगत स्तर पर अनेक भिन्नताएँ दिखाई देगी| इन सभी विभिन्नताओं को हम जैव विकास के अंतर्गत अध्ययन करते हैं|
Exercise

28

संतति में नर व मादा जनकों द्वारा अनुवांशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है?

Answer

लैंगिक लक्षण गुणसूत्रों द्वारा वंशानुगत होते हैं| मानव में 46 गुणसूत्र होते हैं| मानव में लक्षणों की वंशागति के नियम इस बात पर आधारित हैं कि माता एवं पिता दोनों ही समान मात्रा में अनुवांशिक पदार्थ को संतति (शिशु) में स्थानांतरित करते हैं| मानव में अधिकतर गुणसूत्र माता और पिता के गुणसूत्रों के प्रतिरूप होते हैं| इनकी संख्या 22 जोड़े हैं| परंतु एक युग्म जिसे लिंग सूत्र कहते हैं, जो सदा पूर्णजोड़े में नहीं होते| स्त्री में गुणसूत्र का पूर्ण युग्म होता है तथा दोनों ‘X’ कहलाते हैं| लेकिन नर में यह जोड़ा परिपूर्ण जोड़ा नहीं होता, जिसमें एक गुण सूत्र सामान्य आकार का ‘X’ होता है तथा दूसरा गुणसूत्र छोटा होता है जिसे ‘Y’ गुणसूत्र कहते हैं| मानव में बच्चों के लिंग का निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें अपने पिता से किस प्रकार का गुणसूत्र प्राप्त हुआ है| सभी बच्चे चाहे वह लड़का हो अथवा लड़की, अपनी माता से ‘X’ गुणसूत्र प्राप्त करते हैं| जिस बच्चे को अपने पिता से ‘X’ गुणसूत्र वंशानुगत प्राप्त हुआ है वह लड़की एवं जिसे पिता से ‘Y’ गुणसूत्र वंशानुगत होता है, वह लड़का|
 लैंगिक जनन में नर व मादा युग्मक से समान मात्रा में जनन पदार्थ युग्मित होकर युग्मनज बनाता है, जो अर्द्धसूत्री विभाजन के समय आधा हो जाता है| यही चक्र हमेशा चलता रहता है|
Exercise

29

केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव (व्यष्टि) के लिए उपयोगी होती हैं, समष्टि में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं| क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों एवं क्यों नहीं?

Answer

हाँ, हम इस कथन से सहमत हैं कि केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव (व्यष्टि) के लिए उपयोगी होती हैं, समष्टि में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं| किसी एकल जीव की सभी विभिन्नताओं के साथ अपने अस्तित्व में रहने की बराबर संभावना नहीं होती| उत्तरजीविता की संभावना विभिन्नताओं की प्रकृति पर निर्भर करती है| प्रकृति की विविधता के आधार पर किसी एकल जीव को विभिन्न प्रकार के लाभ हो सकते हैं| उदाहरण के लिए, ऊष्णता को सहन करने की क्षमता वाले जीवाणुओं को अधिक गर्मी से बचने की संभावना अधिक होती है| पर्यावरण कारकों द्वारा उत्तम परिवर्त का चयन जैव विकास प्रक्रम का आधार बनाता है| 
Exercise